पटनाः जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्हें जुमलेबाज नेता करार दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के खिलाफ बार-बार गलत बयानबाजी करने से तेजस्वी प्रसाद यादव की छवि जुमलेबाज नेता की बन गई है. ऐसे में उन्हें अब अपना नाम बदलकर जुमला प्रसाद यादव रख लेना चाहिए.
राजद का जनाधार समाप्त
तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार करते हुए उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी की राजनीति अब केवल जुमलेबाजी की इर्द-गिर्द रह गई है. उनका जन सरोकार से नाता टूट चुका है. यही कारण है कि बिहार में राजद का जनाधार समाप्त होने की कगार पर है. बिहार में राजद का जनाधार खिसकने के बाद भी तेजस्वी प्रसाद यादव का भ्रम नहीं टूट रहा है.
प्रदेश में बनी जुमलेबाज नेता की छवि
तेजस्वी प्रसाद यादव बार-बार डबल इंजन की सरकार बताकर नीतीश सरकार पर बेवजह तंज कसते रहते हैं. तेजस्वी को लगता है कि नीतीश सरकार को डबल इंजन वाली सरकार बताने से सरकार के सेहत पर कोई असर पड़ेगा तो यह भी उनका एक महाभ्रम है. प्रदेश की जनता इस जुमले के झांसे में नहीं आने वाली. बल्कि तेजस्वी प्रसाद यादव की गलत बयानी से प्रदेश में उनकी छवि जुमलेबाज नेता की बन चुकी है. जुमलेबाज नेता की छवि अख्तियार करने के कारण ही प्रदेश की जनता अब उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है. इसी कारण बिहार के मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने वाले तेजस्वी को विधानसभा चुनाव में हार मिली.
लालू और राबड़ी की कुशासन वाली सरकार
उमेश कुशवाहा ने कहा कि 1990 से लेकर 2005 तक बिहार में लालू और राबड़ी की कुशासन वाली सरकार थी. उस दौरान केंद्र में कांग्रेस और राजद समर्थित यूनाइटेड फ्रंट की सरकार लंबे समय तक चली. उस समय तो बिहार में डबल नहीं बल्कि ट्रिपल इंजन की सरकार थी. तब बिहार का डेवलपमेंट क्यों गर्त में चला गया.
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बिहार में सुशासन की सरकार
15 साल तक बिहार में कुशासन का राज रहा जिसे कोर्ट ने जंगलराज की संज्ञा दी थी. यही कारण था कि लालू और राबड़ी के शासनकाल में बिहार का सत्यानाश हुआ. लालू और राबड़ी शासनकाल में त्राहिमाम कर रही आम जनता ने नीतीश कुमार में अपनी आस्था जताई और तब नीतीश कुमार बिहार में कुशासन का खात्मा कर 2005 में सुशासन की नीव रखे. तब से लगातार बिहार में सुशासन की सरकार चल रही है और बिहार विकास के पथ पर अग्रसर है.