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JDU की चुनावी रणनीति में बदलाव: 'ठीके तो है' की जगह अब 'क्यों करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार' - जदयू पार्टी ऑफिस

पार्टी नेताओं की मानें तो अभी कई नारे आएंगे. नीतीश कुमार ने बिहार के लिए बहुत काम किया है. पिछले 13 सालों में उन्होंने जनता के दिलों में खास जगह बनाई है. इसे नारों के माध्यम से दिखाने की कोशिश होगी.

JDU का नया नारा
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Published : Sep 8, 2019, 2:46 PM IST

Updated : Sep 8, 2019, 3:01 PM IST

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जदयू की तरफ से नीतीश कुमार को लेकर नारों पर सियासत तेज हो गई है. जदयू आगामी चुनाव को लेकर पोस्टर के जरिए अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है. हालांकि जदयू के स्लोगन पर जमकर बवाल हुआ. इसके बाद जेडीयू ने अपनी नई रणनीति के तहत स्लोगन में बदलाव किया है. पार्टी ने दूसरे स्लोगन का आकर्षक पोस्टर लगाया है.

nitish tejashwi
सीएम नीतीस कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

जदयू पार्टी ऑफिस के बाहर स्लोगन के साथ एक बड़ा पोस्टर लगा, जिसमें लिखा था, 'क्यों करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार'. 2 सितंबर को जारी किए गए स्लोगन वाले पोस्टर पर विपक्ष ने जमकर हमला किया. विपक्ष ने इस स्लोगन पर तंज कसा था कि चुनाव से पहले जदयू में हताशा को प्रदर्शित कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम चाचा का कॉन्फिडेंस लूज हो गया है. उनसे सत्ता संभल नहीं रहा. बिहार में हर तरफ अपराध चरम सीमा पर है. आगामी विधानसभा चुनाव में इनकी हार तय है.

jdu slogan
JDU का स्लोगन

पोस्टर में बदलाव
विपक्ष के हमले के बाद जदयू ने पोस्टर में सुधार करते हुए नया स्लोगन वाला पोस्टर जारी किया है. नारा है, 'क्यों करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार'. हालांकि ताज्जुब वाली बात यह है कि यह पोस्टर पार्टी के मुख्य गेट के बजाए पीछे वाले गेट पर लगाया गया है.

फेमस हुआ था, 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है'
ऐसे तो बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है. 2015 में भी नीतीश कुमार को लेकर जदयू के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम ने एक स्लोगन दिया था. बिहार के साथ लोगों के बीच में, 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' स्लोगन खूब फेमस हुआ था.

jdu slogan
2015 चुनाव में फेमस JDU का स्लोगन

1 सप्ताह में बदल गया स्लोगन
अब नीतीश कुमार को लेकर पार्टी की ओर से, 'क्यों करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार' का नया स्लोगन जारी किया गया है. इसका साफ मतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते बिहार की राजनीति में किसी दूसरे चेहरे पर विचार करने की क्या जरूरत. हालांकि, एक बड़ा सवाल यह है कि 1 सप्ताह के अंदर पहले वाले नारे में सुधार कर दूसरा नारा जारी किया गया लेकिन इसे मुख्य गेट के बजाए गेट के पीछे क्यों लगाया गया.

ईटीवी बारत संवाददता की रिपोर्ट

अभी और कई नारे आयेंगे
पार्टी नेताओं की मानें तो अभी कई नारे आएंगे. नीतीश कुमार ने बिहार के लिए बहुत काम किया है. पिछले 13 सालों में उन्होंने जनता के दिलों में खास जगह बनाई है. इसे नारों के माध्यम से दिखाने की कोशिश होगी.

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जदयू की तरफ से नीतीश कुमार को लेकर नारों पर सियासत तेज हो गई है. जदयू आगामी चुनाव को लेकर पोस्टर के जरिए अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है. हालांकि जदयू के स्लोगन पर जमकर बवाल हुआ. इसके बाद जेडीयू ने अपनी नई रणनीति के तहत स्लोगन में बदलाव किया है. पार्टी ने दूसरे स्लोगन का आकर्षक पोस्टर लगाया है.

nitish tejashwi
सीएम नीतीस कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

जदयू पार्टी ऑफिस के बाहर स्लोगन के साथ एक बड़ा पोस्टर लगा, जिसमें लिखा था, 'क्यों करें विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार'. 2 सितंबर को जारी किए गए स्लोगन वाले पोस्टर पर विपक्ष ने जमकर हमला किया. विपक्ष ने इस स्लोगन पर तंज कसा था कि चुनाव से पहले जदयू में हताशा को प्रदर्शित कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि सीएम चाचा का कॉन्फिडेंस लूज हो गया है. उनसे सत्ता संभल नहीं रहा. बिहार में हर तरफ अपराध चरम सीमा पर है. आगामी विधानसभा चुनाव में इनकी हार तय है.

jdu slogan
JDU का स्लोगन

पोस्टर में बदलाव
विपक्ष के हमले के बाद जदयू ने पोस्टर में सुधार करते हुए नया स्लोगन वाला पोस्टर जारी किया है. नारा है, 'क्यों करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार'. हालांकि ताज्जुब वाली बात यह है कि यह पोस्टर पार्टी के मुख्य गेट के बजाए पीछे वाले गेट पर लगाया गया है.

फेमस हुआ था, 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है'
ऐसे तो बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है. 2015 में भी नीतीश कुमार को लेकर जदयू के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम ने एक स्लोगन दिया था. बिहार के साथ लोगों के बीच में, 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' स्लोगन खूब फेमस हुआ था.

jdu slogan
2015 चुनाव में फेमस JDU का स्लोगन

1 सप्ताह में बदल गया स्लोगन
अब नीतीश कुमार को लेकर पार्टी की ओर से, 'क्यों करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार' का नया स्लोगन जारी किया गया है. इसका साफ मतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते बिहार की राजनीति में किसी दूसरे चेहरे पर विचार करने की क्या जरूरत. हालांकि, एक बड़ा सवाल यह है कि 1 सप्ताह के अंदर पहले वाले नारे में सुधार कर दूसरा नारा जारी किया गया लेकिन इसे मुख्य गेट के बजाए गेट के पीछे क्यों लगाया गया.

ईटीवी बारत संवाददता की रिपोर्ट

अभी और कई नारे आयेंगे
पार्टी नेताओं की मानें तो अभी कई नारे आएंगे. नीतीश कुमार ने बिहार के लिए बहुत काम किया है. पिछले 13 सालों में उन्होंने जनता के दिलों में खास जगह बनाई है. इसे नारों के माध्यम से दिखाने की कोशिश होगी.

Intro:पटना-- बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार को लेकर जदयू की ओर से नारों का सियासत शुरू हो गया है पहले 2 सितंबर को नया स्लोगन वाला पोस्टर जारी हुआ पार्टी कार्यालय के पास जिसमें था क्यों करें विचार ठीके तो है नीतीश कुमार। विपक्ष के हमले के बाद जदयू ने उसमें सुधार करते हुए नया स्लोगन वाला पोस्टर जारी कर दिया है क्यों करें विचार जब है ही नीतीश कुमार । और सबसे ताज्जुब की बात है कि यह पोस्टर पार्टी के मुख्य गेट के बाहर नहीं पीछे लगाया गया है। साफ लग रहा है विपक्ष के हमले के बाद जदयू नीतीश कुमार के ठीके है वाले स्लोगन को लेकर बैकफुट पर दिख रही है।


Body:ऐसे तो बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है 2015 में भी नीतीश कुमार को लेकर एक स्लोगन खूब फेमस हुआ था उसमें था बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है । अब नीतीश कुमार को लेकर पार्टी की ओर से क्यों करें विचार जब है ही नीतीश कुमार नया स्लोगन जारी हुआ है इसका साफ मतलब है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं तो फिर किसी और पर विचार करने की क्या जरूरत है लेकिन एक बड़ा सवाल तो है कि 1 सप्ताह के अंदर पहले वाले नारे में सुधार कर दूसरा नारा जारी किया गया लेकिन मुख्य गेट पर नहीं गेट के पीछे क्यों।


Conclusion:पार्टी नेताओं की मानें तो अभी कई नारे आएंगे और नीतीश कुमार ने जो काम किया है पिछले 13 सालों में जनता में जो जगह बनाई है उसे नारों के माध्यम से दिखाने की कोशिश होगी।
अविनाश, पटना।
Last Updated : Sep 8, 2019, 3:01 PM IST
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