पटना: इन दिनों पूरे देश में कोरोना वायरस ने आतंक मचा रखा है. हर कोई इस संकट की घड़ी में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दे रहा है. ऐसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 60 लाख रुपए जमा कराने के लिए अनुशंसा की है. इसको लेकर उन्होनें कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए वे और उनकी हम पार्टी पूरी मजबूती के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं.
'पहले ही दे चुके हैं एक माह की वेतन राशि'
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इस भयावह महामारी से लड़ने के लिए वे पहले ही अपने एक महीने की वेतन राशि मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में दे चुकें हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने जो राशि जमा करवाई है. उसमें से 30 लाख इमामगंज प्रखंड के लिए और बाकी के 15-15 लाख बांके बाजार और डुमरिया प्रखंड में खर्च किए जाएं. जिससे की वहां के लोगों को कोई परेशानी नहीं हो. मांझी ने बताया कि विकट परिस्थिति में वह अपनी जनता से मिलना भी चाह रहे हैं. लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए पूरा देश अभी एक जंग लड़ रही है. इस वजह से वे सरकार के आदेश का पालन कर अपने घर में रह रहें हैं.
लॉक डाउन का किया समर्थन
हम पार्टी प्रमुख सह पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बताया कि कोरोना वायरस को हराने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने देश और राज्य भर में लॉक डाउन का आदेश जारी किया है. इसका वे पूरजोर समर्थन करते हैं. उन्होनें बिहार की जनता से अपील करते हुए कहा कि लॉक डाउन का निर्णय सरकार ने उनके सेहत के मद्देनजर लिया है. इस वजह से लोग इसका मजाक न बनाए. जितना संभव हो सके अपने घरों में रहे. वहीें, बिहारी मजदूरों को लेकर उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य मार्ग एवं राष्ट्रीय मार्ग पर भटक रहे परदेसी मजदूरों के लिए सरकार आवास के साथ-साथ भोजन उपलब्ध कराए. जिससे उनको राहत मिल सके.