पटना: अनुच्छेद 370 और तीन तलाक बिल पास होने के बाद देशभर की सियासत गर्म है. एनडीए के मुख्य सहयोगी दल जेडीयू में इसको लेकर दो पक्ष नजर आ रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह और पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने इन बदलावों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि कानून बन गया है, तो अब सबको इसका पालन करना चाहिए.
'शीर्ष नेतृत्व का फैसला सर्वमान्य है'
वहीं, उद्योग मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी लगातार अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं. ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो तय करता है, वही सबके लिए मान्य है. उन्होंने यह भी साफ कहा है कि जेडीयू ने अपना स्टैंड राज्यसभा और लोकसभा दोनों में क्लियर कर दिया है.
'अनुच्छेद 370 अब इतिहास है'
पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास बन चुका है. अब इसके विरोध का कोई मतलब नहीं बनता है. सभी को इसे अपना लेना चाहिए. अजय आलोक ने कई बार ट्वीट करके नीतीश कुमार से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह भी किया था.
नीतीश कुमार ने नहीं दिया कोई जवाब
मालूम हो कि जेडीयू ने जहां अनुच्छेद 370 पर लोकसभा में ललन सिंह के माध्यम से अपनी बात रखी थी. तो वहीं, राज्यसभा में वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी का स्टैंड रखा था. दोनों सदनों में जदयू ने वोटिंग की जगह सदन का बहिष्कार किया था. जिसको लेकर विपक्ष ने निशाना भी साधा था. गौरतलब है कि पार्टी के अंदर जहां अनुच्छेद 370 पर दो खेमे बनते दिख रहे हैं. वहीं, मुखिया नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है.