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अनुच्छेद 370 पर दो खेमे में बंटा JDU, सपोर्ट और विरोध में हो रही बयानबाजी

जेडीयू के अंदर जहां अनुच्छेद 370 पर दो खेमे बनते दिख रहे हैं. वहीं, मुखिया नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है.

वशिष्ठ नारायण और अजय आलोक
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Published : Aug 12, 2019, 5:32 PM IST

पटना: अनुच्छेद 370 और तीन तलाक बिल पास होने के बाद देशभर की सियासत गर्म है. एनडीए के मुख्य सहयोगी दल जेडीयू में इसको लेकर दो पक्ष नजर आ रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह और पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने इन बदलावों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि कानून बन गया है, तो अब सबको इसका पालन करना चाहिए.

वशिष्ठ नारायण और अजय आलोक का बयान

'शीर्ष नेतृत्व का फैसला सर्वमान्य है'
वहीं, उद्योग मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी लगातार अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं. ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करता है, वही सबके लिए मान्य है. उन्होंने यह भी साफ कहा है कि जेडीयू ने अपना स्टैंड राज्यसभा और लोकसभा दोनों में क्लियर कर दिया है.

patna
वशिष्ठ नारायण सिंह, जेडीयू

'अनुच्छेद 370 अब इतिहास है'
पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है. अब इसके विरोध का कोई मतलब नहीं बनता है. सभी को इसे अपना लेना चाहिए. अजय आलोक ने कई बार ट्वीट करके नीतीश कुमार से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह भी किया था.

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अजय आलोक, जेडीयू

नीतीश कुमार ने नहीं दिया कोई जवाब
मालूम हो कि जेडीयू ने जहां अनुच्छेद 370 पर लोकसभा में ललन सिंह के माध्यम से अपनी बात रखी थी. तो वहीं, राज्यसभा में वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी का स्टैंड रखा था. दोनों सदनों में जदयू ने वोटिंग की जगह सदन का बहिष्कार किया था. जिसको लेकर विपक्ष ने निशाना भी साधा था. गौरतलब है कि पार्टी के अंदर जहां अनुच्छेद 370 पर दो खेमे बनते दिख रहे हैं. वहीं, मुखिया नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है.

पटना: अनुच्छेद 370 और तीन तलाक बिल पास होने के बाद देशभर की सियासत गर्म है. एनडीए के मुख्य सहयोगी दल जेडीयू में इसको लेकर दो पक्ष नजर आ रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह और पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने इन बदलावों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि कानून बन गया है, तो अब सबको इसका पालन करना चाहिए.

वशिष्ठ नारायण और अजय आलोक का बयान

'शीर्ष नेतृत्व का फैसला सर्वमान्य है'
वहीं, उद्योग मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी लगातार अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं. ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करता है, वही सबके लिए मान्य है. उन्होंने यह भी साफ कहा है कि जेडीयू ने अपना स्टैंड राज्यसभा और लोकसभा दोनों में क्लियर कर दिया है.

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वशिष्ठ नारायण सिंह, जेडीयू

'अनुच्छेद 370 अब इतिहास है'
पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है. अब इसके विरोध का कोई मतलब नहीं बनता है. सभी को इसे अपना लेना चाहिए. अजय आलोक ने कई बार ट्वीट करके नीतीश कुमार से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह भी किया था.

patna
अजय आलोक, जेडीयू

नीतीश कुमार ने नहीं दिया कोई जवाब
मालूम हो कि जेडीयू ने जहां अनुच्छेद 370 पर लोकसभा में ललन सिंह के माध्यम से अपनी बात रखी थी. तो वहीं, राज्यसभा में वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी का स्टैंड रखा था. दोनों सदनों में जदयू ने वोटिंग की जगह सदन का बहिष्कार किया था. जिसको लेकर विपक्ष ने निशाना भी साधा था. गौरतलब है कि पार्टी के अंदर जहां अनुच्छेद 370 पर दो खेमे बनते दिख रहे हैं. वहीं, मुखिया नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है.

Intro:पटना-- 370 और तीन तलाक के मुद्दे पर जदयू में अंतर्विरोध खुलकर सामने आ रहा है जहां आरसीपी सिंह जो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव है उन्होंने कह दिया है कि कानून बन गया है अब सबको इसका पालन करना चाहिए वही उद्योग मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी लगातार अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करता है वही सब के लिए मान्य है और पार्टी ने अपना स्टैंड राज्यसभा और लोकसभा दोनों में क्लियर कर दिया है।


Body: वशिष्ठ नारायण सिंह ने बातचीत में कहा की पार्टी में चर्चा होती है बातचीत के बाद ही कोई फैसला होता है कोई कुछ बोलेगा उसका कोई मतलब नहीं है और पार्टी का जो डिसीजन है वह हमने राज्य सभा में कह दिया है उसके अलावा मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं।
पार्टी ने 370 के मामले पर लोकसभा में ललन सिंह के माध्यम से अपनी बात रखी थी और राज्यसभा में वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी का स्टैंड रखा था कि दोनों सदनों में जदयू ने वोटिंग की जगह सदन का बहिष्कार किया था और इसी को लेकर विपक्ष भी निशाना साध रहा है और पार्टी के अंदर कई नेता खुलकर 370 कानून हटाने का विरोध कर रहे हैं।


Conclusion:पार्टी के अंदर 370 पर दो खेमा बनता जा रहा है और पूरे मामले में नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है इसके कारण पार्टी विपक्ष के निशाने पर भी है।
अविनाश, पटना।
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