पटना: एनडीए में सीट शेयरिंग पर सहमति तो बन चुकी है, लेकिन बीजेपी-जेडीयू कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल नहीं बन पा रही है. विरोध की वजह से जेडीयू के एक ऐसे प्रत्याशी हैं. जिन्होंने चुनाव से पहले ही सरेंडर बोल दिया है. जेडीयू के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी मनोज कुशवाहा ने अपना सिंबल वापस कर दिया है. जेडीयू कैंडिडेट के अचानक सिंबल लौटाने से तरह-तरह की बातें शुरू हो गई है.
3 दिनों तक मीनापुर विधानसभा क्षेत्र में किया था प्रचार
जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और कुढ़नी इलाके से विधायक रहे मनोज कुशवाहा को अपना प्रत्याशी घोषित किया. जेडीयू प्रत्याशी घोषित होने के बाद बकायदा मनोज कुशवाहा ने 3 दिनों तक मीनापुर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार भी किया, लेकिन आज उन्होंने सिंबल वापस कर दिया.
मनोज कुशवाहा के कदम से पशोपेश में एनडीए नेता
शीर्ष नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नेताओं के बीच सहमति बन गई है और सीट शेयरिंग पर भी अंतिम फैसला लिया जा चुका है, लेकिन धरातल पर टिकट बंटवारे के बाद कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद उभर कर आ रहा है. जेडीयू ने मीनापुर से पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा को टिकट दिया था. मनोज कुशवाहा जब क्षेत्र में पहुंचे, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल दलों के स्थानीय नेताओं ने उनका विरोध शुरू कर दिया, क्योंकि मनोज कुशवाहा कुढ़नी से चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
एनडीए कार्यकर्ताओं में मतभेद
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मनोज कुशवाहा ने कहा कि मैं कुढ़नी से चुनाव लड़ना चाहता था, लेकिन पार्टी ने मुझे मीनापुर भेज दिया, लेकिन जब मैं वहां गया, तो स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया. इसके बाद मैंने सिंबल वापस करने का फैसला लिया. वहीं मनोज कुशवाहा ने कहा कि मैं पार्टी से बगावत नहीं करूंगा. पार्टी का जो भी आदेश होगा, उसे पालन करूंगा.