पटना: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (Bjp president Jp Nadda) ने आरजेडी सहित तमाम छोटे क्षेत्रीय दलों पर हमला किया था. जेपी नड्डा ने बयान दिया था कहा था कि देश में केवल बीजेपी ही रह जाएगी. इसी बयान पर सियासी दलों में बवाल मचा हुआ है. आरजेडी नेताओं के बयान लगातार सामने आ रहे हैं. आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी (Rjd leader Shivanand Tiwari) ने कहा कि हम लोगों की जो आशंका थी, खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उसे सही सिद्ध कर रहे हैं. वहीं जेपी नड्डा के बयान का बचाव करते हुए जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष ने यह बयान भ्रष्टाचार और वंशवाद को देखते हुए दिया है.
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उपेन्द्र कुशवाहा ने किया बचाव: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Jdu leader Upendra Kushwaha) ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किसी और मायने में इस बात को कहा होगा. उसके बाद कहा कि देश में मल्टी पार्टी सिस्टम है. जिस पार्टी के पक्ष में जनता का आधार रहता है, उसी पार्टी की सरकार बनती है. किसी पार्टी का बनना-बिगड़ना अलग बात है. जिस पार्टी को लोगों का सपोर्ट मिलता है और लोगों का भरोसा रहता है, उसी पार्टी की सरकार बनती है. जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष ने कहा कि अगर एक पार्टी देश में रहेगी तब तो ऐसा संभव नहीं हो सकेगा. जदयू नेता ने कहा कि लोकतंत्र में अलग-अलग पार्टियां रहेगी.
राष्ट्रीय पार्टी बनने जा रही जदयू: इन सारी बातों के बाद जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जदयू अब राष्ट्रीय पार्टी बनने की लाइन में आ चुकी है. हमारी पार्टी देश के तीन राज्यों में मान्यता प्राप्त कर चुकी है. उम्मीद है कि आने वाले चुनाव में चौथे राज्य में भी मान्यता प्राप्त होगा और जदयू को चुनाव आयोग के द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त होगा.
'किसी पार्टी का बनना-बिगड़ना अलग बात है. जिस पार्टी को लोगों का सपोर्ट मिलता है और लोगों का भरोसा रहता है, उसी पार्टी की सरकार बनती है'.- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड
भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ बयान: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान पर जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन ने कहा कि जहां तक मैं उनके बयान को समझ पाया हूं उन्होंने भ्रष्टाचार और परिवारवाद को लेकर ऐसे तीखे आरोप लगाए हैं. वैसी कई क्षेत्रीय पार्टियों में अपराध और वंशवाद को लेकर लोग ज्यादा सक्रियता रहता है. उनलोगों का भविष्य जरूर संदिग्ध नजर आता है. जनता अब सुशासन और विकास को लेकर दृढ़ नजर आती है. ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियों को नेतृत्व और काम करने के तौर-तरीके पर पुनर्विचार करना होगा.
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