पटना: बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) ने नगर निकाय चुनाव की घोषणा कर दी है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सभा के सांसद सुशील मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Modi) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह अवमानना है. सुशील मोदी के बयान पर जदयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वो छपास रोग से ग्रसित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ा आयोग पर रोक नहीं लगाई है. जदयू प्रवक्ता परिमल राज ने कहा कि सुशील मोदी को समझ ही नहीं है. हमारी सरकार ने डेडीकेटेड कमीशन बनाकर ट्रिपल टेस्ट कराया है. तब जाकर नगर निकाय चुनाव की घोषणा हुई है. लेकिन सुशील मोदी कुछ से कुछ बोले जा रहे हैं.
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'सुशील मोदी को समझ है क्या?, सुप्रीम कोर्ट ने पॉलिटिकली अति पिछड़े वर्ग की ट्रिपल टेस्ट किये जाने की बात कही थी और हमारी सरकार ने डेडीकेटेड कमीशन बनाकर ट्रिपल टेस्ट कराया है. नवीन आर्या की अध्यक्षता में कमीशन ने जब रिपोर्ट दी है तब जाकर नगर निकाय चुनाव की घोषणा हुई है. लेकिन सुशील मोदी नहीं चाहते हैं, अति पिछड़े वर्ग को सम्मान मिले.' - परिमल राज, प्रवक्ता, जदयू
बिहार में नगर निकाय चुनाव 2 फेजों में होगा : गौरतलब है कि बिहार में नगर निकाय चुनाव 2 फेजों में क्रमशः 18 और 28 दिसंबर को (Announcement of Municipal Election IN Bihar) होगी. पहले फेज की मतगणना 20 दिसंबर और दूसरे फेज की मतगणना 30 दिसंबर को होगी. बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारि को आयोग की ओर से पत्र जारी कर दिया गया है. शहरी क्षेत्रों में एक बार फिर से आदर्श आचार संहित लागू हो गई है, जो चुनाव परिणाम घोषणा तक जारी रहेग.
हाईकोर्ट की रोक के बाद स्थागित हुआ था चुनाव : पटना हाईकोर्ट की ओर से रोक के बाद बिहार सरकार ने अति पिछड़ा आयोग का गठन किया था और उसका रिपोर्ट आज नगर विकास एवं आवास विभाग को उपलब्ध कराया गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद तिथि की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से की गई है. पटना हाईकोर्ट ने पहले चार अक्टूबर को दिए आदेश में 2 चरणों में होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया था. बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal Election In Bihar) का मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद नगर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. इसकी जानकारी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने संवाददाता सम्मेलन कर दी है. इस चुनाव के लिए आयोग का गठन भी सवालों के घेरे में हुआ है. यहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही कुछ ही समय में आनन-फानन में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है.
नगर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी : दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को 28 नवंबर को आदेश में कहा था कि जिस भी आयोग का गठन किया गया है उसकी प्रक्रिया किसी भी हालत में सही नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट हेतु एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट कमीशन बनाने की बात हुई थी. इस बात को बिना माने ही सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा आयोग को ही डेडीकेटेड कमीशन के रूप में अधिसूचित कर दिया और कमीशन में राजद और जदयू के नेताओं को शामिल कर लिया गया. जिसके बाद भाजपा नेता सुशील मोदी ने पूरे मामले को मीडिया के समक्ष रखते हुए कहा कि आयोग में राजनीतिक लोगों को रखना बिल्कुल ही गलत है. वहीं आगे बताया कि ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई है. इसकी पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखना चाहिए.