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मांझी ने तेजस्वी पर लगाया विधानसभा अध्यक्ष को धमकाने का आरोप, बोले- कार्रवाई करें स्पीकर - Nitish Kumar

हम प्रमुख जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने नेता प्रतिपक्ष पर आसन को धमकी देने का आरोप लगाया है. उन्होंने स्पीकर से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि वे आसन को किसी न किसी रूप में धमकी देते रहते हैं.

Jitan Ram Manjhi)
Jitan Ram Manjhi
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Published : Jul 28, 2021, 7:52 PM IST

पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon session of Bihar Legislature) के दौरान जब विधानसभा (Bihar Assembly) में भाषण देने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) खड़े हुए तो पक्ष व विपक्ष दोनों ही तरफ से नेताओं के बीच हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान तेजस्वी ने विधायकों के साथ सदन में हुए बदसलूकी का मामला उठाया. इसके जवाब में सत्ताधारी गठबंधन दल हम के नेता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जवाब देने के लिए खड़े हुए.

ये भी पढ़ें- सदन में बोले तेजस्वी- 23 मार्च की घटना के लिए विधायकों पर नहीं मुझ पर हो कार्रवाई

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि निश्चित तौर सदन में हुई घटना निंदनीय है. ये बात हम अपने 36 साल के सदन के अनुभव के आधार पर कह रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एक किस्सा भी साझा किया.

हम प्रमुख ने कहा कि एक बार मार्शल आउट का आदेश विधानसभा अध्यक्ष ने दिया था. उस समय अजीत सरकार ने अध्यक्ष के आदेश का विरोध किया था. इसके बाद सत्ता पक्ष और कुछ विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की कुर्सी पर जाकर बैठ गए थे, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. मांझी ने कहा कि तब भी आसन को कार्रवाई करनी पड़ी थी. मांझी ने कहा कि तब भी सदन में रघुवंश बाबू और कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता होते थे. पक्ष हो या विपक्ष एक या दो लोग ही ऐसे होते हैं.

ये भी पढ़ें- बोले महबूब आलम- विधायकों की पिटाई करने वाली पुलिस भी कहती है, 'सर.. कानून तो आप ही लोगों ने बनाया है'

इसके बाद जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष आसन को किसी न किसी रूप में धमकी देते रहते हैं. ऐसे में मेरी आसन से मांग है कि इस मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी देने वाले नेता के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.

आपको बताएं कि चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर इस मामले को लेकर सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि सिपाही को निलंबित किया गया है. क्या उसकी हिम्मत है? विधायक को गाली दें और मारे, यह किसने कहा? जहां सदन की गरिमा ना बचे तो उस नियमावली को फाड़ कर फेंक दीजिए.

पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon session of Bihar Legislature) के दौरान जब विधानसभा (Bihar Assembly) में भाषण देने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) खड़े हुए तो पक्ष व विपक्ष दोनों ही तरफ से नेताओं के बीच हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान तेजस्वी ने विधायकों के साथ सदन में हुए बदसलूकी का मामला उठाया. इसके जवाब में सत्ताधारी गठबंधन दल हम के नेता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जवाब देने के लिए खड़े हुए.

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पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस दौरान अपनी बात रखते हुए कहा कि निश्चित तौर सदन में हुई घटना निंदनीय है. ये बात हम अपने 36 साल के सदन के अनुभव के आधार पर कह रहे हैं. इसके बाद उन्होंने एक किस्सा भी साझा किया.

हम प्रमुख ने कहा कि एक बार मार्शल आउट का आदेश विधानसभा अध्यक्ष ने दिया था. उस समय अजीत सरकार ने अध्यक्ष के आदेश का विरोध किया था. इसके बाद सत्ता पक्ष और कुछ विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की कुर्सी पर जाकर बैठ गए थे, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था. मांझी ने कहा कि तब भी आसन को कार्रवाई करनी पड़ी थी. मांझी ने कहा कि तब भी सदन में रघुवंश बाबू और कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता होते थे. पक्ष हो या विपक्ष एक या दो लोग ही ऐसे होते हैं.

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इसके बाद जीतनराम मांझी ने तेजस्वी यादव पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष आसन को किसी न किसी रूप में धमकी देते रहते हैं. ऐसे में मेरी आसन से मांग है कि इस मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी देने वाले नेता के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.

आपको बताएं कि चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर इस मामले को लेकर सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि सिपाही को निलंबित किया गया है. क्या उसकी हिम्मत है? विधायक को गाली दें और मारे, यह किसने कहा? जहां सदन की गरिमा ना बचे तो उस नियमावली को फाड़ कर फेंक दीजिए.

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