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राम मंदिर को लेकर JDU अपने पुराने स्टैंड पर कायम, 'कोर्ट का फैसला या आपसी सहमति से निकले हल' - राम मंदिर को लेकर JDU अपने पुराने स्टैंड पर कायम

राम मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय से पूरे देश में आंदोलन होता रहा है. बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाती रही है और अब न केवल राज्य में बल्कि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. बीजेपी के कई नेताओं की ओर से कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग की जाती रही है. शिवसेना ने भी पिछले दिनों कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की बात कही थी.

राम मंदिर पर जदयू का बयान
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Published : Sep 23, 2019, 11:12 AM IST

Updated : Sep 23, 2019, 11:30 AM IST

पटना: राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में सीजेआई ने 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लेने को कहा है. इसके बाद कोर्ट के फैसले का सभी दल इंतजार कर रहे हैं. वहीं, जदयू अपने पुराने स्टैंड पर अभी भी कायम है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कि कोर्ट का फैसला जो भी हो उसे माना जाए या फिर आपसी सहमति से ही राम मंदिर का निर्माण किया जाए. निखिल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए इस पर टीका-टिप्पणी ठीक नहीं है.

पटना
राम मंदिर पर बयान देते जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल

जदयू अलाप रही अपना पुराना राग
राम मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय से पूरे देश में आंदोलन होता रहा है. बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाती रही है और अब न केवल राज्य में बल्कि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. बीजेपी के कई नेताओं की ओर से कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग की जाती रही है. शिवसेना ने भी पिछले दिनों कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की बात कही थी. लेकिन जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का साफ कहना है हम पुराने स्टैंड पर कायम हैं. कोर्ट का ही फैसला मानेंगे और नहीं तो फिर आपसी सहमति से जो भी तय हो उसे ही स्वीकार करेंगे.

जदयू ने कहा-राम मंदिर का निर्माण कोर्ट के फैसले पर हो या फिर आपसी सहमति से

केंद्र में है बहुमत की सरकार
अभी केंद्र में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है. बीजेपी अभी एक के बाद एक उन मुद्दों पर काम कर रहीं है, जो उनके एजेंडे में है. जैसे कि 370, 35A और तीन तलाक को बीजेपी सरकार अपने एजेंडा के तहत लागू कर चुकी है. एनआरसी को भी पूरे देश में लागू करने की बात चल रही है. वहीं, इधर राम मंदिर निर्माण का मामला कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में सब को उम्मीद है कि इस महीने कोर्ट की तरफ से कोई ना कोई फैसला आ जाएगा. यदि कोर्ट में मामला लंबा खींचता है तो केंद्र सरकार पर निश्चित रुप से राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव बढ़ेगा. हालांकि इन सब मुद्दों पर जदयू का शुरू से विरोध रहा है. लेकिन पार्टी के नेता अब खुलकर बोलने से बचते हैं और सिर्फ पुराने स्टैंड की बात कहते हैं.

पटना: राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में सीजेआई ने 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लेने को कहा है. इसके बाद कोर्ट के फैसले का सभी दल इंतजार कर रहे हैं. वहीं, जदयू अपने पुराने स्टैंड पर अभी भी कायम है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कि कोर्ट का फैसला जो भी हो उसे माना जाए या फिर आपसी सहमति से ही राम मंदिर का निर्माण किया जाए. निखिल मंडल ने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए इस पर टीका-टिप्पणी ठीक नहीं है.

पटना
राम मंदिर पर बयान देते जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल

जदयू अलाप रही अपना पुराना राग
राम मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय से पूरे देश में आंदोलन होता रहा है. बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाती रही है और अब न केवल राज्य में बल्कि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. बीजेपी के कई नेताओं की ओर से कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग की जाती रही है. शिवसेना ने भी पिछले दिनों कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की बात कही थी. लेकिन जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का साफ कहना है हम पुराने स्टैंड पर कायम हैं. कोर्ट का ही फैसला मानेंगे और नहीं तो फिर आपसी सहमति से जो भी तय हो उसे ही स्वीकार करेंगे.

जदयू ने कहा-राम मंदिर का निर्माण कोर्ट के फैसले पर हो या फिर आपसी सहमति से

केंद्र में है बहुमत की सरकार
अभी केंद्र में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है. बीजेपी अभी एक के बाद एक उन मुद्दों पर काम कर रहीं है, जो उनके एजेंडे में है. जैसे कि 370, 35A और तीन तलाक को बीजेपी सरकार अपने एजेंडा के तहत लागू कर चुकी है. एनआरसी को भी पूरे देश में लागू करने की बात चल रही है. वहीं, इधर राम मंदिर निर्माण का मामला कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में सब को उम्मीद है कि इस महीने कोर्ट की तरफ से कोई ना कोई फैसला आ जाएगा. यदि कोर्ट में मामला लंबा खींचता है तो केंद्र सरकार पर निश्चित रुप से राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव बढ़ेगा. हालांकि इन सब मुद्दों पर जदयू का शुरू से विरोध रहा है. लेकिन पार्टी के नेता अब खुलकर बोलने से बचते हैं और सिर्फ पुराने स्टैंड की बात कहते हैं.

Intro:पटना-- राम मंदिर निर्माण को लेकर कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और 18 सितंबर तक सुनवाई पूरी कर लेने के लिए कहा है। कोर्ट के फैसले का सभी दल इंतजार कर रहे हैं वहीं जदयू अपने पुराने स्टैंड पर अभी भी कायम है जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का कहना है कोर्ट का फैसला जो भी हो उसे माना जाए या फिर आपसी सहमति से ही राम मंदिर का निर्माण किया जाए । निखिल मंडल का यह भी कहना है कि मामला कोर्ट में चल रहा है इसलिए कुछ भी इस पर टीका टिप्पणी ठीक नहीं है।


Body:राम मंदिर निर्माण को लेकर लंबे समय से पूरे देश में आंदोलन होता रहा है बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाती रही है और अब न केवल राज्य में बल्कि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है बीजेपी के कई नेताओं की ओर से कानून बनाकर मंदिर निर्माण की मांग की जाती रही है। शिवसेना ने भी पिछले दिनों कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की बात कही थी लेकिन जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल का साफ कहना है हम पुराने स्टैंड पर कायम है। कोर्ट का ही फैसला मानेंगे और नहीं तो फिर आपसी सहमति से जो भी तय हो उसे ही स्वीकार करेंगे।
बाइट-- निखिल मंडल, जदयू प्रवक्ता।


Conclusion:अटल बिहारी वाजपेई के समय केंद्र में जब एनडीए की सरकार बनी थी तो उस समय कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत विवादास्पद मुद्दों को अलग रखा गया था लेकिन अब केंद्र में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है और एक के बाद एक उन मुद्दों को जो पहले कभी बाहर रखा गया था जैसे कि 370 35a तीन तलाक बीजेपी सरकार अपने एजेंडा के तहत लागू कर चुकी है एनआरसी को भी पूरे देश में लागू करने की बात कर रही है।राम मंदिर निर्माण का मामला कोर्ट में चल रहा है और सब को उम्मीद है कि इस महीने कोर्ट की तरफ से कोई ना कोई फैसला आ जाएगा। यदि कोर्ट में मामला लंबा खींचता है तो केंद्र सरकार पर निश्चित रूप से राम मंदिर निर्माण को लेकर दबाव बढ़ेगा। हालांकि इन सब मुद्दों पर जदयू का शुरू से विरोध रहा है लेकिन पार्टी के नेता अब खुलकर बोलने से बचते हैं और सिर्फ पुराने स्टैंड की बात कहते हैं।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Sep 23, 2019, 11:30 AM IST
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