पटना: बिहार विधानसभा सभा अपने 100 साल पूरे होने की जश्न में सराबोर था. सभी विधायक और मंत्री शताब्दी के पूरा होने पर बीते लोगों और बीते दिनों की याद कर रहे थे. लेकिन इन विधायकों और मंत्रियों में भी कुछ एक ऐसे थे. जो इस आयोजन के मौके पर चौका मारना नहीं भूले.
बिहार की राजनीति की वोट बैंक जिस धुरी पर सबसे अधिक घुमती है वह है आरक्षण. आरक्षण के मुद्दे पर दिए गए बयानों से कई बार चुनाव से ऐन पहले नतीजों के रूख बदल जाते हैं. हालांकि आरक्षण की अपनी अवाधारणा बीते कुछ समय में बदली भी है. लेकिन अब भी यह बिहार की राजनीति और पब्लिक सेंटिमेंट का सबसे अहम हिस्सा है. इसी मुद्दे को लेकर जीतन राम मांझी ने बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से सवाल दाग दिए.
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मांझी ने विधान परिषद में आरक्षण न होने का पूछा सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बीजेपी नेता से सवाल करते हुए पूछा कि जब लोकसभा और विधानसभा में दलितों को आरक्षण है तो राज्य की विधान परिषद, राज्यसभा में उन्हें इस हक से वंचित क्यों रखा गया. वहीं, उन्होंने आरक्षण को निजी सेक्टरों में लागू किए जाने की बात कही. जिस पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा आरक्षण के मुद्दे पर राज्यों को आगे आना चाहिए. राष्ट्रीय स्तर पर जब आम सहमति बनेगी तो निजी क्षेत्रों में आरक्षण लाने पर विचार किया जाएगा.