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'कर्पूरी जयंती का कार्यक्रम तय था रद्द नहीं हुआ, सीएम नीतीश के निर्देश पर पटना में होगा आयोजन'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद जेडीयू कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पटना के वेटनरी कॉलेज में जुट गई है. 24 जनवरी को ये कार्यक्रम किया जाएगा. जेडीयू की नजर अति पिछड़ा वोटबैंक पर है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 2, 2024, 10:24 PM IST

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पटना : जनता दल यूनाइटेड 24 जनवरी को अति पिछिड़ों को लुभाने के लिए भव्य तरीके से कर्पूरी जयंती कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. पहले ये कार्यक्रम रद्द हुआ था लेकिन कार्यकारिणी की बैठक के बाद पटना में इस कार्यक्रम को मनाने को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है.

कर्पूरी ठाकुर जयंती मनाएगी जेडीयू : ऐसे तो यह कार्यक्रम पहले से तय था, लेकिन पिछले दिनों अचानक पार्टी की ओर से पटना की जगह जिला स्तर पर कार्यक्रम करने का फैसला लिया गया. जब मामला टला तो ठंड को एक बड़ी वजह बताया गया. लेकिन, अब पार्टी ने अचानक जिला के स्थान पर पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान पर ही करने का फैसला लिया है.

जदयू के एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि ''कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ था, पार्टी नेताओं ने बैठकर फैसला लिया था कि पटना की जगह जिला में ही कार्यक्रम किया जाए. लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश किया कि जब पटना में कार्यक्रम का फैसला लिया गया है तो पटना में ही कार्यक्रम होना चाहिए.''

मंत्री जमा खान ने कहा कि ''पार्टी मुख्यालय में कार्यक्रम होगा तो इससे मैसेज भी जाएगा. इसलिए कार्यक्रम पटना में ही करने का निर्णय लिया गया है. क्योंकि सभी जिला अध्यक्ष के तरफ से भी यह बात पार्टी नेतृत्व को कहा गया था.''

वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजन : जदयू में 'कर्पूरी चर्चा' का कार्यक्रम पिछले कई महीनों से अभियान चल रहा था. पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर सभी विधायक सांसद मंत्री तक कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे थे. लेकिन अचानक कार्यक्रम रद्द होने से अभियान पर असर पड़ा है. अब एक बार फिर से पार्टी नेताओं को निर्देश दिया गया है की वेटरनरी कॉलेज मैदान पर होने वाले कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को सफल बनाएं.

भीम संसद की सफलता से जेडीयू उत्साहित : पिछले साल भीम संसद कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ था जो काफी सफल रहा. पार्टी के अति पिछड़ा से आने वाले मंत्री विधायक सांसद उसके बाद से कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को उससे भी भव्य बनाने की तैयारी में लगे थे. अब एक बार फिर से पार्टी के फैसले के बाद तैयारी में लग गए हैं.

अति पिछड़े वोटबैंक पर जेडीयू की नजर : जातीय गणना की रिपोर्ट सबसे अधिक आबादी अति पिछड़ों की है यह पता चली है. उसके बाद उसे वोट बैंक पर सभी दलों की नजर है. जदयू तो पहले से इस वोट बैंक पर अपनी दावेदारी करता रहा है. इसीलिए कर्पूरी जयंती के बहाने नीतीश कुमार अति पिछड़ों को अपने साथ लाने की पूरी कोशिश करने में लग गये हैं.

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पटना : जनता दल यूनाइटेड 24 जनवरी को अति पिछिड़ों को लुभाने के लिए भव्य तरीके से कर्पूरी जयंती कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. पहले ये कार्यक्रम रद्द हुआ था लेकिन कार्यकारिणी की बैठक के बाद पटना में इस कार्यक्रम को मनाने को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है.

कर्पूरी ठाकुर जयंती मनाएगी जेडीयू : ऐसे तो यह कार्यक्रम पहले से तय था, लेकिन पिछले दिनों अचानक पार्टी की ओर से पटना की जगह जिला स्तर पर कार्यक्रम करने का फैसला लिया गया. जब मामला टला तो ठंड को एक बड़ी वजह बताया गया. लेकिन, अब पार्टी ने अचानक जिला के स्थान पर पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान पर ही करने का फैसला लिया है.

जदयू के एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि ''कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ था, पार्टी नेताओं ने बैठकर फैसला लिया था कि पटना की जगह जिला में ही कार्यक्रम किया जाए. लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश किया कि जब पटना में कार्यक्रम का फैसला लिया गया है तो पटना में ही कार्यक्रम होना चाहिए.''

मंत्री जमा खान ने कहा कि ''पार्टी मुख्यालय में कार्यक्रम होगा तो इससे मैसेज भी जाएगा. इसलिए कार्यक्रम पटना में ही करने का निर्णय लिया गया है. क्योंकि सभी जिला अध्यक्ष के तरफ से भी यह बात पार्टी नेतृत्व को कहा गया था.''

वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजन : जदयू में 'कर्पूरी चर्चा' का कार्यक्रम पिछले कई महीनों से अभियान चल रहा था. पार्टी के वरिष्ठ नेता से लेकर सभी विधायक सांसद मंत्री तक कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे थे. लेकिन अचानक कार्यक्रम रद्द होने से अभियान पर असर पड़ा है. अब एक बार फिर से पार्टी नेताओं को निर्देश दिया गया है की वेटरनरी कॉलेज मैदान पर होने वाले कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को सफल बनाएं.

भीम संसद की सफलता से जेडीयू उत्साहित : पिछले साल भीम संसद कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ था जो काफी सफल रहा. पार्टी के अति पिछड़ा से आने वाले मंत्री विधायक सांसद उसके बाद से कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को उससे भी भव्य बनाने की तैयारी में लगे थे. अब एक बार फिर से पार्टी के फैसले के बाद तैयारी में लग गए हैं.

अति पिछड़े वोटबैंक पर जेडीयू की नजर : जातीय गणना की रिपोर्ट सबसे अधिक आबादी अति पिछड़ों की है यह पता चली है. उसके बाद उसे वोट बैंक पर सभी दलों की नजर है. जदयू तो पहले से इस वोट बैंक पर अपनी दावेदारी करता रहा है. इसीलिए कर्पूरी जयंती के बहाने नीतीश कुमार अति पिछड़ों को अपने साथ लाने की पूरी कोशिश करने में लग गये हैं.

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