पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी 27 दिसम्बर (Bhoj To Brahmins At Manjhi Awas) को ब्राह्मण-पंडितों को भोज कराएंगें. बताया जा रहा है कि, मांझी ने वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया,चोरी-डकैती नहीं की है, उनको भोज का निमंत्रण दिया है. 27 दिसंबर को अपने सरकारी आवास पर मांझी दोपहर साढ़े 12 बजे ब्राह्मण-पंडितों को भोज कराएंगे. हम प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान ने ये जानकारी दी है.
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हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि, जीतन राम मांझी ने अपने सरकारी आवास पर दोपहर साढ़े 12 बजे ब्राह्मण-पंडितों के लिए भोज का आयोजन किया है. भोज की एक शर्त है, जो काफी स्पष्ट है. दानिश रिजवान ने कहा कि, मांझी ने साफ सुथरी छवि वाले ब्राह्मणों और पंडितों को बुलाया है.
"जीतन राम मांझी जी का स्पष्ट कहना है कि, वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी भी चोरी डकैती नहीं की है, जिन्होंने कभी भी मांस मदिरा का सेवन नहीं किया हो, वे उनके आवास पर आएं, मांझी उन्हें अपने हाथ से भोजन परोसेंगे. आप आइये और दलित आदिवासी परिवारों के साथ भोजन कीजिए, सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक पाखंड मत कीजिए."- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता
दरअसल, मांझी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्यनारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे, लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्यनारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों को कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."
इस बीच, गुरुवार को इस बयान के विरोध में कई हिंदू संगठन के लोग उनके घर पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करने और खाना खाने के लिए पहुंचे. हालांकि इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसके बाद संग्ठन के लोगों ने सड़क पर ही पूजा की और चूड़ा-दही का भोजन किया. मांझी के बयान से आहत कई हिंदू संगठन पुजारियों के साथ पटना स्थित उनके आवास पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करने पहुंचने वाले हैं. इसकी पूर्व सूचना पुलिस को मिल गई थी, जिसके बाद मांझी के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई.
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हिंदू संगठन के लोग जब उनके आवास की ओर जाने लगे तब पुलिस प्रशासन ने उन्हें सड़क पर ही रोक दिया. इसके बाद संगठन के युवकों ने उनके आवास के बाहर सड़क पर ही बैठकर सत्यनारायण भगवान की पूजा की, साथ ही सड़क पर बैठकर दही-चूड़ा का भोज किया. इस बीच मांझी पर जमकर निशाना भी साधा जा रहा है.श्रीराम सेना संगठन के अध्यक्ष ने मांझी के विवादास्पद बयान को समाज को तोड़ने वाला बताया है.
''पूर्व मुख्यमंत्री मांझी जाति के नाम पर तोड़ने का बयान देते हैं, इसलिए हम सभी उनके आवास पर पूजा कराने और साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे. पूर्व मुख्यमंत्री कहते हैं कि पुजारी उनके घर पूजा करते हैं लेकिन खाना नहीं खाते है. यही कारण है हमलोग सभी जाति के लोग आए हैं, उनके घर सत्यनाराण भगवान की पूजा करेंगे और खाना भी खाएंगे. पुलिस प्रशासन ने बाहर ही रोक दिया, जिसके बाद हम सभी ने बाहर ही पूजा की और सबने साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया.'' - यशराज सिंह, अध्यक्ष, श्रीराम सेना संगठन
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बता दें कि, मांझी ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में ब्राह्मण समाज के लोगों पर अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही उनके बयान का विरोध हो रहा है. बाद में हालांकि मांझी ने माफी मांगते हुए कहा कि, वे ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."
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