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BBC IT Survey: 'BJP के खिलाफ बोलने या लिखने पर मिलती है ऐसी सजा', JDU को याद आई इंदिरा गांधी की इमरजेंसी

आईटी की टीम द्वारा बीबीसी कार्यालय में अचानक हुए सर्वे को लेकर पूरा विपक्ष काफी नाराज दिख रहा है. इसे लेकर जेडीयू नेता ललन सिंह ने भी एक के बाद एक तीन ट्वीट किए हैं. जिसमें उन्होंने कहा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी अपने शब्दों को याद कर लें और जनहित में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को स्वतंत्र रूप से काम करने की स्वतंत्रता दें.

राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह
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Published : Feb 15, 2023, 12:57 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 1:34 PM IST

पटनाः बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालय पर कल यानी बुधवार को हुवे आईटी के आचानक सर्वे के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया. इस कार्रवाई की खबर जैसे ही लोगों को लगी विपक्षी नेताओं ने इस पर निशाना साधना शुरू कर दिया. विपक्ष को ये घटना इंदिरा गांधी के आपातकाल की याद दिलाने लगी. इसी बीच जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर केंद्रीय सरकार पर तंज कसा है.

ये भी पढेंः Bihar politics: BBC पर IT रेड पर RJD और JDU ने कसा तंज, कुशवाहा बोले- 'देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है'

ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि- "आज श्रद्धेय लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में 1974-75 के जन आंदोलन की याद आ गई. जब देश की मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगा था और हमलोग प्रतिदिन बीबीसी का समाचार सुनकर देश की महत्वपूर्ण और सत्य खबरों को जान पाते थे. लेकिन आज तो उस भयावह काल से सत्ता की हनक आगे बढ़ चुकी है. राष्ट्रीय मीडिया पर पूर्ण नियंत्रण और पालतू तोतों के बल पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भयभीत और आतंकित करने का प्रयास इस देश में लोकतंत्र को समाप्त करने की बड़ी साजिश है"

प्रेस की स्वतंत्रता को बताया जरूरीः ललन सिंह ने इसके आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दिनों के वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि- मोदी जी को अपने शब्दों को याद कर लेना चाहिए और जनहित में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को स्वतंत्र रूप से काम करने की स्वतन्त्रता देना चाहिए. उन्होंने लिखा है- "आदरणीय प्रधानमंत्री जी अपने शब्दों को याद कर लें और जनहित में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को स्वतंत्र रूप से काम करने की स्वतंत्रता दें"

विपक्ष ने कहा बदले की कार्रवाईः आपको बता दें कि बीबीसी द्वारा वृतचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रसारित करने के कुछ ही दिनों बाद बीबीसी कार्यालय पर सर्वे की ये कार्रवाई हुई है. जिसे विपक्ष बदले की कार्रवाई बता रहे हैं और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार कहा गया है. वहीं, आयकर अधिकारियों ने कहा कि बीबीसी की सहायक कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय कराधान और 'स्थानांतरण मूल्य निर्धारण' से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए ये सर्वेक्षण किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत में बीबीसी को नोटिस दिया गया था लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया और उसका पालन नहीं किया, जिसके बाद ये सर्वे किया जा रहा है.

पटनाः बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालय पर कल यानी बुधवार को हुवे आईटी के आचानक सर्वे के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया. इस कार्रवाई की खबर जैसे ही लोगों को लगी विपक्षी नेताओं ने इस पर निशाना साधना शुरू कर दिया. विपक्ष को ये घटना इंदिरा गांधी के आपातकाल की याद दिलाने लगी. इसी बीच जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर केंद्रीय सरकार पर तंज कसा है.

ये भी पढेंः Bihar politics: BBC पर IT रेड पर RJD और JDU ने कसा तंज, कुशवाहा बोले- 'देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है'

ललन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि- "आज श्रद्धेय लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में 1974-75 के जन आंदोलन की याद आ गई. जब देश की मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगा था और हमलोग प्रतिदिन बीबीसी का समाचार सुनकर देश की महत्वपूर्ण और सत्य खबरों को जान पाते थे. लेकिन आज तो उस भयावह काल से सत्ता की हनक आगे बढ़ चुकी है. राष्ट्रीय मीडिया पर पूर्ण नियंत्रण और पालतू तोतों के बल पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को भयभीत और आतंकित करने का प्रयास इस देश में लोकतंत्र को समाप्त करने की बड़ी साजिश है"

प्रेस की स्वतंत्रता को बताया जरूरीः ललन सिंह ने इसके आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दिनों के वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि- मोदी जी को अपने शब्दों को याद कर लेना चाहिए और जनहित में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को स्वतंत्र रूप से काम करने की स्वतन्त्रता देना चाहिए. उन्होंने लिखा है- "आदरणीय प्रधानमंत्री जी अपने शब्दों को याद कर लें और जनहित में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को स्वतंत्र रूप से काम करने की स्वतंत्रता दें"

विपक्ष ने कहा बदले की कार्रवाईः आपको बता दें कि बीबीसी द्वारा वृतचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रसारित करने के कुछ ही दिनों बाद बीबीसी कार्यालय पर सर्वे की ये कार्रवाई हुई है. जिसे विपक्ष बदले की कार्रवाई बता रहे हैं और इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार कहा गया है. वहीं, आयकर अधिकारियों ने कहा कि बीबीसी की सहायक कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय कराधान और 'स्थानांतरण मूल्य निर्धारण' से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए ये सर्वेक्षण किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि अतीत में बीबीसी को नोटिस दिया गया था लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया और उसका पालन नहीं किया, जिसके बाद ये सर्वे किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 15, 2023, 1:34 PM IST
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