रांची/पटना: लालू यादव को शिफ्टिंग के लिए 3 दिन बाद जेल प्रशासन ने अपनी प्रक्रिया में गति लाई है. पिछले 3 दिनों से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लालू यादव को जल्द से जल्द निदेशक आवास में शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन जेल आईजी की अनुमति नहीं मिलने की वजह से मामला टलता जा रहा है.
जेल अधीक्षक पहुंचे रिम्स
रिम्स प्रबंधन की ओर से बार-बार सूचित किए जाने के बावजूद जेल प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं आ रहा था, लेकिन 3 दिन बाद जेल प्रशासन अचानक रेस हो गया और जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप से मुलाकात की. मुलाकात के बाद जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने लालू को शिफ्ट करने के मामले पर बचते हुए कहा कि इसपर चर्चा जारी है. फिलहाल हर पहलू पर विचार किया जाएगा. रिम्स प्रबंधन और जेल अधिकारियों के बीच बातचीत हो रही है.
30 तारीख को ही जेल अधिकारियों को दी गई थी चिट्ठी
पूरे मामले में रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि 30 तारीख को ही जेल अधिकारियों को चिट्ठी लिख दी गई थी. लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया था. सोमवार को जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ने मुलाकात की. जिसमें उन्होंने कहा है कि वरीय अधिकारी को सूचना देकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
नहीं ली गई कोई सुध
हामिद अख्तर ने कहा कि रिम्स प्रबंधन की ओर से जेल प्रशासन को स्पष्ट लिखकर दे दिया गया है कि लालू यादव को पेइंग वार्ड से जल्द से जल्द स्थानांतरित कर निदेशक आवास में शिफ्ट कर दिया जाए, ताकि संक्रमण के खतरे से उन्हें बचाया जा सके, लेकिन जेल प्रबंधन की ओर से इसको लेकर अब तक कोई सुध नहीं ली गई है.
लालू यादव करा चुके हैं सामान पैक
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि लालू यादव पेइंग वार्ड से निदेशक आवास जाने के लिए सामान भी पैक करवा चुके हैं, लेकिन जेल अधिकारियों की ओर से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण वह मजबूरन पेइंग वार्ड में अब तक भर्ती हैं. गौरतलब है कि लालू यादव उच्च श्रेणी के कैदी हैं और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. ऐसे में सरकारी तंत्र भी हर चीज को ठोक बजाकर निर्णय लेने को मजबूर है.
बताया जा रहा है कि लालू यादव कि सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन की ओर से अनुमति इसीलिये नहीं दी जा रही है क्योंकि लालू यादव को शिफ्ट करने के लिए जो जगह रिम्स प्रबंधन ने चिन्हित किया है, वहां जेल प्रशासन के लिए सुरक्षा देना थोड़ा मुश्किल है. निदेशक आवास सुरक्षा के दृष्टिकोण से जेल प्रबंधन को सही नहीं माना जा रहा है.