पटना: जन अधिकार पार्टी (JAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की रिहाई की मांग को लेकर पटना में रविवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. हजारों की संख्या में जाप कार्यकर्ताओं ने सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. जाप कार्यकर्ताओं ने कोतवाली थाने में गिरफ्तारी दी. जाप का दावा है कि 4500 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी है.
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सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
जाप के कार्यकर्ताओं ने जेल भरो अभियान चलाया. 6 सूत्री मांग को लेकर सड़क पर उतरे कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. जाप के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र कुशवाहा ने कहा, "पप्पू यादव की रिहाई, पेट्रोल-डीजल की कीमत पर एक्साइज ड्यूटी खत्म करने, युवा बेरोजगारों को महंगाई भत्ता देने, कोरोना से मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने, कृषि को मनरेगा से जोड़ने, बाढ़ और जलजमाव का स्थायी समाधान करने की मांग के साथ हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी."
सरकार ने साजिश के तहत पप्पू यादव को किया गिरफ्तार
राघवेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार सरकार ने साजिश के तहत पप्पू यादव को गिरफ्तार किया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रघुपति सिंह ने कहा कि जेल भरो अभियान में सभी जिला अध्यक्ष, सभी प्रकोष्ठों के सदस्यों सहित 4500 कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी दी.
"सरकार की गलत नीतियों के कारण देश के कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है. डीजल की कीमत भी 100 रुपये प्रति लीटर होने के कगार पर है. इससे आम जनता में आक्रोश है. अगर सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर से एक्साइज ड्यूटी खत्म नहीं करेगी तो हमारा आंदोलन और उग्र होगा."- प्रेमचंद्र सिंह, राष्ट्रीय महासचिव, जाप
"कोरोना के कारण पिछले 18 माह से बिहार के सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं. इसके बावजूद स्कूलों द्वारा छात्रों से शुल्क लिया जा रहा है. निजी स्कूल और कोचिंग की मनमानी चरम पर है. जन अधिकार पार्टी की मांग है पढ़ाई नहीं तो शुल्क नहीं."- बबन कुमार, प्रवक्ता, जाप
क्यों जेल भेजे गए पप्पू यादव?
पप्पू यादव 32 साल पहले के अपहरण के एक मामले में जेल में बंद हैं. उन्हें 11 मई को पटना से गिरफ्तार किया गया था. 1989 में पप्पू यादव, रामकुमार यादव और उमाकांत यादव एक साथ रहते थे. गुट के ही एक युवक ने एक लड़की से शादी कर ली थी. इस कारण पप्पू यादव का रामकुमार यादव और उमाकांत यादव से मतभेद हो गया था.
29 जनवरी 1989 को रामकुमार यादव के चचेरे भाई शैलेन्द्र यादव ने मुरलीगंज थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि पप्पू यादव ने दिनदहाड़े रामकुमार यादव और उमाकांत यादव को जान से मारने की नीयत से अपहरण कर लिया.
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