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चूड़ा दही भोज पर संशय, बोले वशिष्ठ नारायण सिंह- अभी तक कुछ सोचा नहीं

Chura Dahi Bhoj: हर साल अपने आवास पर नेताओं को चूड़ा दही का भोज देने वाले जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस बार स्वास्थ्य कारणों से अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि साथियों का आग्रह है, लिहाजा देखते हैं कि क्या करना है.

वशिष्ठ नारायण सिंह
चूड़ा दही भोज
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 9, 2024, 11:43 AM IST

Updated : Jan 9, 2024, 11:49 AM IST

जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह

पटना: मकर संक्रांति पर बिहार की सियासत में चूड़ा दही भोज की खूब चर्चा होती रहती है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर आयोजित इस सियासी भोज पर सब की नजर रहती है. पिछले 22 सालों से लगातार वह अपने आवास पर चूड़ा दही का भोज देते आए हैं. न केवल पटना में, बल्कि दिल्ली में भी चूड़ा दही भोज का आयोजन करते हैं. हालांकि कोरोना काल से बड़े स्तर पर इसका आयोजन नहीं हो रहा है. इस बार भी वह स्वास्थ्य कारणों से इसको लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं.

"साथियों का आग्रह है कि बड़े स्तर पर नहीं तो छोटे स्तर पर ही चूड़ा दही भोज का आयोजन किया जाए लेकिन स्वास्थ्य कारण से अभी तक उस पर फैसला नहीं किया है. जल्द ही इस पर पर कोई निर्णय लेंगे"- वशिष्ठ नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद, जनता दल यूनाइटेड

वशिष्ठ नारायण सिंह
जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह

स्वास्थ्य कारणों से भोज पर फैसला नहीं: वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि साल के शुरुआत में होने वाले चूड़ा दही भोज से समाज में प्रेम मोहब्बत सद्भावना का मैसेज जाता है. सभी दल के लोग भोज में शामिल होते रहे हैं. साथियों का इस बार भी लगातार आग्रह हो रहा है कि आयोजन हो, इस पर विचार कर रहे हैं.

पिछले साल अंतिम वक्त में भोज रद्द: पिछले साल उपेंद्र कुशवाहा जब जेडीयू में थे, तब वशिष्ठ नारायण सिंह ने चूड़ा दही भोज आयोजित करने की जिम्मेदारी उन्हें दी थी और जोर-शोर से तैयारी भी शुरू हो गई थी लेकिन शरद यादव के निधन के कारण पार्टी की ओर से चूड़ा दही भोज को कैंसिल कर दिया गया. बाद में उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़कर अपनी पार्टी भी बना ली लेकिन इस बार चूड़ा दही भोज को लेकर जेडीयू में संशय बना हुआ है. हालांकि पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह की ओर से भी एक साल चूड़ा दही भोज का आयोजन हो चुका है.

वशिष्ठ नारायण सिंह
नीतीश कुमार के साथ वशिष्ठ नारायण सिंह

चूड़ा दही भोज का सियासी संदेश: जनता दल यूनाइटेड की ओर से कई नेता चूड़ा दही भोज का आयोजन करते हैं लेकिन बड़े स्तर पर पार्टी की ओर से किसे जिम्मेदारी दी जाएगी, अभी तक फैसला नहीं हुआ है. चूड़ा दही भोज पर नजर इसलिए रहती है, क्योंकि खरमास की समाप्ति के बाद बिहार में इस भोज के माध्यम से नेता और पार्टी की ओर से मैसेज देने की कोशिश होती रही है. इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इसी कारण चूड़ा दही भोज की इस बार भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है. हालांकि ये भी सच है कि कई दलों के नेताओं की ओर से इस बार भी चूड़ा दही भोज का आयोजन होना तय है.

ये भी पढ़ें:

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जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह

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"साथियों का आग्रह है कि बड़े स्तर पर नहीं तो छोटे स्तर पर ही चूड़ा दही भोज का आयोजन किया जाए लेकिन स्वास्थ्य कारण से अभी तक उस पर फैसला नहीं किया है. जल्द ही इस पर पर कोई निर्णय लेंगे"- वशिष्ठ नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद, जनता दल यूनाइटेड

वशिष्ठ नारायण सिंह
जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह

स्वास्थ्य कारणों से भोज पर फैसला नहीं: वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि साल के शुरुआत में होने वाले चूड़ा दही भोज से समाज में प्रेम मोहब्बत सद्भावना का मैसेज जाता है. सभी दल के लोग भोज में शामिल होते रहे हैं. साथियों का इस बार भी लगातार आग्रह हो रहा है कि आयोजन हो, इस पर विचार कर रहे हैं.

पिछले साल अंतिम वक्त में भोज रद्द: पिछले साल उपेंद्र कुशवाहा जब जेडीयू में थे, तब वशिष्ठ नारायण सिंह ने चूड़ा दही भोज आयोजित करने की जिम्मेदारी उन्हें दी थी और जोर-शोर से तैयारी भी शुरू हो गई थी लेकिन शरद यादव के निधन के कारण पार्टी की ओर से चूड़ा दही भोज को कैंसिल कर दिया गया. बाद में उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़कर अपनी पार्टी भी बना ली लेकिन इस बार चूड़ा दही भोज को लेकर जेडीयू में संशय बना हुआ है. हालांकि पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह की ओर से भी एक साल चूड़ा दही भोज का आयोजन हो चुका है.

वशिष्ठ नारायण सिंह
नीतीश कुमार के साथ वशिष्ठ नारायण सिंह

चूड़ा दही भोज का सियासी संदेश: जनता दल यूनाइटेड की ओर से कई नेता चूड़ा दही भोज का आयोजन करते हैं लेकिन बड़े स्तर पर पार्टी की ओर से किसे जिम्मेदारी दी जाएगी, अभी तक फैसला नहीं हुआ है. चूड़ा दही भोज पर नजर इसलिए रहती है, क्योंकि खरमास की समाप्ति के बाद बिहार में इस भोज के माध्यम से नेता और पार्टी की ओर से मैसेज देने की कोशिश होती रही है. इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इसी कारण चूड़ा दही भोज की इस बार भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है. हालांकि ये भी सच है कि कई दलों के नेताओं की ओर से इस बार भी चूड़ा दही भोज का आयोजन होना तय है.

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Last Updated : Jan 9, 2024, 11:49 AM IST
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