पटना: हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने महागठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैंने चौथी बार कोर्डिनेशन कमेटी की मांग की है. बावजूद इसके,अभी तक कोर्डिनेशन कमेटी नहीं बनी. मैं 25 जून तक देख रहा हूं. इसके बाद मैं अपना निर्णय लूंगा.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि आरजेडी डूबना ही चाहती है, तो डूबे. मैं अब अपनी डेट नहीं बढ़ाना वाला. मांझी ने कहा कि एनडीए को हराना है, तो कोर्डिनेशन कमेटी बनानी पड़ेगी. मैं 76 साल का हूं और गुस्से में राजनीति नहीं होती. मैं लोगों को सुझाव दे रहा हूं, पॉलिटिकल लाइन को ध्यान में रखते हुए कोर्डिनेशन कमेटी की मांग कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि एनडीए को अगर हराना है, तो महागठबंधन को मजबूत करना होगा.
आरजेडी अपनी बात मनवाना चाहती है- मांझी
मांझी ने कहा कि मेरे साथ-साथ कांग्रेस, रालोसपा और वीआईपी ने भी कोर्डिनेशन की मांग की है. महागठबंधन के पांच में से चार पार्टनर एक ही मांग कर रहे हैं. एक पार्टनर अपनी बात मनवाना चाहता है बिना किसी उद्देश्य के. हम सिर्फ अपनी बात मनवाना चाहते हैं. ऐसे में यह तीसरा फ्रंट नहीं होता. हम अपनी बात रख रहे हैं. अब ये आरजेडी क्यों नहीं मान रही, क्या चाहते हैं. यह पता नहीं.
सीपीआई को आरजेडी की न
मांझी ने कहा कि एनडीए को हराने के लिए महागठबंधन को और मजबूत करना होगा. इसके लिए सीपीआई को भी साथ लाना पड़ा तो लाएंगे. लेकिन राजद सीपीआई को साथ नहीं रखना चाहता है. एक अकेला इंसान एनडीए को नहीं हरा सकता. मांझी ने कहा पता नहीं क्यों आरजेडी अलग राय बना रहा है, जबकि सबकी राय एक ही है.
तिनके से भी हो जाती है हड़प
मांझी ने कहा कि अगर आरजेडी ये सोचती है कि हम और अन्य पार्टियां नहीं होंगी, तो बेनिफिट में होंगे. तो याद रखें तिनके से भी हड़प हो जाती है. जरा 2010 के चुनाव याद कर लें. जब लालू जी का महत्व खत्म हो रहा था. वहीं, एनडीए में जाने को लेकर उन्होंने कहा यह काल्पनिक सवाल है. हम महागठबंधन में ही संभावना तलाश रहे हैं. 25 जून लास्ट है, आगे मैं अपना निर्णय खुद लूंगा.
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