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Bihar Politics: जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश ने पीएम की तारीफ की तो बिफरे JDU अध्यक्ष

जनता दल यूनाइटेड एनडीए से बाहर हो चुका है. नीतीश कुमार अब महागठबंधन का हिस्सा हैं. बावजूद इसके जदयू सांसद हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति पद पर कायम हैं. उपसभापति हरिवंश ने पीएम मोदी के तारीफ में कसीदे पढ़े तो जदयू को नागवार (JDU angry with Harivansh) गुजरा. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Mar 11, 2023, 8:55 PM IST

उपसभापति हरिवंश मसले पर राजनीति.

पटना: नीतीश कुमार और भाजपा के बीच राजनीतिक रिश्ते खत्म हो चुके हैं. आज की तारीख में नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा हैं. नीतीश कुमार ने भले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ दिया लेकिन पार्टी सांसद हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति पद पर (Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh) कायम हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रधानमंत्री संग्रहालय मामले पर पीएम मोदी की तारीफ की तो पीएम की मुखालफत करने वालों ने आड़े हाथों लिया है.

इसे भी पढ़ेंः पीएम के साथ सेल्फी, पं. नेहरू और अटलजी से 'संवाद' के लिए पधारें प्रधानमंत्री संग्रहालय !

अगले विस्तार पर संशयः हरिवंश के मामले पर जब ईटीवी भारत ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल किया तो वह बिफर पड़े. ललन सिंह से जब यह पूछा गया कि क्या हरिवंश जी को अगले कार्यकाल के लिए विस्तार मिलेगा तो उन्होंने यह कहकर सवाल को टाल दिया कि टिकट बांटने का जिम्मा आप ही को दिया जाएगा. हरिवंश को जदयू अगला विस्तार देगा या नहीं इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. हरिवंश जदयू के बैठकों में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं. यहां तक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए थे.

हरिवंश ने आईना दिखायाः बदली हुई परिस्थितियों में हरिवंश के राजनीतिक संबंध भाजपा के शीर्ष नेताओं से मधुर हैं. जाहिर तौर पर हरिवंश भविष्य की राजनीति के लिए भाजपा की ओर मुखातिब हो सकते हैं. भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि उपसभापति हरिवंश सुलझे हुए व्यक्ति हैं. उनकी छवि साफ-सुथरी है. किसी भी चीज का मूल्यांकन व निष्पक्ष तौर पर करते हैं. संग्रहालय विवाद में जो लोग सवाल खड़े कर रहे थे उन्हें हरिवंश ने आईना दिखाने का काम किया है. विपक्षी खेमे के कुछ लोग दुर्भावना से प्रेरित होकर आलोचना कर रहे हैं.

क्या है संग्रहालय विवादः राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने संग्रहालय विवाद पर अपनी बेबाक राय रखी. हरिवंश ने कहा कि संग्रहालय उन परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करता है जिनसे भारत गुजरा है. यह प्राचीन भारत के लोकतांत्रिक अतीत को भी सामने लाता है. प्रत्येक प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान घटनाओं का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन सुनिश्चित किया गया है. यह प्रधानमंत्री की एक निष्पक्ष दृष्टि रही है. सच्चे राज्यों के कौशल का एक उदाहरण है. अमिताभ बच्चन की आवाज वाला लाइट एंड साउंड शो आकर्षण का केंद्र बन गया है. यह भारतीय संसद में लोकतंत्र का उत्सव मनाने का एक मंच है. किसी को कम महत्व नहीं दिया जाता.

हरिवंश का राजनीतिक सफरः हरिवंश पहली बार राज्यसभा 10 अप्रैल 2014 को चुने गए थे. हरिवंश उपसभापति के तौर पर 9 अगस्त 2018 को पद ग्रहण किया था. दूसरी बार 14 सितंबर 2020 को पुनः उपसभापति हुए. हरिवंश का कार्यकाल अप्रैल 2026 को समाप्त हो रहा है.

"उपसभापति हरिवंश सुलझे हुए व्यक्ति हैं. उनकी छवि साफ-सुथरी है. किसी भी चीज का मूल्यांकन व निष्पक्ष तौर पर करते हैं. संग्रहालय विवाद में जो लोग सवाल खड़े कर रहे थे उन्हें हरिवंश ने आईना दिखाने का काम किया है"- विनोद शर्मा, भाजपा प्रवक्ता

उपसभापति हरिवंश मसले पर राजनीति.

पटना: नीतीश कुमार और भाजपा के बीच राजनीतिक रिश्ते खत्म हो चुके हैं. आज की तारीख में नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा हैं. नीतीश कुमार ने भले ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ दिया लेकिन पार्टी सांसद हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति पद पर (Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh) कायम हैं. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रधानमंत्री संग्रहालय मामले पर पीएम मोदी की तारीफ की तो पीएम की मुखालफत करने वालों ने आड़े हाथों लिया है.

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अगले विस्तार पर संशयः हरिवंश के मामले पर जब ईटीवी भारत ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल किया तो वह बिफर पड़े. ललन सिंह से जब यह पूछा गया कि क्या हरिवंश जी को अगले कार्यकाल के लिए विस्तार मिलेगा तो उन्होंने यह कहकर सवाल को टाल दिया कि टिकट बांटने का जिम्मा आप ही को दिया जाएगा. हरिवंश को जदयू अगला विस्तार देगा या नहीं इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. हरिवंश जदयू के बैठकों में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं. यहां तक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए थे.

हरिवंश ने आईना दिखायाः बदली हुई परिस्थितियों में हरिवंश के राजनीतिक संबंध भाजपा के शीर्ष नेताओं से मधुर हैं. जाहिर तौर पर हरिवंश भविष्य की राजनीति के लिए भाजपा की ओर मुखातिब हो सकते हैं. भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि उपसभापति हरिवंश सुलझे हुए व्यक्ति हैं. उनकी छवि साफ-सुथरी है. किसी भी चीज का मूल्यांकन व निष्पक्ष तौर पर करते हैं. संग्रहालय विवाद में जो लोग सवाल खड़े कर रहे थे उन्हें हरिवंश ने आईना दिखाने का काम किया है. विपक्षी खेमे के कुछ लोग दुर्भावना से प्रेरित होकर आलोचना कर रहे हैं.

क्या है संग्रहालय विवादः राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने संग्रहालय विवाद पर अपनी बेबाक राय रखी. हरिवंश ने कहा कि संग्रहालय उन परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करता है जिनसे भारत गुजरा है. यह प्राचीन भारत के लोकतांत्रिक अतीत को भी सामने लाता है. प्रत्येक प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान घटनाओं का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन सुनिश्चित किया गया है. यह प्रधानमंत्री की एक निष्पक्ष दृष्टि रही है. सच्चे राज्यों के कौशल का एक उदाहरण है. अमिताभ बच्चन की आवाज वाला लाइट एंड साउंड शो आकर्षण का केंद्र बन गया है. यह भारतीय संसद में लोकतंत्र का उत्सव मनाने का एक मंच है. किसी को कम महत्व नहीं दिया जाता.

हरिवंश का राजनीतिक सफरः हरिवंश पहली बार राज्यसभा 10 अप्रैल 2014 को चुने गए थे. हरिवंश उपसभापति के तौर पर 9 अगस्त 2018 को पद ग्रहण किया था. दूसरी बार 14 सितंबर 2020 को पुनः उपसभापति हुए. हरिवंश का कार्यकाल अप्रैल 2026 को समाप्त हो रहा है.

"उपसभापति हरिवंश सुलझे हुए व्यक्ति हैं. उनकी छवि साफ-सुथरी है. किसी भी चीज का मूल्यांकन व निष्पक्ष तौर पर करते हैं. संग्रहालय विवाद में जो लोग सवाल खड़े कर रहे थे उन्हें हरिवंश ने आईना दिखाने का काम किया है"- विनोद शर्मा, भाजपा प्रवक्ता

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