पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान से बीजेपी जदयू के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है. सीएम नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर रहे गिरिराज सिंह के बयानों को जदयू ने काउंटर करना शुरू कर दिया है. नीतीश कैबिनेट में जदयू कोटे के मंत्री भी मैदान में उतर गए हैं. सीएम नीतीश कुमार के करीबियों में शामिल संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने गिरिराज सिंह को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है.
जदयू नेता श्रवण कुमार ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर हमला करते हुए कहा कि वो सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बने रहने के लिए बयान देते हैं. बाढ़ और जलजमाव से निपटने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है. जल्द ही हालात पर काबू पा लिया जाएगा. लेकिन गिरिराज सिंह बयानों के जरिए सुर्खियां बटोरना चाह रहे हैं. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि पहले अपने संसदीय क्षेत्र किए गए कार्य का पूरा ब्यौरा दें.
'गिरिराज ने बिहार के लिए कितनी योजनाएं चलाईं'
श्रवण कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गिरिराज सिंह लंबे समय से केंद्रीय मंत्री हैं. अपने संसदीय क्षेत्र के लिए किस प्रोजेक्ट पर काम करा रहे हैं इसकी जानकारी गिरिराज सिंह को देनी चाहिए. जदयू नेता ने कहा कि उनके मंत्रालय की तरफ से बिहार में कितनी योजनाएं चलाई गई और इससे कितने लोगों को लाभ मिला इसके बारे में भी बता दें. श्रवण कुमार के मुताबिक गिरिराज सिंह सिर्फ मीडिया में बने रहते हैं. धरातल पर उन्होंने क्या किया है, इसकी जानकारी भी देनी चाहिए.
गिरिराज के कथनी और करनी में फर्क
श्रवण कुमार ने केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि बेगूसराय सांसद बनने के बाद अब तक कौन से कार्य किए, इसका लेखा-जोखा दें. इससे साफ पता चलेगा कि उनके कथनी-करनी से लेकर मीडिया में उनके बयान के क्या मायने हैं. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं. बिहार में बाढ़ और जलजमाव को लेकर लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं.
कुव्यवस्था ही जलजमाव का कारण
शुक्रवार को भी गिरिराज सिंह ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कुव्यवस्था ही जलजमाव का कारण है. वहीं, ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'नशा सत्ता का हो, जमीन नजर न आता हो, आंख पे पर्दा और लोगों का दर्द सुनाई न दे तो सत्ता हमेशा सजग चौकीदार से ही सवाल पूछती है. मेरा अपने क्षेत्र में होने का प्रमाण बेगूसराय की जनता, राजनीतिक सह से अंधे बिहार सरकार के अधिकारी दे सकते है. निष्ठुर-संवेदनहीनों से मुझे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए.'