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JDU नेता का आरोप- बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर कुप्रचार कर रही है RJD

JDU विधान पार्षद नीरज कुमार ने एक बार फिर लालू परिवार (RJD Lalu Prasad Yadav) को निशाने पर लिया है. उन्होंने वर्तमान सरकार के कार्यों की तुलना RJD की पूर्व की सरकारों से करते हुए कई आरोप लगाये हैं. जदयू नेता ने कहा कि राजद द्वारा महिलाओं से संबंधित अपराधों को लेकर कुप्रचार किया जा रहा है.

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Published : Jul 26, 2021, 6:55 AM IST

पटना: बिहार के पूर्व मंत्री और JDU विधान पार्षद नीरज कुमार (MLC Neeraj Kumar) लगातार लालू परिवार (RJD Lalu Prasad Yadav) और राजद (RJD) पर निशाना साध रहे हैं. अब उन्होंने लालू वाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि RJD बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर कुप्रचार कर रही है. जबकि आज भी बिहार में महिला अपराध राष्ट्रीय औसत की तुलना में आधा है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2019 के आंकड़े के अनुसार बिहार में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर महिला अपराध मात्र 29.8 होते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 57.5 है.

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आंकड़ों का अनुसंधान किए बगैर मिथ्या आरोप गढ़ने वाली RJD शायद भूल रही है कि पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार में न तो कोई महिला थाना था और न ही हेल्पलाईन की सुविधा थी. जहां प्रदेश की महिलाएं बेहिचक अपने ऊपर हुए अपराध/अत्याचार की रिपोर्ट दर्ज करवा सकती थीं. यदि कोई हो तो राजद बताए?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की सरकार बनने के बाद बिहार में भारी संख्या में महिला थानाें का गठन और महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की गयी. बिहार देश का पहला राज्य है जहां सर्वप्रथम तो महिलाओं को पुलिसबल में 35% आरक्षण दिया गया है. इसके अतिरिक्त वर्ष 2014 में पटना के 23 पुलिस थानों में महिला काउंसलर भी नियुक्त किया गया.

ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (Bureau of Police Research and Development) के अनुसार बिहार के कुल पुलिसकर्मियों में अनुपातिक रूप से 25.3% यानि 23,245 महिला पुलिसकर्मी नियुक्त हैं. यह देशभर में सर्वाधिक है और राष्ट्रीय औसत 10.3% के दोगुने से भी अधिक है. राज्‍य में पहले महिला पुलिस कर्मियों की संख्या मात्र 3.3 प्रतिशत थी. बिहार में पुलिसबल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के बाद की केंद्र सरकार ने भी इसे बेहतरीन कदम मानते हुए सभी राज्यों को पुलिसबल में महिलाओं के लिए 33% भर्ती सुनिश्चित करने का सुझाव दिया.

ये भी पढ़ें: पटना: मुकेश सहनी को एअरपोर्ट पर रोके जाने पर पूर्व सीएम ने जतायी नाराजगी

जून 2021 में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से जारी रिजल्ट के मुताबिक दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के पद के लिए कुल 2402 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इसमें कुल 878 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ जो 36.55% है. दारोगा के लिए 755 जबकि सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के लिए क्रमश: 78 और 45 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.

आज बिहार में महिला पुलिस हेल्पलाईन (Women Police Helpline) के साथ प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक महिला पुलिस थाना कार्यरत है. वहां समूचे स्टाफ में सिर्फ महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं. बिहार मिलिट्री पुलिस (BMP) में से भी दो बटालियन के नेतृत्व का दायित्व महिला पुलिस अधिकारी को सौंपा गया है. यह इसलिए किया गया है ताकि पीड़ित महिलाएं महिला पुलिसकर्मी से अपनी शिकायत बेहिचक कर सकें और इसका बेहतर परिणाम भी दिखने लगा है.

पटना: बिहार के पूर्व मंत्री और JDU विधान पार्षद नीरज कुमार (MLC Neeraj Kumar) लगातार लालू परिवार (RJD Lalu Prasad Yadav) और राजद (RJD) पर निशाना साध रहे हैं. अब उन्होंने लालू वाद पर सवाल उठाते हुए कहा कि RJD बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर कुप्रचार कर रही है. जबकि आज भी बिहार में महिला अपराध राष्ट्रीय औसत की तुलना में आधा है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2019 के आंकड़े के अनुसार बिहार में प्रति एक लाख की जनसंख्या पर महिला अपराध मात्र 29.8 होते हैं जबकि राष्ट्रीय औसत 57.5 है.

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आंकड़ों का अनुसंधान किए बगैर मिथ्या आरोप गढ़ने वाली RJD शायद भूल रही है कि पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में बिहार में न तो कोई महिला थाना था और न ही हेल्पलाईन की सुविधा थी. जहां प्रदेश की महिलाएं बेहिचक अपने ऊपर हुए अपराध/अत्याचार की रिपोर्ट दर्ज करवा सकती थीं. यदि कोई हो तो राजद बताए?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की सरकार बनने के बाद बिहार में भारी संख्या में महिला थानाें का गठन और महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की गयी. बिहार देश का पहला राज्य है जहां सर्वप्रथम तो महिलाओं को पुलिसबल में 35% आरक्षण दिया गया है. इसके अतिरिक्त वर्ष 2014 में पटना के 23 पुलिस थानों में महिला काउंसलर भी नियुक्त किया गया.

ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (Bureau of Police Research and Development) के अनुसार बिहार के कुल पुलिसकर्मियों में अनुपातिक रूप से 25.3% यानि 23,245 महिला पुलिसकर्मी नियुक्त हैं. यह देशभर में सर्वाधिक है और राष्ट्रीय औसत 10.3% के दोगुने से भी अधिक है. राज्‍य में पहले महिला पुलिस कर्मियों की संख्या मात्र 3.3 प्रतिशत थी. बिहार में पुलिसबल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के बाद की केंद्र सरकार ने भी इसे बेहतरीन कदम मानते हुए सभी राज्यों को पुलिसबल में महिलाओं के लिए 33% भर्ती सुनिश्चित करने का सुझाव दिया.

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जून 2021 में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग की ओर से जारी रिजल्ट के मुताबिक दारोगा, सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के पद के लिए कुल 2402 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इसमें कुल 878 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ जो 36.55% है. दारोगा के लिए 755 जबकि सार्जेंट और सहायक जेल अधीक्षक के लिए क्रमश: 78 और 45 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है.

आज बिहार में महिला पुलिस हेल्पलाईन (Women Police Helpline) के साथ प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक महिला पुलिस थाना कार्यरत है. वहां समूचे स्टाफ में सिर्फ महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं. बिहार मिलिट्री पुलिस (BMP) में से भी दो बटालियन के नेतृत्व का दायित्व महिला पुलिस अधिकारी को सौंपा गया है. यह इसलिए किया गया है ताकि पीड़ित महिलाएं महिला पुलिसकर्मी से अपनी शिकायत बेहिचक कर सकें और इसका बेहतर परिणाम भी दिखने लगा है.

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