नई दिल्ली/पटना: जदयू (JDU) ने जातीय जनगणना (Caste Based Census) का मामला संसद में उठाया है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि इसके बिना ओबीसी (Other Backward Class) को न्याय नहीं मिलेगा.
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ललन सिंह मंगलवार को संसद में 127वां संविधान संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने बिल का समर्थन किया. इसी दौरान जाति आधारित जनगणना कराने की मांग कर दी. ललन सिंह ने कहा, 'जातीय जनगणना के बिना ओबीसी (OBC) को आप पूर्णतः न्याय नहीं दे पाएंगे. 1931 में जातीय जनगणना हुई थी. इसके बाद से आज तक जातीय जनगणना नहीं हुई. आप (केंद्र सरकार) जनगणना कराने जा रहे हैं. हम आपसे मांग करते हैं कि 1931 के बाद 2022 में जातीय जनगणना करा दीजिए.'
ललन सिंह ने कहा, 'यह भ्रम भी गलत है कि जातीय जनगणना से समाज में भेदभाव होगा. समाज के हर तबके की आबादी बढ़ी है. आज समाज के हर तबके के लोगों की जितनी आबादी का आकलन किया जाता है अगर सभी को जोड़ दिया जाए तो संख्या भारत की वर्तमान आबादी से तीन गुणा होगी. समाज के हर तबके की आबादी जानना जरूरी है. इसलिए हमारी पार्टी जातीय जनगणना की मांग कर रही है. यह आवश्यक है. अपनी इस मांग के साथ हम 127वें संविधान संसोधन बिल का पूर्णत: समर्थन करते हैं'.
बता दें कि केंद्र सरकार ने आरक्षण के लिए OBC लिस्ट तैयार करने का अधिकार राज्यों को देने वाला बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया था. केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में इस पर मुहर लगाई थी. इससे राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश अपनी जरूरतों के हिसाब से ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगे. मंगलवार को इस बिल पर संसद में चर्चा हुई. इस दौरान ललन सिंह ने जदयू की मांग को सदन में रखा.
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