पटना: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से लड़ा नहीं जा सकता है. बल्कि इससे बचा जा सकता है और बचने का सबसे बड़ा ढाल वैक्सीन है. लोगों को वैक्सीन (Corona Vaccination) देने के लिए सरकार युद्धस्तर पर प्रयास कर रही है. इसके बावजूद बिहार के दलित समाज के लोगों में वैक्सीन के प्रति अभी भी डर बना हुआ है.
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टीका लेने की अपील
यह समाज टीका ले सके, इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर निगम प्रशासन, नेता और स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों से टीका लेने की अपील कर रहे हैं. दलित समाज के लोग कोरोना वैक्सीन लेने को तैयार नहीं है. इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग ईटीवी भारत ने पिछले दिनों दिखाई थी. इसके माध्यम से यह बताया था कि वैक्सीन के प्रति इस समाज में कैसे भ्रम फैला हुआ है.
सरकार की बढ़ी चिंता
दलित समाज द्वारा वैक्सीन नहीं लेने पर सरकार की चिंत बढ़ गयी है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देश के लिए काफी चिंताजनक है. तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विशेषज्ञ सचेत कर रहे हैं.
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सरकार चला रही जागरुकता अभियान
वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है. यहां तक कि कोरोना वैन के माध्यम से लोगों के घरों तक टीका पहुंचाया जा रहा है. फिर भी दलित समाज टीका लेने को तैयार नहीं है.
इसको लेकर पटना के जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह (DM Dr. Chandrashekhar Singh) ने कहा कि उन लोगों को जागरूक करने के लिए हम स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहारा ले रहे हैं. इसके अलावा कुछ सामाजिक संगठन के लोग हैं, उनसे भी हम लोग अपील कर रहे हैं कि इन समाज को जागरूक करने में सरकार की मदद करें.
"राजनीतिक दलों से लोगों को जागरूक करने का सहयोग लिया जा रहा है. साथ ही मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं. क्योंकि सबको पता है कि संक्रमण से बचने के लिए मात्र एक सहारा वैक्सीन ही है. क्योंकि हम लोगों ने देखा है कि पिछले दिनों जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई. इसलिए लोगों से भी अपील है कि वैक्सीन से डरे नहीं. बल्कि बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत हों, इसलिए वैक्सीन लें"- डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डीएम
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जीतन राम मांझी ने भी की अपील
डीएम ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए यदि और संसाधनों की जरूरत पड़ी तो वह भी करेंगे. यानि सरकार का जो लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को टीका लगे, इसके लिए हम लोग कार्य कर रहे हैं. वहीं दलित समाज में कोरोना टीका को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने भी दलित समाज से टीका लेने की अपील की है.
"मुझे कई बीमारियां हैं, फिर भी मैंने वैक्सीन की दोनों डोज ली है. कोरोना का प्रभाव समाज पर अधिक पड़ रहा है, काफी लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. अभी भी कोरोना की लहर है. तीसरी लहर के लिए विशेषज्ञ अलर्ट भी कर रहे हैं. इसलिए लोगों से हम अपील करते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए दलित समाज के लोग टीका जरूर लें. सरकार अपने स्तर से कार्य कर रही है. लेकिन आज भी दलित समाज में कुछ लोगों ने भ्रम फैला दिया है कि टीका लेने से बुखार आ जाता है या किसी और तरह की परेशानी होती है, यह सब भ्रम की बात है"- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
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वहीं पटना नगर निगम के वार्ड पार्षद आशीष सिन्हा भी कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं. अपने वार्ड में सभी लोगों को टीका लगे, इसके लिए लगातार अपील भी कर रहे हैं .
"वैक्सीन सेंटर तक पहुंचने के लिए टीम बनाकर कार्य कर रहे हैं. समाज में आज भी कुछ लोग हैं, जिनके बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है. उन्हें दूर करने के लिए हम लोग लगे हुए हैं"- आशीष सिन्हा, स्टैंडिंग सदस्य, पीएमसी
सामाजिक विशेषज्ञ भी चिंतित
दलित समाज द्वारा वैक्सीन नहीं लेने पर सामाजिक विशेषज्ञ भी चिंतित नजर आ रहे हैं. उनका मानना है, कि यदि इस समाज ने वैक्सीन नहीं ली तो आने वाले दिनों में यह बीमारी और भयावह हो जाएगी.
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"वैक्सीन के प्रति लोगों की आज भी उदासीनता दिख रही है. क्योंकि लोगों में आज भी टीका को लेकर अज्ञानता है, भ्रम है. यदि उन्हें वैक्सीन के प्रति ज्ञान होता तो आज वैक्सीनेशन सेंटर पर लंबी कतार होती. इनके भ्रम को दूर करने के लिए सरकार को बड़े व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना होगा. इन्हें बताना होगा कि दूसरे राज्यों में जितने भी लोगों ने टीका लिया है, वहां पर लोग संक्रमित नहीं हुए. यदि हुए भी तो उन्हें बीमारी ने ज्यादा परेशान नहीं किया"- डॉ. संजय कुमार, सामाजिक विशेषज्ञ
ब्रांड एंबेसडर का लिया जाये सहारा
डॉ. संजय कुमार ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जिस तरह पल्स पोलियो और अन्य वैक्सीन के प्रति सरकार ने ब्रांड एंबेसडर का सहारा लेकर लोगों को जागरूक किया. उसी तर्ज पर कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ब्रांड एंबेसडर, लोकल कलाकार का सहारा लेकर लोगों को जागरूक करना होगा. तभी लोग वैक्सीनेट हो पाएंगे.
सरकारी कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक नहीं किया जा सकता. इसलिए सरकार को सामाजिक संगठन, सिविल सोसाइटी के लोगों को अपने साथ जोड़ना होगा. तभी इस अभियान में हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
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