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प्रोफेसर बहाली के लिए बनाए गए 'परिनियम 2020' पर जेडीयू MLC ने जताई आपत्ति, CM को लिखा पत्र - सहायक अध्यापक बहाली

जदयू एमएलसी ने नए नियम 2020 पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस नियम से बिहार के छात्रों का नुकसान होगा. इससे बिहार के छात्र की मेधा सूची तो दूर की बात है, वे अवेदन भी नहीं कर सकेंगे.

जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह
जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह
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Published : Aug 13, 2020, 6:12 PM IST

पटना: बिहार के विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की बहाली 'विश्वविद्यालय सेवा आयोग' करेगा और इसके नए नियम 2020 को राज्यपाल ने भी अपनी स्वीकृत दे दी है. लेकिन बहाली के नए परिनियम को लेकर सत्ता पक्ष के नेता ने ही आपत्ति जताई है.

सहायक अध्यापक बहाली के नए परिनियम 2020 को लेकर जदयू एमएलसी संजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राजभवन को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि नए परिनियम से बिहार के छात्रों का नुकसान होगा. जदयू नेता ने कहा कि इससे बिहार के छात्र की मेधा सूची तो दूर की बात है, वे अवेदन भी नहीं कर पाएंगे. इस मामले को लेकर वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे.

पत्र लिखकर जताई अपत्ति
जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि परिनियम 2020 में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे बिहार के अभ्यर्थियों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इस नियम से बिहार के छात्र अवेदन तक नहीं कर सकेंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जदयू नेता ने आगे कहा कि नए नियम से सीधे तौर पर अन्य प्रदेश के छात्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राजभवन को पत्र लिखकर विसंगतियों के बारे में बतया है.

'2014 से पहले पीएचडी करने वाले को नहीं मिलेगा मौका'
जदयू नेता ने आगे कहा कि बिहार के अधिकांश विश्वविद्यालयों में पीएचडी को लेकर यूजीसी का गाइडलाइन 2014 के आसपास लागू हुआ है. इस वजह से 2014 से पहले जिन्होंने पीएचडी किया है, उन्हें मौका ही नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग में 2 सदस्य बिहार से बाहर के हैं. इस वजह से अन्य प्रदेश के छात्रों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. नए नियम के तहत एकेडमिक रिकॉर्ड की जांच में मैट्रिक और इंटर को हटा दिया गया है. इससे ब्लैक लिस्टेड संस्थान से उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी प्रोफेसर बन जाएंगे.

सीएम को लिखा पत्र
सीएम को लिखा पत्र

सीएम से करेंगे मुलाकात
गौरतलब है कि बिहार राजभवन ने सहायक अध्यापक बहली को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. बहाली के लिए नए परिनियम 2020 बनाए गए हैं. नए बहाली नियम को लेकर जदयू एमएलसी ने अपनी आपत्ति जताई है. इसको लेकर उन्होंने राजभवन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है. जदयू नेता ने इस बहाली के नए नियम पर बातचीत करने के लिए सीएम से मुलाकात करने की बात भी कही है.

पटना: बिहार के विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की बहाली 'विश्वविद्यालय सेवा आयोग' करेगा और इसके नए नियम 2020 को राज्यपाल ने भी अपनी स्वीकृत दे दी है. लेकिन बहाली के नए परिनियम को लेकर सत्ता पक्ष के नेता ने ही आपत्ति जताई है.

सहायक अध्यापक बहाली के नए परिनियम 2020 को लेकर जदयू एमएलसी संजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राजभवन को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि नए परिनियम से बिहार के छात्रों का नुकसान होगा. जदयू नेता ने कहा कि इससे बिहार के छात्र की मेधा सूची तो दूर की बात है, वे अवेदन भी नहीं कर पाएंगे. इस मामले को लेकर वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करेंगे.

पत्र लिखकर जताई अपत्ति
जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि परिनियम 2020 में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे बिहार के अभ्यर्थियों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि इस नियम से बिहार के छात्र अवेदन तक नहीं कर सकेंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जदयू नेता ने आगे कहा कि नए नियम से सीधे तौर पर अन्य प्रदेश के छात्रों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और राजभवन को पत्र लिखकर विसंगतियों के बारे में बतया है.

'2014 से पहले पीएचडी करने वाले को नहीं मिलेगा मौका'
जदयू नेता ने आगे कहा कि बिहार के अधिकांश विश्वविद्यालयों में पीएचडी को लेकर यूजीसी का गाइडलाइन 2014 के आसपास लागू हुआ है. इस वजह से 2014 से पहले जिन्होंने पीएचडी किया है, उन्हें मौका ही नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग में 2 सदस्य बिहार से बाहर के हैं. इस वजह से अन्य प्रदेश के छात्रों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. नए नियम के तहत एकेडमिक रिकॉर्ड की जांच में मैट्रिक और इंटर को हटा दिया गया है. इससे ब्लैक लिस्टेड संस्थान से उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी प्रोफेसर बन जाएंगे.

सीएम को लिखा पत्र
सीएम को लिखा पत्र

सीएम से करेंगे मुलाकात
गौरतलब है कि बिहार राजभवन ने सहायक अध्यापक बहली को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. बहाली के लिए नए परिनियम 2020 बनाए गए हैं. नए बहाली नियम को लेकर जदयू एमएलसी ने अपनी आपत्ति जताई है. इसको लेकर उन्होंने राजभवन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है. जदयू नेता ने इस बहाली के नए नियम पर बातचीत करने के लिए सीएम से मुलाकात करने की बात भी कही है.

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