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RCP सिंह ने दी सहमति तो ललन सिंह का जेडीयू अध्यक्ष बनना तय

JDU की राष्ट्रीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक कुछ ही घंटों में दिल्ली में शुरू होने वाली है. इसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के बनाए जाने की संभावना है. रेस में ललन सिंह आगे चल रहे हैं. आखिर क्यों और क्या है इसकी वजह? पढ़ें रिपोर्ट...

ललन सिंह का जेडीयू अध्यक्ष बनना तय
ललन सिंह का जेडीयू अध्यक्ष बनना तय
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Published : Jul 31, 2021, 11:25 AM IST

Updated : Jul 31, 2021, 11:34 AM IST

पटना/नई दिल्ली: आज जेडीयू (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक दिल्ली में कुछ देर में होगी. जेडीयू के लिए यह बैठक काफी अहम है. इसमें पार्टी के 'मुखिया' के नाम पर मुहर लग सकती है. ये माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह की अगर सहमति मिली तो ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. इन कयासों में कितनी सच्चाई है, ये आज की बैठक में साफ हो जाएगा.

ये भी पढ़ें : JDU अध्यक्ष की रेस: 'शनि' देव किसकी कराएंगे ताजपोशी, किसका बिगाड़ेंगे 'खेल'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तमाम सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं. सबकी निगाहें उनपर टिकी हैं. आरसीपी सिंह को केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद से सबकी निगाहें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर है. आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे.

संसदीय दल के नेता ललन सिंह कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने के बाद से नाराज हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. अगड़ी जाति से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पार्टी में नाराजगी है. जाति विशेष में नाराजगी को कम करने के लिए नीतीश कुमार ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकते हैं. वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अगर ललन सिंह के नाम पर विरोध नहीं किया तो ललन सिंह का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है.

बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. भूमिहार जाति से आने वाले ललन सिंह जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. ललन सिंह 2005 में जेडीयू की सरकार बनने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. 2009 तक वे लगातार प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहे. हालांकि 2009 में उनका नीतीश कुमार से विवाद हुआ और उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने से इनकार कर दिया था. तब विजय चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. नाराज ललन सिंह बाद में पार्टी छोड़ कर भी चले गये थे. लेकिन कई दशकों से नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले ललन सिंह पार्टी में फिर लौट कर आये. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें राज्यपाल कोटा से बिहार विधान परिषद भेजा गया था. वहीं, जीतन राम मांझी के कैबिनेट में सड़क निर्माण विभाग का जिम्मा सौंपा गया था.

ये भी पढ़ें: जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा कौन? फैसला आज

बता दें कि जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 सदस्य हैं. सांसद, लोकसभा, राज्यसभा आमंत्रित सदस्य 20 हैं. सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और सभी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बैठक में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे हैं.जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इससे पहले 27 दिसंबर को पटना में हुई थी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देरी हुई है. लेकिन बिहार के सभी दलों की नजर इस बैठक पर है. सहयोगी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी की भी है कि जदयू में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद किसे दिया जाता है.

पटना/नई दिल्ली: आज जेडीयू (JDU) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive Meeting) की बैठक दिल्ली में कुछ देर में होगी. जेडीयू के लिए यह बैठक काफी अहम है. इसमें पार्टी के 'मुखिया' के नाम पर मुहर लग सकती है. ये माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह की अगर सहमति मिली तो ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. इन कयासों में कितनी सच्चाई है, ये आज की बैठक में साफ हो जाएगा.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तमाम सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं. सबकी निगाहें उनपर टिकी हैं. आरसीपी सिंह को केंद्र में मंत्री बनाए जाने के बाद से सबकी निगाहें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर है. आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे.

संसदीय दल के नेता ललन सिंह कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने के बाद से नाराज हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. अगड़ी जाति से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर पार्टी में नाराजगी है. जाति विशेष में नाराजगी को कम करने के लिए नीतीश कुमार ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकते हैं. वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अगर ललन सिंह के नाम पर विरोध नहीं किया तो ललन सिंह का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है.

बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. भूमिहार जाति से आने वाले ललन सिंह जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. ललन सिंह 2005 में जेडीयू की सरकार बनने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. 2009 तक वे लगातार प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहे. हालांकि 2009 में उनका नीतीश कुमार से विवाद हुआ और उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने से इनकार कर दिया था. तब विजय चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. नाराज ललन सिंह बाद में पार्टी छोड़ कर भी चले गये थे. लेकिन कई दशकों से नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले ललन सिंह पार्टी में फिर लौट कर आये. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें राज्यपाल कोटा से बिहार विधान परिषद भेजा गया था. वहीं, जीतन राम मांझी के कैबिनेट में सड़क निर्माण विभाग का जिम्मा सौंपा गया था.

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बता दें कि जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 75 सदस्य हैं. सांसद, लोकसभा, राज्यसभा आमंत्रित सदस्य 20 हैं. सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और सभी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बैठक में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे हैं.जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इससे पहले 27 दिसंबर को पटना में हुई थी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देरी हुई है. लेकिन बिहार के सभी दलों की नजर इस बैठक पर है. सहयोगी बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी की भी है कि जदयू में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद किसे दिया जाता है.

Last Updated : Jul 31, 2021, 11:34 AM IST
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