पटना: बिहार में शनिवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा. राज्य के 38 जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 1416 मुकदमों का निपटारा किया. यह देश के इतिहास में पहला अभियान है, जिसके तहत जुवेनाइल (Juvenile) से जुड़े मामले निपटाए गए हैं.
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पटना हाइकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह, सदस्य जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस अरविंद श्रीवास्तव की पहल पर मामले में सुनवाई हई. शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद विशेष अभियान चलाया गया.
इस दौरान कोरोना के कारण बहुत दिनों से लंबित बच्चों के मुकदमों का निपटारा किया गया. इनमें 620 छोटे,701 गम्भीर और 95 अत्यंत गम्भीर किस्म के मामले शामिल थे.पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल सेक्रेटेरिएट के अपर निबंधक सुभाष चन्द्र शर्मा की ओर से यह जानकारी दी गई है.
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इस अभियान में सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के साथ ही अन्य सम्बंधित अधिकारियों के सहयोग से जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत बाल सुधार गृह में रहने वाले 40 बच्चों को भी रिहा कर उनके अभिभावकों को सौंपा गया.
आपको बताएं कि पिछले कुछ समय से बाल सुधार गृह से जुड़ी कई शिकायतें सामने आ रही हैं. जिसके तहत वहां की व्यवस्था से नाराजा होकर बच्चे सुधार गृह छोड़कर भी भाग जाते हैं. इसी महीने छपरा के प्रभुनाथ नगर स्थित बाल सुधार गृह (Child Prisoner Home) से 16 बच्चे ग्रिल काटकर भाग निकले. इसकी सूचना मिलते के बाद बाल संरक्षण गृह के कर्मचारियों और पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया. तत्काल चौक-चौराहों, बस स्टैंड और स्टेशनों पर खोजबीन शुरू की गई. हालांकि 8 बच्चों को तुरंत बरामद कर लिया गया.इससे पहले भी कुछ बच्चे ग्रिल तोड़कर भागे थे जिन्हें बाद में वापस लाया गया था. सदर अस्पताल में इलाज के दौरान भी रिमांड होम से कई बच्चे भाग निकले थे, जो बाद में वापस लाए गए थे.