पटना: बिहार में कुढ़नी उपचुनाव परिणाम आने के बाद आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का बयान (Jagdanand Singh statement ) आया है. उन्होंने कहा कि इस देश के दंगाई, उन्मादी, नफरत फैलाने वाले लोग, बिहार की जनता की एकता को तोड़ने में बहुत हद तक सफल नहीं हैं. आज के नतीजे में केवल हार या जीत में नहीं देखें. यह देखें कि किस तरह से यह ताकत, जो देश को धन दौलत की बदौलत बर्बाद करने पर तुली है. उसको लेकर जनता की प्रतिरोधक क्षमता अभी उभार पर है. इसमें अभी नतीजे को अपने अंतिम स्वरूप में बदलने की ताकत है. मैं इसी रूप में इस परिणाम को देख रहा हूं.
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धरातल पर नहीं उतर पाया महागठबंधन का स्वरूपः जगदानंद सिंह ने कहा कि महागठबंधन का स्वरूप धरातल पर नहीं उतर पाया. मैं सिर्फ हार या जीत नहीं देख रहा हूं. ये दोनों नेता नहीं हैं, एक बड़ी आबादी के प्रतिनिधि हैं. एक बिहार के इतिहास को समेटे हैं और एक में बिहार में इतिहास बनाने की क्षमता है. अब दोनों को एक जगह आने के बाद, उन सारी चीजें जो एक ताकत के रूप में इमर्ज करनी चाहिए और यह परिणाम शायद उसका प्राथमिक चरण है. यह अपने आप में इस हद तक सफल भी हुआ है.
इस नतीजे से निराश होने की जरूरत नहींः जगदानंद सिंह ने कहा कि इसलिए जो जीत गए हैं प्रसन्न न हो. मैं अपनी साथियों से कहना चाहता हूं कि उदास और निराश न हो, एक बड़े इतिहास के निर्माण के लिए, एक बड़े भारत के निर्माण के लिए विध्वंसक ताकतों के साथ जो संघर्ष है, उसमें विजय होंगे. इसलिए निराश नहीं हो. वहीं जो आज प्रसन्न हो रहे हैं, उनके लिए बता दूं कि देश के सारे नतीजे बता रहे हैं कि तीन राज्यों में दो राज्यों में वह हार चुके हैं.
''केवल एक कुढ़नी की बदौलत जो अपने आप में चुनाव नहीं था, भारत के भविष्य का संकेत बिहार के लोगों ने देने का प्रयास किया. ठीक है, इसमें सफलता नहीं मिली, पर यह देश देख रहा है. यह लोग देश की राजधानी में हारे हैं. बर्फीली चोटियों पर भी हारे हैं. गुजरात की बदौलत यह लोग देश में फैले थे. उसको बचाने में किसी तरह सफल रहे हैं. दंगाई और उग्र लोग परास्त के रास्ते पर हैं. बिहार में यह लोग धन दौलत और मसल्स पावर के आधार पर चुनाव जीते हैं.''- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
नया स्वरूप ले रहा महागठबंधन ः जगदानंद सिंह ने यह भी कहा कि महागठबंधन नया स्वरूप ले रहा है. उसका प्रथम चरण उत्साहवर्धक है, लेकिन नतीजे में नहीं बदल पाया. इसे मैं इस रूप में देख रहा हूं. अगर दो चीजें मिलती हैं तो एक होने में समय लगता है. इस नतीजे का परिणाम यही है. एकता और ताकत के बल पर बिहार को आगे लेकर चलना है. गोडसे वादियों से बचाने वाले लोगों का एकात्मक स्वरूप अभी नहीं हो पाया है. इसमें थोड़ा वक्त लगेगा और 2024- 25 में यह निखरकर देश के सामने खड़ा होगा और देश को नई दिशा देगा.
नहीं कर पाए तैयारीः जगदानंद सिंह ने कहा कि जिस तैयारी की आवश्यकता थी. शायद हम नहीं कर पाए. उम्मीदवार के बारे में भी कहा जा रहा है, लेकिन मैं अभी कह रहा हूं उम्मीदवारों को जनता परखती है. पूरे राज्य में बदलाव का यह कोई संकेत नहीं है, लेकिन एक संकेत है कि देश में बदलाव के सभी लोग आतुर हैं. इस नतीजे से मुझे यह विश्वास पैदा होता है कि इसे नई दिशा मिलेगी.
लंबे समय तक नीतीश की क्षमता का बीजेपी ने दोहन कियाः यह पूछे जाने पर कि सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है, जगदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की क्षमता को देखकर ही 2020 में उनको कुर्सी दी थी. लंबे समय तक नीतीश की क्षमता का इन्होंने दोहन और शोषण कर लिया. नीतीश समाजवाद के स्वरूप में आए हैं. उसमें निखार हो जाएगा. आरजेडी से शहाबुद्दीन के परिवार को हटाए जाने की बात पर जगदानंद सिंह ने कहा कि जब कार्यसमिति में शहाबुद्दीन को रखा गया था, तो उस सवाल उठे थे. तब मैंने सीना ठोक कर कहा था कि वह रहेगा. आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन अगर मरते वक्त तक आरजेडी के साथ थे और उनका परिवार भी हम लोगों के साथ है.
"इस देश के दंगाई, उन्मादी, नफरत फैलाने वाले लोग, बिहार की जनता की एकता को तोड़ने में बहुत हद तक सफल नहीं हैं. आज के नतीजे में केवल हार या जीत में नहीं देखें. जो देश को धन दौलत की बदौलत बर्बाद करने पर तुली है. उसको लेकर जनता की प्रतिरोधक क्षमता अभी उभार पर है. इसमें अभी नतीजे को अपने अंतिम स्वरूप में बदलने की ताकत है" - जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी.