पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में नेताओं के दलबदल का सिलसिला जारी है. आनंद मोहन की रिहाई नहीं होने पर सोमवार को लवली आनंद ने आरजेडी का दामन थाम लिया. और नीतीश कुमार पर कई तरह के आरोप लगाए. लवली आनंद के आरजेडी में शामिल होने पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव और आरजेडी को लगता है कि रघुवंश बाबू के साथ दुर्व्यवहार करने के बाद भी एक जाति विशेष का वोट मिल जाएगा. इसलिए लवली आनंद को पार्टी में शामिल करवाया है. लेकिन आरजेडी के लोग बिहार की जनता को समझ नहीं पा रहे हैं.
'लवली आनंद से भूल हुई'
लवली आनंद के आरजेडी में शामिल होने पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि डूबती जहाज पर लवली आनंद सवार हुईं हैं. बाद में उन्हें पछताना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि लवली आनंद और आरजेडी के लोग राज्य की जनता को समझ नहीं पा रहे हैं. अब बिहार फतवा और फरमानों से आगे बढ़ चुका है. अब एजेंडा विकास बन चुका है. और इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है.
आरजेडी से पति की रिहाई की उम्मीद !
पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर संकेत दिए थे. जिसके बाद लवली आनंद को लगा कि शायद नीतीश कुमार आनंद मोहन की रिहाई करवा देंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कई बार आनंद मोहन के बेटे ने भी नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. चुनाव की घोषणा से पहले चेतन आनंद ने नीतीश कुमार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया था. जानकार बताते हैं कि पति यानी आनंद मोहन की रिहाई के लिए लवली आनंद आरजेडी में शामिल हुईं हैं. 2015 में लवली आनंद 'हम' पार्टी से भी भाग्य आजमा चुकी हैं. लेकिन बहुत कम वोट के अंतर हार हुई थी. इस बार आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी है.