पटना: दिल्ली में एमसीडी चुनाव (MCD Election In Delhi) 4 दिसंबर को है. बिहार की सत्ताधारी दल जदयू ने भी 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे कुल ढाई सौ वार्डों में चुनाव हो रहा है. दिल्ली की राजनीति में जदयू लगातार पांव जमाने की कोशिश करता रहा है , लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है. पिछला विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन में भी लड़ चुकी है, लेकिन उसके बाद भी सफलता नहीं मिली.
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जदयू के दिल्ली में एंट्री की कोशिश: पहले भी विधानसभा चुनाव में जदयू कई सीटों पर अकेले चुनाव लड़ी थी और नीतीश कुमार से लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने प्रचार किया था, लेकिन खाता नहीं खुला. इसलिए अब नीतीश कुमार एमसीडी चुनाव के माध्यम से दिल्ली में एंट्री की कोशिश कर रहे हैं. जदयू की नजर बिहारी और पूर्वांचल के लोगों पर है. दिल्ली के प्रभारी मंत्री संजय झा, सांसद चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी सहित कई नेताओं ने प्रचार भी किया है.
एमसीडी चुनाव में जदयू ने झोंकी ताकत: दिल्ली एमसीडी चुनाव में ऐसे तो बीजेपी कांग्रेस और हम ने पूरी ताकत लगाई है. वहीं बिहार की सत्ताधारी दल जदयू ने भी 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. दिल्ली में ढाई सौ वार्ड में चुनाव हो रहा है. इसमें से 50 से 60 वार्डों में पूर्वांचल के लोगों का दबदबा है. जदयू की नजर बिहारी और पूर्वांचल के लोगों पर है. बीजेपी के तरफ से भी पूर्वांचल के लोगों को लुभाने की कोशिश हो रही है. रवि किशन, मनोज तिवारी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता भी प्रचार कर रहे हैं.
अब तक जदयू को नहीं मिली है सफलता: दिल्ली की राजनीति में एंट्री के लिए लगातार जदयू के तरफ से प्रयास हो रहा है. पिछले दो विधानसभा चुनाव में जदयू ने खूब हाथ पैर मारा है लेकिन खाता नहीं खुला. पिछले विधानसभा चुनाव में तो जदयू ने बीजेपी से 2 सीटों पर गठबंधन भी किया था, उसके बाद भी सफलता नहीं मिली है. आखिरकार अब जदयू एमसीडी चुनाव के माध्यम से दिल्ली की राजनीति में एंट्री करना चाह रही है.
संजय झा को मिली है कमान: दिल्ली जदयू प्रभारी मंत्री संजय झा का कहना है बिहारी और पूर्वांचल का वोट लेकर सरकार बनाते रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सुविधाएं नहीं दे रहे हैं. उनकी स्थिति बहुत ही दयनीय है. जबकि उसके मुकाबले बिहार में कहीं अधिक काम हुआ है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की कोशिश बिहार में हुए काम के माध्यम से दिल्ली के बिहारी और पूर्वांचल के लोगों का साथ लेना है.
"हम लोग का आधार देश पूर्वांचल और बिहारी इलाकों में है, लेकिन जो उनका लिविंग स्टेंडर है दिल्ली का मतलब लोग समझते हैं देश की राजधानी इमेज आता है कितना जबरदस्त जगह होगा, लेकिन मैं चैलेंज देता हूं बिहार का कोई गांव ले लीजिए और दिल्ली का 60% इलाका बिहार के गांव से 100 गुना बदतर है. ना रोड है ना पीने का पानी है, सीवरेज भी नहीं है. हर जगह गंदगी है. रूम में लाइट जलता है, तब रोशनी आती है. विपरीत परिस्थितियों में रह रहे लोगों से वोट लेकर सरकार बना लिए कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. हम लोग का जो आधार बेस है, वहीं हम लोग चुनाव लड़ रहे हैं."- संजय झा, मंत्री और जदयू दिल्ली प्रभारी
"दिल्ली में हम लोगों ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा है. दिल्ली प्रभारी संजय झा चुनाव प्रचार में वहीं हैं, उनके अलावा चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी गुलाम रसूल बलियावी सलीम परवेज सहित कई नेता लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं."- संजय गांधी, जदयू विधान पार्षद
"चुनाव तो पहले भी कई राज्यों में जदयू लड़ी है. नीतीश कुमार प्रचार में भी गए हैं, लेकिन रिजल्ट क्या आया है. इन पर जनता अब विश्वास नहीं करने वाली है. उत्तर प्रदेश में भी एंट्री करने की कोशिश मुख्यमंत्री ने की थी, लेकिन जनता ने एंट्री नहीं होने दिया."- अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी
बिहार के लोगों पर जदयू की नजर: जदयू की नजर बिहारी और पूर्वांचल इलाके के रहने वाले लोगों के इलाकों पर है. जिसमें हरिनगर, आयानगर, काकरोला, विकासनगर साबापुर, गौतमपुरी, मुबारिकपुर, सोनिया विहार, छत्तरपुर जैसे इलाके प्रमुख रूप से है. जदयू के नेता अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमलावर हैं. ऐसे नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता को लेकर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल की तरफ से बहुत ज्यादा रिस्पांस नहीं मिला.
नीतीश ने केजरीवाल पर बोला था हमला: बीते दिनों बिहार में बिजली विभाग के कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने बिना नाम लिये अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुफ्त बिजली देना बहुत ही गलत है. वहीं मंत्री संजय झा भी दिल्ली सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. अब देखना है कि बिहारी और पूर्वांचल के लोगों का कितना समर्थन जदयू को मिलता है और बिहार से दिल्ली की राजनीति में जदयू की इंट्री एमसीडी चुनाव के माध्यम से होता है या नहीं.