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पीयू छात्रसंघ चुनाव 2022: छात्राओं के वोट अहम, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे - PU student union election 2022

पीयू छात्र संघ चुनाव (PU student union election 2022) में कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. उम्मीदवार वोटरों को लूभाने में जुटे हुए हैं. उनसे तरह-तरह के वादे किए जा रहे हैं. इन्ही सबके बीच ईटीवी भारत की टीम ने छात्राओं से इस चुनाव को लेकर उनके मुद्दे की बातचीत की. पढ़िये पूरी खबर.

पीयू छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्राओं ने रखी अपनी बात
पीयू छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्राओं ने रखी अपनी बात
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Published : Nov 11, 2022, 5:37 PM IST

पटना: पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव (Patna University Student Union Election) को लेकर विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सरगर्मी जोरों पर नजर आ रही है. तमाम छात्र संगठन कॉलेजों में जाकर अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार-प्रसार करते दिख रहे हैं और छात्र-छात्राओं को अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करते दिख रहे हैं. उम्मीदवार अलग-अलग दावे करते हुए भी दिख रहे हैं. उम्मीदवारों की भीड़ मगध महिला कॉलेज और पटना विमेंस कॉलेज में अधिक देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें- पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावः स्टूडेंट बोले- 'खरा उतरने वाले को ही मिलेगा वोट, शिक्षा सर्वोपरि'

निर्णायक भूमिका में होंगी छात्राओं के वोट: छात्र संघ चुनाव में इसबार छात्राएं निर्णायक भूमिका में है. छात्राओं का मत जिधर जाएगा, उसी उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है. ऐसे में छात्राओं के लिए इसबार प्रमुख मुद्दा है कि लाइब्रेरी में अपडेटेड वर्जन किताबें उपलब्ध कराई जाए और लाइब्रेरी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए. छात्राएं कॉलेज में स्वच्छ माहौल भी चाह रहे हैं.

विश्वविद्यालय में हैं 24395 मतदाता: बताते चलें कि पटना छात्र संघ चुनाव में कुल 24395 मतदाता हैं. जिसमें छात्राओं की संख्या 50 फिसदी से अधिक है. पटना वीमेंस कॉलेज में सबसे अधिक मतदाता 5355 हैं और इसके बाद सबसे अधिक मतदाता मगध महिला कॉलेज में 3488 हैं. इन सबके अलावा बीएन कॉलेज और पटना कॉलेज में भी छात्राओं की संख्या अच्छी तादाद में है. ऐसे में इस बार छात्राओं के मत काफी अहम साबित होने वाला है. इस वजह से तमाम उम्मीदवार छात्राओं को अपने पक्ष में आकर्षित करते हुए नजर आ रहे हैं.

उम्मीदवार कर रहे तरह-तरह के दावे: उम्मीदवारों की ओर से तरह-तरह के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. कोई दावा कर रहा है कि आपके कॉलेज में डिसिप्लिन अधिक है तो इसमें वह ढ़िलाई करवाएंगे, लेकिन इन सब दावों के बावजूद छात्राओं के लिए प्रमुख मुद्दे क्या है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पटना विमेंस कॉलेज और मगध महिला कॉलेज के छात्राओं से बातचीत की.

छात्राओं ने खुलकर रखी अपनी बात: ईटीवी से बातचीत में छात्राओं ने खुलकर कहा कि कॉलेज में जो लाइब्रेरी है, उसमें काफी पुराने किताबें हैं. 1990 और 1995 के किताबें हैं, जो आज के समय में काफी अपडेट हो चुके हैं और अपडेट किताब लाइब्रेरी में नहीं है. जो उम्मीदवार लाइब्रेरी में अपडेटेड किताब की व्यवस्था कराने की बात रखेंगे, उनके पक्ष में मतदान करने पर विचार किया जाएगा.

"कॉलेज में रूल्स एंड रेगुलेशन काफी कड़े हैं, डिसिप्लिन पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है और ऐसा लगता है कि यह कॉलेज नहीं एक स्कूल है. मैं चाहती हूं कि उम्मीदवार रूल्स एंड रेगुलेशन में ढिलाई के लिए काम करें. कुछ कैंडिडेट दावा भी कर रहे हैं कि रूल्स एंड रेगुलेशन में थोड़ी ढ़िलाई वह कराएंगे और वह ऐसे ही उम्मीदवारों को वोट करेंगी."- हर्षिता सिंह, छात्रा, पटना विमेंस कॉलेज

"हमारे बिल्डिंग में फ्लोर पर वाश रूम की व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. इसके लिए उन्हें नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि जो कैंडिडेट जीते वह हमारे विभाग के फ्लोर पर पानी की व्यवस्था और वॉशरूम की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए काम करें और जो यह वादा करेगा, उसे वोट करूंगी. लाइब्रेरी भी प्रमुख मुद्दा है, क्योंकि लाइब्रेरी में अभी के समय पुराने बुक हैं. अपडेटेड बुक मौजूद नहीं है. ऐसे में पढ़ने में काफी कठिनाई आती है और यह मुद्दा भी काफी अहम है."- अदिति, छात्रा, पटना विमेंस कॉलेज

"जो उम्मीदवार हमारे हक की बात करेगा, उसे हम वोट करेंगे. लाइब्रेरी का मुद्दा हमारे लिए सबसे अहम है. लाइब्रेरी में नए बुक को अवेलेबल कराने के लिए जो पूरी तरह आश्वस्त करेगा, उसे वोट जाएगा."- सोनम कुमार, छात्रा, पटना विमेंस कॉलेज

छात्राओं को अपने पक्ष में कर रहे मतदाता: पटना विमेंस कॉलेज के बाहर अपने उम्मीदवार के पक्ष में छात्राओं को एकजुट करने का काम कर रही सृष्टि कुमारी ने बताया कि कॉलेज की छात्राओं से यह जानकारी मिली है कि उनके लिए क्या मुद्दे होने चाहिए, जिस पर उन्हें जानकारी मिली है कि यहां आस-पास साइबर कैफे की कोई व्यवस्था नहीं है. कुछ भी प्रिंट कराना होता है तो काफी समस्या आती है. ऐसे में कॉलेज कैंपस में फोटोस्टेट और प्रिंटिंग मशीन की व्यवस्था होनी चाहिए.

"पटना एमएस कॉलेज में फीस सबसे अधिक है. यह भी छात्राओं का प्रमुख मुद्दा है. लाइब्रेरी में अपडेटेड किताबें मौजूद हो. इन्हीं मुद्दों को लेकर समाधान की दिशा में हमारी क्या तैयारी होगी, इस पर हम काम कर रहे हैं और समाधान को लेकर भी हम छात्राओं को अपना विचार रखेंगे. ताकि छात्राओं का वोट उनके उम्मीदवार के पक्ष में जाए."- सृष्टि कुमारी, छात्रा

छात्र संघ चुनाव में लाइब्रेरी बना प्रमुख मांग: मगध महिला कॉलेज की छात्राओं की बात करें तो इनके लिए लाइब्रेरी में अपडेटेड किताबे होना तो प्रमुख मुद्दा है ही इसके साथ ही इनके लिए प्रमुख मुद्दा है कि इनकी आवाज को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक छात्र संघ प्रतिनिधि प्रमुखता से उठाएं. मगध महिला कॉलेज की छात्रा मानसी झा इस बार प्रेसिडेंट पद के दावेदार हैं. ऐसे में प्रेजिडेंट पद के लिए मगध महिला कॉलेज के सभी छात्राओं का वोट मानसी के तरफ जाता दिख रहा है. यहां की छात्राएं डंके की चोट पर सभी उम्मीदवारों से कह रही है कि प्रेसिडेंट के पद पर मानसी झा को ही कॉलेज से वोट जाएगा. बाकी पदों के लिए जो उम्मीदवार उनकी आवाज को विश्वविद्यालय तक प्रमुखता से उठाएगा उसे सपोर्ट करेंगी.

"पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने, रिजल्ट के समय जो समस्याएं उत्पन्न होती है, उस समय उन लोगों के मुद्दे को प्रमुखता से यूनिवर्सिटी प्रबंधन तक उठाने जैसे मुद्दे प्रमुख हैं. प्रेसिडेंट के लिए वोट मानसी झा को ही जाएगा, क्योंकि वह उनके कॉलेज की है और बाकी पदों के लिए उम्मीदवारों के विचारों को जान रहीं हूं."- अनुप्रिया सिंह, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

"जो हमारी बातों को प्रमुखता से उठाएगा. ऐसे उम्मीदवार को चुनाव में पसंद करेंगे और वोटिंग के समय अगर कैंडिडेट छात्रा है तो उसके प्रति झुकाव होगा और छात्र को चुनने के बजाए छात्रा को चुनना पसंद करूंगी."- रितु कुमारी, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

"कॉलेज में सभी सुविधाएं उपलब्ध है, लेकिन लाइब्रेरी में अपडेट किताबें नहीं है. यह मेरे लिए प्रमुख मुद्दा है. इसके अलावा हमारी बातों को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक जो प्रमुखता से उठाएगा, उसे वोट देने पर विचार करेंगे. इसके अलावा प्रेसिडेंट के पद पर अगर बात है तो कॉलेज का पूरा सपोर्ट मानसी झा के तरफ है, जो कॉलेज की ही स्टूडेंट है."- श्रुति आनंद, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

"तमाम लड़के वोट मांगने के लिए कॉलेज गेट पर आ रहे हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सभी यहां से गायब हो जाएंगे और दोबारा कोई हालचाल जानने भी नहीं आएगा. ना कभी समस्या होगी तो जल्दी कोई नजर आता है. कॉलेज की जो उम्मीदवार रहेंगी, उन्हें उनका वोट जाएगा, क्योंकि वह आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी. छात्रों के बजाय छात्राओं को अपना प्रत्याशी चुनने में यकीन है क्योंकि हम लोगों के मुद्दे को छात्राएं ही प्रमुखता से उठा सकती हैं."- दीपा कुमारी, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

ये भी पढ़ें- PU छात्र संघ चुनाव: गोलगप्पा, चाट, आइसक्रीम और मोमोज के ठेले को फ्री कराकर रिझा रहे गर्ल्स वोटरों को

पटना: पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव (Patna University Student Union Election) को लेकर विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सरगर्मी जोरों पर नजर आ रही है. तमाम छात्र संगठन कॉलेजों में जाकर अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार-प्रसार करते दिख रहे हैं और छात्र-छात्राओं को अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करते दिख रहे हैं. उम्मीदवार अलग-अलग दावे करते हुए भी दिख रहे हैं. उम्मीदवारों की भीड़ मगध महिला कॉलेज और पटना विमेंस कॉलेज में अधिक देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें- पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावः स्टूडेंट बोले- 'खरा उतरने वाले को ही मिलेगा वोट, शिक्षा सर्वोपरि'

निर्णायक भूमिका में होंगी छात्राओं के वोट: छात्र संघ चुनाव में इसबार छात्राएं निर्णायक भूमिका में है. छात्राओं का मत जिधर जाएगा, उसी उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है. ऐसे में छात्राओं के लिए इसबार प्रमुख मुद्दा है कि लाइब्रेरी में अपडेटेड वर्जन किताबें उपलब्ध कराई जाए और लाइब्रेरी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए. छात्राएं कॉलेज में स्वच्छ माहौल भी चाह रहे हैं.

विश्वविद्यालय में हैं 24395 मतदाता: बताते चलें कि पटना छात्र संघ चुनाव में कुल 24395 मतदाता हैं. जिसमें छात्राओं की संख्या 50 फिसदी से अधिक है. पटना वीमेंस कॉलेज में सबसे अधिक मतदाता 5355 हैं और इसके बाद सबसे अधिक मतदाता मगध महिला कॉलेज में 3488 हैं. इन सबके अलावा बीएन कॉलेज और पटना कॉलेज में भी छात्राओं की संख्या अच्छी तादाद में है. ऐसे में इस बार छात्राओं के मत काफी अहम साबित होने वाला है. इस वजह से तमाम उम्मीदवार छात्राओं को अपने पक्ष में आकर्षित करते हुए नजर आ रहे हैं.

उम्मीदवार कर रहे तरह-तरह के दावे: उम्मीदवारों की ओर से तरह-तरह के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. कोई दावा कर रहा है कि आपके कॉलेज में डिसिप्लिन अधिक है तो इसमें वह ढ़िलाई करवाएंगे, लेकिन इन सब दावों के बावजूद छात्राओं के लिए प्रमुख मुद्दे क्या है यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पटना विमेंस कॉलेज और मगध महिला कॉलेज के छात्राओं से बातचीत की.

छात्राओं ने खुलकर रखी अपनी बात: ईटीवी से बातचीत में छात्राओं ने खुलकर कहा कि कॉलेज में जो लाइब्रेरी है, उसमें काफी पुराने किताबें हैं. 1990 और 1995 के किताबें हैं, जो आज के समय में काफी अपडेट हो चुके हैं और अपडेट किताब लाइब्रेरी में नहीं है. जो उम्मीदवार लाइब्रेरी में अपडेटेड किताब की व्यवस्था कराने की बात रखेंगे, उनके पक्ष में मतदान करने पर विचार किया जाएगा.

"कॉलेज में रूल्स एंड रेगुलेशन काफी कड़े हैं, डिसिप्लिन पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है और ऐसा लगता है कि यह कॉलेज नहीं एक स्कूल है. मैं चाहती हूं कि उम्मीदवार रूल्स एंड रेगुलेशन में ढिलाई के लिए काम करें. कुछ कैंडिडेट दावा भी कर रहे हैं कि रूल्स एंड रेगुलेशन में थोड़ी ढ़िलाई वह कराएंगे और वह ऐसे ही उम्मीदवारों को वोट करेंगी."- हर्षिता सिंह, छात्रा, पटना विमेंस कॉलेज

"हमारे बिल्डिंग में फ्लोर पर वाश रूम की व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. इसके लिए उन्हें नीचे ग्राउंड फ्लोर पर जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि जो कैंडिडेट जीते वह हमारे विभाग के फ्लोर पर पानी की व्यवस्था और वॉशरूम की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए काम करें और जो यह वादा करेगा, उसे वोट करूंगी. लाइब्रेरी भी प्रमुख मुद्दा है, क्योंकि लाइब्रेरी में अभी के समय पुराने बुक हैं. अपडेटेड बुक मौजूद नहीं है. ऐसे में पढ़ने में काफी कठिनाई आती है और यह मुद्दा भी काफी अहम है."- अदिति, छात्रा, पटना विमेंस कॉलेज

"जो उम्मीदवार हमारे हक की बात करेगा, उसे हम वोट करेंगे. लाइब्रेरी का मुद्दा हमारे लिए सबसे अहम है. लाइब्रेरी में नए बुक को अवेलेबल कराने के लिए जो पूरी तरह आश्वस्त करेगा, उसे वोट जाएगा."- सोनम कुमार, छात्रा, पटना विमेंस कॉलेज

छात्राओं को अपने पक्ष में कर रहे मतदाता: पटना विमेंस कॉलेज के बाहर अपने उम्मीदवार के पक्ष में छात्राओं को एकजुट करने का काम कर रही सृष्टि कुमारी ने बताया कि कॉलेज की छात्राओं से यह जानकारी मिली है कि उनके लिए क्या मुद्दे होने चाहिए, जिस पर उन्हें जानकारी मिली है कि यहां आस-पास साइबर कैफे की कोई व्यवस्था नहीं है. कुछ भी प्रिंट कराना होता है तो काफी समस्या आती है. ऐसे में कॉलेज कैंपस में फोटोस्टेट और प्रिंटिंग मशीन की व्यवस्था होनी चाहिए.

"पटना एमएस कॉलेज में फीस सबसे अधिक है. यह भी छात्राओं का प्रमुख मुद्दा है. लाइब्रेरी में अपडेटेड किताबें मौजूद हो. इन्हीं मुद्दों को लेकर समाधान की दिशा में हमारी क्या तैयारी होगी, इस पर हम काम कर रहे हैं और समाधान को लेकर भी हम छात्राओं को अपना विचार रखेंगे. ताकि छात्राओं का वोट उनके उम्मीदवार के पक्ष में जाए."- सृष्टि कुमारी, छात्रा

छात्र संघ चुनाव में लाइब्रेरी बना प्रमुख मांग: मगध महिला कॉलेज की छात्राओं की बात करें तो इनके लिए लाइब्रेरी में अपडेटेड किताबे होना तो प्रमुख मुद्दा है ही इसके साथ ही इनके लिए प्रमुख मुद्दा है कि इनकी आवाज को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक छात्र संघ प्रतिनिधि प्रमुखता से उठाएं. मगध महिला कॉलेज की छात्रा मानसी झा इस बार प्रेसिडेंट पद के दावेदार हैं. ऐसे में प्रेजिडेंट पद के लिए मगध महिला कॉलेज के सभी छात्राओं का वोट मानसी के तरफ जाता दिख रहा है. यहां की छात्राएं डंके की चोट पर सभी उम्मीदवारों से कह रही है कि प्रेसिडेंट के पद पर मानसी झा को ही कॉलेज से वोट जाएगा. बाकी पदों के लिए जो उम्मीदवार उनकी आवाज को विश्वविद्यालय तक प्रमुखता से उठाएगा उसे सपोर्ट करेंगी.

"पटना विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने, रिजल्ट के समय जो समस्याएं उत्पन्न होती है, उस समय उन लोगों के मुद्दे को प्रमुखता से यूनिवर्सिटी प्रबंधन तक उठाने जैसे मुद्दे प्रमुख हैं. प्रेसिडेंट के लिए वोट मानसी झा को ही जाएगा, क्योंकि वह उनके कॉलेज की है और बाकी पदों के लिए उम्मीदवारों के विचारों को जान रहीं हूं."- अनुप्रिया सिंह, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

"जो हमारी बातों को प्रमुखता से उठाएगा. ऐसे उम्मीदवार को चुनाव में पसंद करेंगे और वोटिंग के समय अगर कैंडिडेट छात्रा है तो उसके प्रति झुकाव होगा और छात्र को चुनने के बजाए छात्रा को चुनना पसंद करूंगी."- रितु कुमारी, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

"कॉलेज में सभी सुविधाएं उपलब्ध है, लेकिन लाइब्रेरी में अपडेट किताबें नहीं है. यह मेरे लिए प्रमुख मुद्दा है. इसके अलावा हमारी बातों को विश्वविद्यालय प्रबंधन तक जो प्रमुखता से उठाएगा, उसे वोट देने पर विचार करेंगे. इसके अलावा प्रेसिडेंट के पद पर अगर बात है तो कॉलेज का पूरा सपोर्ट मानसी झा के तरफ है, जो कॉलेज की ही स्टूडेंट है."- श्रुति आनंद, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

"तमाम लड़के वोट मांगने के लिए कॉलेज गेट पर आ रहे हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सभी यहां से गायब हो जाएंगे और दोबारा कोई हालचाल जानने भी नहीं आएगा. ना कभी समस्या होगी तो जल्दी कोई नजर आता है. कॉलेज की जो उम्मीदवार रहेंगी, उन्हें उनका वोट जाएगा, क्योंकि वह आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी. छात्रों के बजाय छात्राओं को अपना प्रत्याशी चुनने में यकीन है क्योंकि हम लोगों के मुद्दे को छात्राएं ही प्रमुखता से उठा सकती हैं."- दीपा कुमारी, छात्रा, मगध महिला कॉलेज

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