पटना: बिहार विधानसभा के दलित विधायकों ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर बैठक की. बैठक में बीजेपी, जेडीयू, कांग्रेस के विधायक शामिल हुए. लेकिन, आरजेडी के विधायकों ने इस बैठक से दूरी बना ली. वहीं, ठीक उसी समय तेजस्वी यादव ने राबड़ी आवास पर आरजेडी विधायकों के साथ तत्काल बैठक की. आरजेडी विधायकों के नहीं आने के बावजूद मंत्री श्याम रजक ने कहा कि दलित विधायक एकजुट है और राष्ट्रीय स्तर पर दलित विधायकों को एकजुट करने का ऐलान भी किया जाएगा.
दिल्ली में होगी दलित विधायकों की बैठक
बिहार विधानसभा के सभी दलों के दलित विधायक पिछले तीन बैठकों से अपनी एकजुटता दिखा रहे थे. लेकिन आज यानी गुरुवार को एकजुटता छिन्न-भिन्न हो गई. मांझी आवास पर हुई बैठक में आरजेडी विधायकों की गैरमौजूदगी में सभी दलों के दलित विधायकों ने आगे की रणनीति तैयार की. बैठक के बाद जेडीयू नेता और मंत्री श्याम रजक ने रणनीति का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विधायकों को एकजुट करेंगे और जुलाई महीने में दिल्ली में बैठक करेंगे. श्याम रजक ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी मुलाकात करने की बात कही और उससे पहले मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मिलेंगे. वहीं, श्याम रजक ने आरजेडी विधायकों के नहीं आने पर कहा कि हम लोग एकजुट हैं और एकजुट रहेंगे.
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उधर, आरजेडी कोटे के दलित विधायक शिवचंद्र राम जब जीतन राम मांझी के आवास पर बैठक चल रही थी उसी समय राबड़ी आवास पर पहुंचे. उन्होने कहा कि पहले पार्टी की बैठक जरूरी है, उसके बाद ही कोई अन्य बैठक की जाएगी.
41 दलित विधायकों में केवल 18 ही पहुंचे
बता दें कि बिहार विधानसभा में 41 दलित विधायक हैं. लेकिन, गुरुवार की बैठक में केवल 18 विधायक ही पहुंचे. आरजेडी विधायकों के नहीं आने का बड़ा कारण पिछले दिनों जीतन राम मांझी की ओर से तेजस्वी यादव के खिलाफ गोपालगंज हत्याकांड मामले में बयान देना भी माना जा रहा है. चुनावी साल में कोई भी पार्टी दलित आरक्षण के मुद्दे पर अपनी दावेदारी छोड़ना नहीं चाह रही है.ऐसे में जानकारी के मुताबिक अगली बैठक 22 जून को हो सकती है.