पटना: यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर बीजेपी नेताओं की तरफ से दिए जा रहे हैं. बीजेपी की ओर से बयान दिए जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बीजेपी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी का काम ही है धार्मिक उन्माद फैलाना.
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"क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड. बिहार में अलग-अलग जाति और धर्म हैं. अलग-अलग धर्म के अलग-अलग कानून बना हुआ है. हिंदू लॉ है, मुस्लिम पर्सनल लॉ है. क्रिश्चियन समाज के लिए अलग कानून है. जब तक सभी समाज के लोगों को एक साथ बैठाकर आम सहमति नहीं बना लिया जाता है, तब तक कैसे यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा यह तो थोपने जैसा है और धार्मिक उन्माद फैलाने की बात है."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
जातीय जनगणना नहीं जातीय गणना है: जातीय गणना को लेकर ललन सिंह ने कहा कि, यह जातीय जनगणना नहीं जातीय गणना है और सभी दलों की सहमति से कराई जा रही है. बीजेपी को लग रहा है कि उससे घाटा होगा, इसलिए पीछे से मुकदमा करा रहे हैं. मुकदमा होगा तो हाईकोर्ट में और सुप्रीम कोर्ट में तय होगा. प्रधानमंत्री की ओर से सभी भ्रष्टाचारियों को विपक्षी एकजुटता के नाम पर एकजुट करने के बयान पर ललन सिंह ने कहा जो बीजेपी में चले जाते हैं वह वाशिंग मशीन से धूल कर चले आते हैं. भाजपा के अंदर कितने भ्रष्टाचारी हैं और उस पर क्या कार्रवाई हुई. केंद्र सरकार को बताना चाहिए.
बीजेपी कर रही बयानबाजी: आनंद मोहन की रिहाई को लेकर ललन सिंह ने सफाई देते हुए कहा, उनको सजा हुई और जो सजा मिलती है, उसमें परिहार मिलता है. 14 साल की सजा काटने के बाद परिहार नहीं मिल रहा था. कानून में अड़चन था, उस अड़चन को दूर किया गया है. 26 लोगों को चुनावी फायदे के लिए छोड़ने का बीजेपी के आरोप पर ललन सिंह ने कहा, यह सब बकवास है. यह सब केवल राजनीतिक बयानबाजी है.
मन की बात नहीं देखी: सुशील मोदी को लेकर ललन सिंह ने कहा कि, छपास रोग से ग्रसित हैं और हमको लगता है असत्य बोलने वालों का जो गिरोह है, उसके सरगना हैं.' ललन सिंह ने कहा कि आज तक हमने मन की बात नहीं देखी है. सुशील मोदी जी ने बैठकर देखा है. मन की बात क्या है, आप स्वामी हैं, आप मठ चला रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री मन की बात करते हैं, तो ज्वलंत समस्याओं के बारे में भी चर्चा करनी चाहिए.
"बेरोजगारी बढ़ी है कि नहीं देश में केंद्रीय सेवाओं में भर्ती पूरी तरह से रोक है. निजीकरण इस देश का कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं बताएं. निजीकरण कर रहे हैं तो किसको दे रहे हैं, यह तो बताएं सुशील मोदी."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू