पटना: जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया गया कि 4 राज्यों में पार्टी अलग चुनाव लड़ेगी. जदयू हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और दिल्ली में अपने बूते पर चुनाव लड़ेगी. केवल बिहार में ही एनडीए के साथ गठबंधन में रहेगी. बैठक में जिन राज्यों में पार्टी कमजोर है वहां सदस्यता अभियान तेज करने का फैसला लिया गया है. प्रशांत किशोर पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई.
अकेले चुनाव लड़ने पर फैसला
मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग के लोकसंवाद हॉल में सवा 2 घंटे तक बैठक चली. जदयू कार्यकारिणी की बैठक में प्रशांत किशोर पर तो कोई चर्चा नहीं हुई. लेकिन पार्टी ने बिहार से बाहर एनडीए से अलग चलने का फैसला लिया है. बैठक के बारे में योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने हमारे संवादाता से खास बातचीत में कहा कि पार्टी दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में आने वाले चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी.
प्रशांत किशोर को नहीं मिला बोलने का मौका
मंत्री के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में पार्टी एनडीए के साथ ही रहेगी. इसमें किसी तरह की का भ्रम नहीं होना चाहिए. लेकिन अन्य राज्यों में एनडीए के साथ कोई तालमेल नहीं है. इसलिए पार्टी वहां अकेले चुनाव लड़ेगी. इस बैठक में पार्टी विस्तार पर भी फैसला हुआ. महेश्वर हजारी ने कहा कि पार्टी जिन राज्यों में कमजोर है, वहां सदस्यता अभियान तेज करेगी. मंत्री महेश्वर हजारी के अनुसार प्रशांत किशोर को बोलने का मौका नहीं मिला. राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के अलावा बाहर से आए राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी बात रखी खासकर उन 4 राज्यों की जहां पार्टी अकेले चुनाव लड़ने वाली है.
प्रशांत किशोर पर नहीं हुई चर्चा
महेश्वर हजारी के अनुसार बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू के नहीं शामिल होने को लेकर भी कोई चर्चा नहीं हुई. प्रशांत किशोर को लेकर पिछले कई दिनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी विचार कर सकती है. लेकिन महेश्वर हजारी के अनुसार ऐसा कुछ नहीं हुआ.
प्रशांत किशोर ने की थी ममता बनर्जी से मुलाकात
हाल ही में प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी. ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के लिए उनकी कंपनी काम करेगी. बावजूद इसके प्रशांत किशोर को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं होना यह साबित करता है कि नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच बैठक से पहले बातचीत हो गई थी. दोनों ने पहले ही रास्ता निकाल लिया था, इसलिए चर्चा की जरूरत कार्यकारिणी में नहीं पड़ी. नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं को निर्देश भी दे रखा है कि अब इस मुद्दे पर कोई कुछ नहीं बोलेगा. इसलिए प्रशांत किशोर को लेकर पार्टी नेताओं ने अब चुप्पी साध ली है.