पटना: मुख्यमंत्री नीतीश को पीएम मैटेरियल बताने वाले उपेन्द्र कुशवाहा को 'महाराणा प्रताप स्मृति दिवस' को लेकर जारी किए गए पोस्टर से आउट कर दिया गया है. जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ये उपेक्षा किसी बड़े सियासी संकेत की ओर इशारा कर रही है. पोस्टर में जेडीयू के सभी शीर्ष लीडर हैं लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा की फोटो नदारद है. इसको लेकर तरह-तरह के सियासी कयास लगाए जा रहे हैं.
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जेडीयू की पोस्टर पॉलिटिक्स से कुशवाहा Out : राजधानी पटना में पोस्टर के जरिए राजनीति करने की बात आम हो गयी है. आज जनता दल यूनाइटेड की तरफ से 'महाराणा प्रताप स्मृति दिवस' को लेकर जो एक पोस्टर पटना की सड़कों पर लगाया गया है, उसमें जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर ही नहीं लगाई गई. गौरतलब है कि 23 जनवरी को पटना के मिलर स्कूल पर महाराणा प्रताप के स्मृति में राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस समारोह का आयोजन होना है. उसको लेकर जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद संजय सिंह ने शहर में चारों तरफ पोस्टर लगाया है. इस पोस्टर में उपेंद्र कुशवाहा को कहीं जगह नहीं दिया गया है.
जेडीयू के पोस्टर में क्या है? : इस पोस्टर में सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर लगी है. वहीं दाहिने तरफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की तस्वीर लगी हुई है. बीच में अशोक चौधरी, विजय चौधरी, लेसी सिंह यहां तक सुमित सिंह की भी तस्वीर लगी हुई है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर इस पोस्टर में कहीं दिखाई नहीं दे रही है, जो कि एक चर्चा का विषय बना हुआ है. फिलहाल पोस्टर को लेकर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
क्या पार्टी लाइन छोड़ने की मिली सजा या भूल? : उपेन्द्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी को लेकर बीते दिनों ऐसे-ऐसे बयान दिए थे कि वो अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओ के निशाने पर आ गए. वहीं रामचरितमानस के मुद्दे पर भी महागठबंधन के नेता और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के मुद्दे पर सरकार को ही कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया था. इसी तरह से पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का भी मुद्दा उपेन्द्र कुशवाहा ने ही जोर-शोर से पार्टी के अंदर उठाया था. यही नहीं खुद को उपमुख्यमंत्री बनने के सवाल को लेकर अपनी इच्छा मीडिया के सामने रखी थी. तब सीएम नीतीश को खुद आकर उनका भ्रम तोड़ना पड़ा. उस वक्त सीएम नीतीश ने इस तरह के कयासों को फालतू बता बताया था. जिस तरह से जेडीयू के पोस्टर से उपेन्द्र कुशवाहा आउट हुए हैं उससे अंदाजा लगने लगा है कि उन्हें किनारे लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उपेन्द्र कुशवाहा पार्टी के अंदर अलग-थलग पड़ते दिखाई दे रहे हैं.