पटनाः राहुल गांधी की संसद से सदस्यता जाने पर लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि कोई फर्क नहीं पड़ता, किसके सदस्यता जा रही है किसकी नहीं यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है. एक जांच हुई एक वर्डिक्ट आया. 2013 में जब यह कानून आया था यूपीए की सरकार ऑर्डिनेंस लेकर आई थी और राहुल ने खुद से फाड़ा था, उन्होंने कहा कि जो लोग आज कह रहे हैं कि संविधान की हत्या हो रही है, वह पहले संविधान को पढ़ लें, उसके बाद कुछ बोलें.
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चिराग पासवान ने कहा कि संविधान में साफ-साफ लिखा हुआ है कि जब किसी नेता को 2 साल की सजा हो जाती है तो तुरंत उसको लेकर कार्रवाई होनी चाहिए और उनकी लोकसभा की सदस्यता जानी चाहिए. इस कानून में सब कुछ साफ-साफ है इसलिए इस पर जो कोई बयान बाजी कर रहे हैं हम समझते हैं कि वह उचित नहीं है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि जो कानून देश में बना हुआ है उसका पालन सभी लोगों को करना चाहिए चाहे वह आम आदमी हो चाहे वह खास आदमी हो सबके लिए कानून एक होता है.
"आप खुद देखिए जब पूरे मामले को देखियेगा तो आपको पता चल जाएगा कि किस तरह से राहुल गांधी की सदस्यता गई है और जो लोग इसको लेकर बोल रहे हैं उन्हें संविधान का कोई ज्ञान नहीं है. इसीलिए कुछ से कुछ बोले चले जा रहे हैं. राहुल गांधी को भी मौका मिला था कि वह कोर्ट में जाते अपनी बातों को रखते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया"- चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एलजेपीआर
'तेजस्वी यादव को डरना नहीं चाहिए': वहीं, तेजस्वी यादव से जिस तरह से आज पूछताछ हो रही है उस पर भी चिराग पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी और उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा मौका है. तेजस्वी यादव को जवाब देने का एक अवसर मिला है निश्चित तौर पर उन्हें डरना नहीं चाहिए अगर सब कुछ ठीक है तो फिर कोई भी जांच एजेंसी हो उसके सामने जाने में किसी को घबराना नहीं चाहिए. हम समझते हैं कि तेजस्वी यादव को मौका मिला है जो भी बातें उनसे पूछे जाएगी उन्हें वह बताने का काम करेंगे.