पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साख दांव पर है. नीतीश कुमार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन जेडीयू और लोजपा के आमने-सामने होने से बिहार की राजनीति की गुत्थी उलझ गई है. दरअसल, बदली परिस्थितियों में नीतीश कुमार बीजेपी की मजबूरी बन चुके हैं. राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा चेहरा एनडीए के साथ नहीं है. अकाली दल का केंद्रीय मंत्री मंडल से निकलने के बाद बीजेपी के लिए नीतीश कुमार पहली पसंद बन चुके हैं. इसी कीमत पर जेडीयू नेता बीजेपी पर लोजपा के खिलाफ कड़ा स्टैंड लेने के लिए दबाव बनाने में सफल हुए हैं.
बीजेपी को लोजपा और जेडीयू में से किसी एक को चुनने की चुनौती
अतीत के आईने में अगर झांके तो राज्यों के चुनाव में जेडीयू ने भी बीजेपी से दो-दो हाथ किए हैं. मिसाल के तौर पर अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव छोड़ दें, तो उत्तर प्रदेश गुजरात, मणिपुर और झारखंड में जेडीयू और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई थी. ठीक उसी तरह से लोक जनशक्ति पार्टी भी राज्यों के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ थी.
मिसाल के तौर पर मणिपुर, झारखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में लोक जनशक्ति पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे और मणिपुर में तो लोजपा सरकार में भी शामिल है. किसी भी सूरत में बीजेपी और जेडीयू नेता बिहार के मजबूत किले को बचाना चाहते हैं. नेताओं को यह मालूम है कि अगर वोटों का बंटवारा होगा, तो ऐसी स्थिति में महागठबंधन मजबूत हो सकता है. लिहाजा लोजपा को लेकर बीजेपी नेता सख्त हो चुके हैं.
जेडीयू के दवाब में बीजेपी नेता हुए हमलावर
लोक जनशक्ति पार्टी में अब भी नरमी नहीं है. पार्टी का कहना है कि हम कई राज्यों में बीजेपी से अलग चुनाव लड़ चुके हैं. मणिपुर में भी हम अलग लड़े थे, लेकिन वहां आज बीजेपी के साथ सरकार में भी शामिल हैं. वहीं पार्टी प्रवक्ता श्रवण कुमार ने कहा है कि जेडीयू भी उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात में बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ी, तब तो हमने हाय तौबा नहीं मचाया आज जब हम बिहार में अकेले चुनाव लड़ रहे हैं, तो जेडीयू के लोगों को बेचैनी क्यों है?
'सिर्फ हम बिहार की बात करेंगे'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि कई मुद्दों पर बीजेपी से हमारी असहमति रही है और राज्यों में हम अलग-अलग चुनाव लड़े हैं, लेकिन लोजपा का आधार सिर्फ बिहार में है और अगर वह बिहार में एनडीए का हिस्सा नहीं है तो केंद्र में कैसे रहेंगे. वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है अभी बिहार चुनाव हो रहा है और सिर्फ हम बिहार की बात करेंगे. राज्यों में अभी चुनाव नहीं हैं. लिहाजा बिहार हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है. बिहार में एनडीए की सरकार पूर्ण बहुमत से बनने जा रही है.