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पटना में कल्पवास मेला की शुरूआत, गंगा घाटों में उमड़ी महिलाओं की भीड़

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Published : Oct 14, 2019, 10:31 AM IST

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर आ जाता है.

घाटों पर उमड़ी महिलाओं की भीड़

पटनाः शरद पूर्णिमा के खत्म होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो गई है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक लगातार गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर रहेगा. मेला को लेकर सुबह से ही गंगा स्नान के लिए अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.

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महिलाओं की भीड़

परिवार के सुख समृद्धि की कामना
गंगा स्नान को लेकर सुबह से ही विभिन्न घाटों पर महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है. जहां महिलाओं ने स्नान कर पूजा पाठ किया और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने के अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

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पूजा सामग्री बेचती महिलाएं

लगातार एक महीने तक होती है पूजा
उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया, बाढ़ के उमा नाथधाम, अलखनाथ धाम चले जाते हैं. महिलाएं 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान और पूजा पाठ करती हैं.

घाटों पर उमड़ी महिलाओं की भीड़

कार्तिक माह सबसे पवित्र महीना
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं. इस महीने को त्यौहार का महीना भी कहा जाता है. लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते हैं.

पटनाः शरद पूर्णिमा के खत्म होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो गई है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक लगातार गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर रहेगा. मेला को लेकर सुबह से ही गंगा स्नान के लिए अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.

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महिलाओं की भीड़

परिवार के सुख समृद्धि की कामना
गंगा स्नान को लेकर सुबह से ही विभिन्न घाटों पर महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है. जहां महिलाओं ने स्नान कर पूजा पाठ किया और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने के अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

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पूजा सामग्री बेचती महिलाएं

लगातार एक महीने तक होती है पूजा
उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया, बाढ़ के उमा नाथधाम, अलखनाथ धाम चले जाते हैं. महिलाएं 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान और पूजा पाठ करती हैं.

घाटों पर उमड़ी महिलाओं की भीड़

कार्तिक माह सबसे पवित्र महीना
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं. इस महीने को त्यौहार का महीना भी कहा जाता है. लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते हैं.

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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।


सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- सोनू पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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