पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की नैया मझधार में फंस गई है. आलम ये है कि हम प्रमुख जीतन राम मांझी का हर दांव उल्टा पड़ रहा है. विधानसभा चुनाव को लेकर जीतन राम मांझी के सामने एक ओर तेजस्वी की जिद तो वहीं दूसरी ओर एनडीए की तरफ से भी उनको लेकर सकारात्मक संकेत नहीं दिख रहे हैं.
कांग्रेस के दबाव के बावजूद तेजस्वी जिद पर कायम
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान छोटे दलों के सहयोग से महागठबंधन अस्तित्व में आया था. लेकिन चुनाव में हार के बाद नेताओं के सुर बदलने लगे और महागठबंधन में गांठ पड़नी शुरू हो गई. छोटे दल महागठबंधन में हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग करते रहे. जबकि राजद की ओर से उनकी मांगों को लगातार अनसुना किया जाता रहा.
'शक्ति सिंह गोहिल के विचारों पर ध्यान दें RJD'
वहीं, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश साहनी अलग बैठक करते रहे. समय के साथ गुटबाजी से महागठबंधन दलों में धीरे-धीरे दूरियां बढ़ती गईं. बता दें कि कोआर्डिनेशन कमेटी की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि शक्ति सिंह गोहिल बिहार मामलों के प्रभारी हैं. उनके विचारों पर राजद नेताओं को ध्यान देना चाहिए.
'एक सप्ताह में बन जाएगा कोआर्डिनेशन कमेटी'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि पार्टी आलाकमान की बैठक में कोआर्डिनेशन कमेटी की गठन का फैसला लिया गया था. वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मामले में कहा कि राजद नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. बैठक में जो सहमति बनी थी. उस पर राजद नेताओं को अमल करना चाहिए. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि एक सप्ताह में कोआर्डिनेशन कमेटी बन जाएगा.
'NDA में मांझी को लेकर सुगबुगाहट'
वहीं, राजद नेताओं ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है. पार्टी विधायक और लालू के करीबी रहे भोला यादव ने कहा कि कोआर्डिनेशन कमेटी के मसले पर अंतिम फैसला तेजस्वी यादव करेंगे. जीतन राम मांझी को लेकर एनडीए खेमे में सुगबुगाहट तो जरूर है. हालांकि, नीतीश कुमार गठबंधन के लिए मान जाते हैं. तब जीतन राम मांझी एनडीए के पाले में आ जाएंगे.
'मांझी के प्रस्ताव पर विचार करेगी JDU'
गौरतलब है कि पूरे मामले में जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि तेजस्वी यादव के चलते महागठबंधन के तमाम नेता असहज स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को वहां सम्मान नहीं मिल रहा है. उनकी ओर से अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है. प्रस्ताव आने पर पार्टी विचार करेगी.