पटना: आरजेडी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इन दिनों चौतरफा घिरे हुए हैं. तेजस्वी के इस्तीफे की मांग को लेकर बिहार की सियासत गरमाती जा रही है. तेजस्वी पर कल तक हार का ठीकरा विरोधी खेमा यानी बीजेपी और जेडीयू उठा रहा था. लेकिन अब खुद आरजेडी के भी कई नेता इसको लेकर मुखर होते दिख रहे हैं.
हालांकि आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि राजनीति में जीत और हार लगी रहती है. जो भी लोग तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांग रहे हैं पहले वह अपना इतिहास झांक लें. 2015 के विधानसभा चुनाव की याद दिलाते हुए राजद नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी के चेहरे पर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ा गया था. लेकिन करारी हार होने के बावजूद नरेंद्र मोदी से किसी ने इस्तीफा नहीं मांगा था.
कांग्रेस मुद्दे से बना रही है दूरी
वहीं, इस मुद्दे से कांग्रेस अपने आप को दूर रखना चाहती है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा का कहना है, कि किसी भी दल के नेता का इस्तीफे का मामला उसका अंदरूनी मामला होता है. इस मामले में किसी भी दूसरे दल का नेता इस तरह का मांग नहीं कर सकता है. मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस अपनी तमाम बातों को अपने आलाकमान के पास रखेगी. बैठक कर महागठबंधन के तमाम साथियों के साथ आगे का निर्णय लेगी.
जेडीयू कर रही है इस्तीफे की मांग
हालांकि महागठबंधन के हार का ठीकरा जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने तेजस्वी को लेने की सलाह दी है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव को हार की जिम्मेदारी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देना चाहिए. इसके बाद तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए जेडीयू नेता ने कहा कि उन्हें जनता के बीच जाना चाहिए.