नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले दिल्ली जदयू दफ्तर में राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह कर रहे थे. उपेंद्र कुशवाहा ने भी उसमें भाग लिया. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होगी, इस पर इस बैठक में मंथन हुई. बैठक से पहले उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहना चाहिए, मैं रेस में नहीं हूं. जेडीयू (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक दिल्ली में कुछ देर बाद होगी. जेडीयू के लिए यह बैठक काफी अहम है. इसमें पार्टी के मुखिया के नाम पर मुहर लगेगी.
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन को किस तरह और मजबूत बनाया जाए इस पर चर्चा होगी. यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों में पार्टी को कितने सीटों पर लड़ना है और किस तरह मजबूती से तैयारी की जाए इस पर भी मंथन होगा.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में मैं नहीं हूं. आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए. कोई नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा या नहीं मुझे इसकी जानकारी नहीं है. कार्यकारिणी की बैठक में जो भी निर्णय होगा उसका ऐलान कर दिया जाएगा.
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बता दें पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय 7 जंतर मंतर पर जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शाम 4 बजे होगी. बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, पार्टी के लोकसभा व राज्यसभा के सभी सांसद, राष्ट्रीय पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य व राज्य इकाइयों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल होंगे.
बैठक में सदस्यता अभियान की रूपरेखा, यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होगी. प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पर जदयू के संगठन को और मजबूत किस तरह बनाया जाए इस पर भी मंथन होगा. पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इसका ऐलान कर सकते हैं.
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दरअसल आरसीपी सिंह अभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बन गए हैं. जदयू में अंदर खाने RCP की जगह किसी और व्यक्ति को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग उठ रही है. इसके लिए एक व्यक्ति एक पद का हवाला दिया जा रहा है. जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एवं मुंगेर सांसद ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.
वहीं उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नीतीश लव-कुश (कुर्मी-कुशवाहा) समीकरण को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं. वैसे जदयू पर आरोप लग रहा है पार्टी में कुर्मी एवं कुशवाहा समाज के नेताओं को ही तरजीह दी जा रही है. क्योंकि बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी 'कुशवाहा' जाति से ही आते हैं. इसलिए यह भी हो सकता है कि ललन सिंह जो सवर्ण हैं भूमिहार जाति से आते हैं उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नीतीश यह संदेश देने की कोशिश करें कि हम सवर्णों को भी तरजीह देते हैं.
बता दें आरसीपी के साथ ललन सिंह की भी केंद्र सरकार में मंत्री बनने की संभावना थी लेकिन जदयू को एक ही कैबिनेट मंत्री का पद मिला. ललन सिंह मंत्री नहीं बन पाए. तब से ललन खेमा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग ललन सिंह को कर रहा है. वहीं आरसीपी केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं. लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी कहेगी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दूंगा.