पटना : नागालैंड में जदयू के एकमात्र विधायक ने पाला बदल लिया है. अब वह नागालैंड में भाजपा की गठबंधन सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं. इस मुद्दे पर बौखलाए जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी की कमेटी को ही भंग कर दिया है. जदयू के प्रवक्ता डॉ सुनील सिंह ने कहा कि जिस तरह से एक विधायक हमारी पार्टी का जीता था और जब सरकार बनने लगी तो उन्होंने सरकार का समर्थन कर दिया. उस सरकार में भारतीय जनता पार्टी भी है. निश्चित तौर पर इस मामले पर केंद्रीय कमेटी से जदयू के उस विधायक ने कोई बात नहीं की थी. इसीलिए जनता दल यूनाइटेड ने नागालैंड के सभी कमेटियों को भंग कर दिया. उन्होंने कहा कि जो काम जदयू के जीते हुए विधायक ने वहां पर किया है कहीं से भी वह उचित नहीं था.
''हमारी नागालैंड की राज्य ईकाई ने बिना केंद्रीय ईकाई से अनुमति लिए अपना सपोर्ट लेटर नागालैंड की बीजेपी गठबंधन की सरकार को दे दिया. इसे केंद्रीय ईकाई ने इसे घोर अनुशासनहीनता माना इसलिए केंद्रीय नेतृत्व ने नागालैंड की राज्य ईकाई को भंग कर दिया.''- डॉक्टर सुनील, प्रवक्ता, जेडीयू
'खिसायानी बिल्ली खंभा नोचे': वहीं, नागालैंड मामले को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी की नीति और सिद्धांत से प्रभावित होकर जदयू के विधायक ने नागालैंड में बीजेपी का साथ दिया है. यह कोई बड़ी बात नहीं है. निश्चित तौर पर नागालैंड में इससे पहले भी हमारी ज्यादा विधायक जीत के आए थे और जदयू का एकमात्र विधायक था. उन्हें लगा कि भारतीय जनता पार्टी की जो नीति है वह विकासवादी नीति है, इसीलिए हमारे साथ आए हैं. इसको लेकर कोई कुछ कह रहा है, वह पूरी तरह से गलत है. जदयू का क्या हालात है नागालैंड में वह चुनाव परिणाम से ही पता चल गया था.
''नागालैंड में जो हमारी सरकार को समर्थन दिया उसमें जेडीयू के भी एक विधायक हैं. जेडीयू ने जो नागालैंड राज्य ईकाई को भंग किया है वो खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली बात है. विपक्षी दलों के विधायकों ने जब केंद्रीय योजनाओं और नीतियों से प्रभावित होकर समर्थन देना चालू किए तो इन लोग कार्रवाई करने लगे.'' - अरविंद कुमार सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
'बीजेपी कर रही जोड़तोड़ की राजनीति': राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि नागालैंड में आज जो कुछ हुआ है, वह सरासर गलत है. भाजपा इसी नीति पर काम कर रही है. वह नहीं चाहती है कि विपक्ष मजबूत और जिस तरह से जोड़-तोड़ की राजनीति भारतीय जनता पार्टी के लोग कर रहे हैं, वह साफ-साफ नागालैंड में देखे गया है. जिस तरह की खरीद बिक्री भाजपा के लोग कर रहे हैं हमें लगता है कि लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
बिहार में नागालैंड इफेक्ट: कुल मिलाकर देखें तो नागालैंड में जिस तरह से नई सरकार बन रही है, जिस तरह का घटना हुआ है, उसको लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गयी है. सभी दल अपने-अपने तरह से उसको लेकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. जिस तरह से जदयू के एकमात्र विधायक ने पाला बदला है. उसको लेकर बिहार में महागठबंधन के नेता लगातार भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं.