पटनाः बिहार विधान परिषद के चार सदस्यों ने बुधवार को शपथ ली है. इसमें जेडीयू के नवनिर्वाचित विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह (JDU MLC Sanjeev Kumar Singh )भी शामिल थे. शपथ लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने ही सरकार के शिक्षक भर्ती नियमावली का विरोध किया और कहा कि मैं शिक्षा मंंत्री की बातों से सहमत नहीं हूं. नियोजन इकाई द्वारा नियोजित जो शिक्षक हैं और एसटीईटी और टीईटी की परीक्षा देकर जो अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनके लिए इस नियमावली में संशोधन होना चाहिए. क्योंकि इतने दिनों तक उनके कंधों पर भी सूबे की शिक्षा की जिम्मेदारी थी.
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शिक्षकों की लड़ाई के साथ हैं जेडीयू एमएलसीः संजीव कुमार सिंह ने कहा कि मैं शिक्षक क्षेत्र का चुनाव जीत कर आया हूं और उनकी भलाई के लिए काम करना मेरा कर्तव्य है. मैं शिक्षकों की लड़ाई के साथ हूं. मुझे यहां चुनकर शिक्षकों ने भेजा है, तो मैं उनके साथ रहूंगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री क्या कह रहे हैं, यह उनका व्यक्तव्य है. मैं उनकी बात से सहमत नहीं हूं. जो शिक्षक लगातार 16 -17 साल से पढ़ा रहे है. आज कहा जा रहा है कि फिर से वो परीक्षा दे तब राज्यकर्मी बनेंगे. यह कहीं से उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि वो लोग पात्रता परीक्षा दे चुके हैं. फिर क्यों सरकार इस तरह कर रही है. इसका हम विरोध कर रहे है.
"मैं शिक्षा मंंत्री की बातों से सहमत नहीं हूं. नियोजन इकाई द्वारा नियोजित जो शिक्षक हैं और एसटीईटी और टीईटी की परीक्षा देकर जो अपनी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनके लिए इस नियमावली में संशोधन होना चाहिए. क्योंकि इतने दिनों तक उनके कंधों पर भी सूबे की शिक्षा की जिम्मेदारी थी. मैं शिक्षक क्षेत्र का चुनाव जीत कर आया हूं और उनकी भलाई के लिए काम करना मेरा कर्तव्य है. मैं शिक्षकों की लड़ाई के साथ हूं. मुझे यहां चुनकर शिक्षकों ने भेजा है, तो मैं उनके साथ रहूंगा" -संजीव कुमार सिंह, विधान पार्षद, जेडीयू
नियमावली में बदलाव की मांगः एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि हजारों की संख्या में एसटीईटी और सीटीईटी उत्तीर्ण छात्र सड़क पर प्रदर्शन कर रहे है. हमें उसके बारे में सोचना है. ये ठीक है की कई साल बाद शिक्षक संवर्ग का गठन किया गया है. लेकिन नियमावली जो बनाई गई है उसमे कई दोष है और उसको बदलना जरूरी है. इसको लेकर जो लड़ाई शिक्षक लड़ रहे हैं. मैं उनके साथ हूं. जब तक बदलाव नहीं होगा हमारी लड़ाई जारी रहेगी.