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JAP प्रमुख पप्पू यादव की रिहाई की मांग को लेकर निकाला गया मार्च

एक 32 साल पुराने मामले में जन अधिकार पार्टी (JAP) सुप्रीमो पप्पू यादव फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उनकी रिहाई के लिए जाप कार्यकर्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं.

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पप्पू यादव की रिहाई की मांग को लेकर मा
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Published : Jun 13, 2021, 7:12 PM IST

पटना: जन अधिकार पार्टी (JAP) ने पप्पू यादव (Pappu Yadav) की रिहाई की मांग के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर प्रदर्शन किया. आर्ट कॉलेज (Art College) से तारामंडल तक प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने कहा कि सरकार ने जननेता को गिरफ्तार कर जेल भेजा है जो काफी निंदनीय है.

पप्पू यादव को रिहा करो सरकार

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए जन अधिकार पार्टी (JAP) की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रानी चौबे ने बिहार सरकार पर निशाना (Bihar government) साधते हुए कहा कि विपरीत परिस्थिति में लोगों की मदद करने वाले जननेता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

ये भी पढ़ें....दरभंगा: जाप कार्यकर्ता ने पप्पू यादव की रिहाई के लिए निकाला मशाल जुलूस

स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की मांग
वहीं मौके पर मौजूद युवा जाप कार्यकर्ताओं ने पप्पू यादव को रिहा करने की मांग के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर बिहार सरकार (Bihar Government) को ध्यान देने की बात कही.

ये भी पढ़ें: पटना में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को पहले किया गया हाउस अरेस्ट, फिर गिरफ्तार

कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर बैठकर किया प्रदर्शन
आपको बताते दें कि इस मार्च को पुलिस ने तारामंडल से आगे नहीं बढ़ने दिया. हालांकि मौके पर मौजूद कार्यकर्ता पुलिस द्वारा रोके जाने पर सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे.

क्यों जेल भेजे गए पप्पू यादव
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने दोस्त और उसकी प्रेमिका की शादी का विरोध किया था. उसी खुन्नस में दोस्त दुश्मन बन गए और गलतफहमी में मुरलीगंज थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया था. जिसमें पप्पू यादव को 32 साल बाद जेल जाना पड़ा है.

पप्पू यादव पर अपहरण का केस
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के रग-रग में छात्र जीवन से ही मदद और लोगों के मान सम्मान, प्रतिष्ठा और रक्षा करने का जज्बा दिखने लगा था और गलत पर आवाज उठाने की आदत थी.

बता दें कि मधेपुरा (Madhepura) जिले के मुरलीगंज में पप्पू यादव और उनके अन्य साथियों पर दोस्त रामकुमार यादव और उमा यादव के अपहरण का आरोप तीसरे दोस्त शैलेन्द्र यादव ने मुरलीगंज थाने में लिखित आवेदन देकर 29 जनवरी 1989 को लगाया था.

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पटना में JAP का प्रदर्शन

दोस्त के प्रेम विवाह का किया था विरोध
अपहरण मामले की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प और प्रेम से लबरेज है. दरअसल, पप्पू यादव के तीन दोस्त रामकुमार यादव, उमा यादव और शैलेंद्र यादव मुरलीगंज के के.पी.कॉलेज में पढ़ते थे और पप्पू यादव पूर्णिया में पढ़ाई करते थे. इसके अलावा और भी कई दोस्त मुरलीगंज में रहकर पढ़ते थे. इसलिए पप्पू यादव अक्सर मुरलीगंज आते-जाते रहते थे.

दोस्तों के बीच हुई बहसबाजी
इसी बीच पप्पू यादव को पता चला कि उनका एक दोस्त एक लड़की से प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है. जिस बात से पप्पू यादव काफी नाराज हो गये और शादी के खिलाफ आवाज उठाने लगे. इसी मामले में उनके दोस्त रामकुमार यादव और उमा यादव से विवाद हो गया. बस यहीं से पूरा मामला शुरू हो गया. पप्पू यादव और उनके मित्रों में प्रेम विवाह को लेकर बहस हो गई.

दोस्त ने ही दर्ज करावाया केस
मुकदमा करने वाले दोस्त शैलेन्द्र यादव ने बताया कि बहस के एक-दो दिन बाद हम लोग मुरलीगंज के मीडिल चौक पर पान खा रहे थे. इसी दौरान पप्पू यादव अपने अन्य साथियों आये और रामकुमार तथा उमा को जबरन उठाकर ले गए. पहले तो हमारी समझ में कुछ नहीं आया, लेकिन बाद में पुलिस को लिखित शिकायत कर दी कि पप्पू यादव अपहरण करके ले गया है. इसके दो दिन के बाद रामकुमार और उमा को पप्पू यादव ने छोड़ दिया.

सवालों के घेरे में अचानक हुई गिरफ्तारी
पूरे मामले में थाने में फिर लिखित आवेदन देकर हमलोग उस मामले में मेल मिलाप कर लिए. इस प्रकरण के एक साल बाद पप्पू यादव अन्य मामले में गिरफ्तार भी हुए और फिर बेल पर बाहर भी निकले.

उल्लेखनीय बात तो ये है कि उस दोस्त की भी शादी उसकी प्रेमिका से हो गई और सब कुछ सामान्य हो गया. पप्पू भी राजनीति में आ गए. एक साल बाद ही 1990 में पप्पू यादव सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार निर्दलीय विधायक बन गये और इस तरह से पप्पू का राजनीतिक करियर आगे बढ़ता चला गया.

हालांकि, बाद में पप्पू यादव ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने रद्द करते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. इस आदेश को उन्होंने पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

JAP प्रमुख पप्पू यादव की रिहाई की मांग को लेकरप्रदर्शन

कई कोविड अस्पतालों का किया था दौरा
पिछले डेढ़ महीनों से पप्पू यादव ने सूबे के कई कोविड अस्पतालों का दौरा किया था. कई जगहों पर उन्होंने ऑक्सीजन की कमी और एंबुलेंस प्रकरण का उद्भेदन किया था.

ये भी पढ़ें....एम्बुलेंस के दुरुपयोग मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखा पत्र

ये भी पढ़ें....मेदांता में पप्पू यादव का हुआ MRI और सीटी स्कैन, बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर

ये भी पढ़ें....JAP कार्यकर्ताओं का पटना में प्रदर्शन, कहा- पप्पू यादव को जल्द रिहा करे सरकार

ये भी पढ़ें- Darbhanga: पप्पू यादव की रिहाई की मांग को लेकर JAP कार्यकर्ताओं ने किया जल सत्याग्रह

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पप्पू यादव को रिहा करो सरकार

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए जन अधिकार पार्टी (JAP) की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष रानी चौबे ने बिहार सरकार पर निशाना (Bihar government) साधते हुए कहा कि विपरीत परिस्थिति में लोगों की मदद करने वाले जननेता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

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स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की मांग
वहीं मौके पर मौजूद युवा जाप कार्यकर्ताओं ने पप्पू यादव को रिहा करने की मांग के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर बिहार सरकार (Bihar Government) को ध्यान देने की बात कही.

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कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर बैठकर किया प्रदर्शन
आपको बताते दें कि इस मार्च को पुलिस ने तारामंडल से आगे नहीं बढ़ने दिया. हालांकि मौके पर मौजूद कार्यकर्ता पुलिस द्वारा रोके जाने पर सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे.

क्यों जेल भेजे गए पप्पू यादव
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने दोस्त और उसकी प्रेमिका की शादी का विरोध किया था. उसी खुन्नस में दोस्त दुश्मन बन गए और गलतफहमी में मुरलीगंज थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया था. जिसमें पप्पू यादव को 32 साल बाद जेल जाना पड़ा है.

पप्पू यादव पर अपहरण का केस
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के रग-रग में छात्र जीवन से ही मदद और लोगों के मान सम्मान, प्रतिष्ठा और रक्षा करने का जज्बा दिखने लगा था और गलत पर आवाज उठाने की आदत थी.

बता दें कि मधेपुरा (Madhepura) जिले के मुरलीगंज में पप्पू यादव और उनके अन्य साथियों पर दोस्त रामकुमार यादव और उमा यादव के अपहरण का आरोप तीसरे दोस्त शैलेन्द्र यादव ने मुरलीगंज थाने में लिखित आवेदन देकर 29 जनवरी 1989 को लगाया था.

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पटना में JAP का प्रदर्शन

दोस्त के प्रेम विवाह का किया था विरोध
अपहरण मामले की कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प और प्रेम से लबरेज है. दरअसल, पप्पू यादव के तीन दोस्त रामकुमार यादव, उमा यादव और शैलेंद्र यादव मुरलीगंज के के.पी.कॉलेज में पढ़ते थे और पप्पू यादव पूर्णिया में पढ़ाई करते थे. इसके अलावा और भी कई दोस्त मुरलीगंज में रहकर पढ़ते थे. इसलिए पप्पू यादव अक्सर मुरलीगंज आते-जाते रहते थे.

दोस्तों के बीच हुई बहसबाजी
इसी बीच पप्पू यादव को पता चला कि उनका एक दोस्त एक लड़की से प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है. जिस बात से पप्पू यादव काफी नाराज हो गये और शादी के खिलाफ आवाज उठाने लगे. इसी मामले में उनके दोस्त रामकुमार यादव और उमा यादव से विवाद हो गया. बस यहीं से पूरा मामला शुरू हो गया. पप्पू यादव और उनके मित्रों में प्रेम विवाह को लेकर बहस हो गई.

दोस्त ने ही दर्ज करावाया केस
मुकदमा करने वाले दोस्त शैलेन्द्र यादव ने बताया कि बहस के एक-दो दिन बाद हम लोग मुरलीगंज के मीडिल चौक पर पान खा रहे थे. इसी दौरान पप्पू यादव अपने अन्य साथियों आये और रामकुमार तथा उमा को जबरन उठाकर ले गए. पहले तो हमारी समझ में कुछ नहीं आया, लेकिन बाद में पुलिस को लिखित शिकायत कर दी कि पप्पू यादव अपहरण करके ले गया है. इसके दो दिन के बाद रामकुमार और उमा को पप्पू यादव ने छोड़ दिया.

सवालों के घेरे में अचानक हुई गिरफ्तारी
पूरे मामले में थाने में फिर लिखित आवेदन देकर हमलोग उस मामले में मेल मिलाप कर लिए. इस प्रकरण के एक साल बाद पप्पू यादव अन्य मामले में गिरफ्तार भी हुए और फिर बेल पर बाहर भी निकले.

उल्लेखनीय बात तो ये है कि उस दोस्त की भी शादी उसकी प्रेमिका से हो गई और सब कुछ सामान्य हो गया. पप्पू भी राजनीति में आ गए. एक साल बाद ही 1990 में पप्पू यादव सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार निर्दलीय विधायक बन गये और इस तरह से पप्पू का राजनीतिक करियर आगे बढ़ता चला गया.

हालांकि, बाद में पप्पू यादव ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने रद्द करते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. इस आदेश को उन्होंने पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

JAP प्रमुख पप्पू यादव की रिहाई की मांग को लेकरप्रदर्शन

कई कोविड अस्पतालों का किया था दौरा
पिछले डेढ़ महीनों से पप्पू यादव ने सूबे के कई कोविड अस्पतालों का दौरा किया था. कई जगहों पर उन्होंने ऑक्सीजन की कमी और एंबुलेंस प्रकरण का उद्भेदन किया था.

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