पटना: साल 2020 में बिहार कांग्रेस अपनी सियासी जमीन को तलाशती दिखी. बिहार कांग्रेस के लिए साल 2020 अपने साथ ज्यादा कुछ लेकर नहीं आया बावजूद इसके 2020 बिहार प्रदेश कांग्रेस के लिए कई मामलों में काफी अहम रहा. चाहे वह कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन का समय हो या फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भूमिका हो. कांग्रेस ने हर मुद्दों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
कांग्रेस का दांव, बैकफुट पर सरकार
लॉकडाउन के दौरान बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने अन्य राज्यों से आने वाले बिहार वासियों के प्रवेश पर रोक लगा यह कह दिया था. और कहा कि लॉकडाउन का पालन करें. तब कांग्रेस ने मौके की नजाकत को समझते हुए यह कहा कि सरकार उन्हें लौटने वाले तमाम लोगों की सूची उपलब्ध कराए. कांग्रेस अपने खर्चे पर बिहार वासियों को उनके घर पहुंचाएंगे कांग्रेस के इस फैसले के महज 12 घंटे के भीतर ही नीतीश कुमार बैकफुट पर आते हुए कहा कि बिहार सरकार सभी आने वाले लोगों को उनके घर तक पहुंचाएगी.
'कोरोना महामारी में कई विस्थापित लोग बिहार आए लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के अड़ियल रवैये के चलते उन्हें काफी परेशानियों का समना करना पड़ा'-मदन मोहन झा, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश कांग्रेस
तारिक अनवर का बढ़ा दखल
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी दखल रखने वाले तारिक अनवर को बिहार में एमएलसी बनने के लिए नाम पर मुहर लगाई गई. लेकिन तकनीकी कारण से वो बिहार विधान परिषद के सदस्य नहीं बन पाए, लेकिन बिहार प्रदेश कांग्रेस में उनकी दखल बढ़ गई.
महागठबंधन में सबसे खराब प्रदर्शन
विधानसभा चुनाव के दौरान एक ओर जहां प्रदेश कांग्रेस के नेता अपने अपने क्षेत्रों में दौरा कर चुनाव प्रचार में लगे थे. तो वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी की टीम कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के नेतृत्व में राजधानी पटना में कैंप कर रखा था. इन सबके बावजूद कांग्रेस महागठबंधन की सरकार बनाने में चूक गई, लेकिन पूरे चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त उपस्थिति देखने को मिली.
70 में से सिर्फ 19 सीटों पर मिली जीत
विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस लालू प्रसाद से 70 सीट लेने में कामयाब रहे लेकिन मात्र 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई. आज भी महागठबंधन के कई दलों के साथ कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा महागठबंधन की सरकार नहीं बनने का ठीकरा कांग्रेस को पर फोड़ते है. अब बिहार प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर भी बदलाव के सुर मजबूत हो गए हैं.
'कुछ गड़बड़ी सीट शेयरिंग में हुई और कुछ गड़बड़ियां टिकट बांटने में भी हुई. मैं इन तमाम गड़बड़ियों का जिम्मेवार सबसे ज्यादा खुद को मानता हूं'-मदन मोहन झा, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश कांग्रेस
नेतृत्व को लेकर बदलाव के सुर मजबूत
चुनाव के वक्त टिकट बंटवारे को लेकर भी कई कांग्रेसी नेताओं के द्वारा नाराजगी देखी गई. अब बिहार प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर बड़े बदलाव के सुर मजबूत हो गए हैं. बदलाव के सवाल पर मदन मोहन झा कहते हैं कि यह फैसला पार्टी हाईकमान को करना है और बिहार प्रदेश कांग्रेस की हर गतिविधि से पार्टी का हाईकमान अवगत है.
'प्रदेश में नेतृत्व बदलाव को लेकर फैसला पार्टी हाईकमान को करना है और बिहार प्रदेश कांग्रेस की हर गतिविधि से पार्टी का हाईकमान अवगत है'-मदन मोहन झा, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश कांग्रेस
लॉकडाउन का समय हो या राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था या फिर कृषि कानून मामला साल 2020 में कांग्रेस कई मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरी और जमकर सरकार को घेरा. लंबे अरसे के बाद कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सड़क पर संघर्ष करते हुए देखा गया. साल 2020 कांग्रेस के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण जरूर रहा लेकिन आज भी कांग्रेस के लिए यह सवाल खड़ा है कि कब हुआ पहली पंक्ति की राजनीत करेगी.