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जीतन राम मांझी ने संन्यास के लिए रखी यह शर्त - prohibition

कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर कहा था कि शराब मजदूरों के लिए जरूरी है.

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Published : Feb 17, 2020, 10:27 PM IST

पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मैं जेडीयू महासचिव आरसीपी सिंह को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो वे अपने अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के घरों पर छापेमारी करवाएं, अगर वहां से शराब की बोतलें नहीं मिलीं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.

जीतन राम मांझी ने उठाए सवाल
हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने अबतक कितने कितने विधायक, मंत्री, सांसद, विधान पार्षद और अधिकारियों के घर में छापेमारी कराई है. क्या ये लोग शराब नहीं पीते थे? या फिर वर्तामन में इसका सेवन नहीं हो रहा?

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ट्वीट

अल्पसंख्यक हो रहे प्रताड़ित
इससे पहले हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने सरकारी आंकड़ें जारी करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून से सिर्फ गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासी प्रताड़ित हो रहे हैं. इस कानून के तहत केवल वही लोग जेल भेजे गए हैं.

दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने शराबबंदी पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि दिनभर भारी बोझ उठाने वाले मजदूरों के लिए शराब जरूरी है. थकान से चूर गरीबों के लिए शराब दवा के समान है.

पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मैं जेडीयू महासचिव आरसीपी सिंह को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो वे अपने अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के घरों पर छापेमारी करवाएं, अगर वहां से शराब की बोतलें नहीं मिलीं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.

जीतन राम मांझी ने उठाए सवाल
हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने अबतक कितने कितने विधायक, मंत्री, सांसद, विधान पार्षद और अधिकारियों के घर में छापेमारी कराई है. क्या ये लोग शराब नहीं पीते थे? या फिर वर्तामन में इसका सेवन नहीं हो रहा?

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ट्वीट

अल्पसंख्यक हो रहे प्रताड़ित
इससे पहले हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने सरकारी आंकड़ें जारी करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून से सिर्फ गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासी प्रताड़ित हो रहे हैं. इस कानून के तहत केवल वही लोग जेल भेजे गए हैं.

दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने शराबबंदी पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि दिनभर भारी बोझ उठाने वाले मजदूरों के लिए शराब जरूरी है. थकान से चूर गरीबों के लिए शराब दवा के समान है.

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