पटना: कुछ माह पहले पटना शहर जलमग्न हो गया था और पूरे राजधानी में त्राहिमाम की स्थिति पैदा हो गई थी. उसी दौरान पटना के तत्कालीन कमिश्नर आनंद किशोर विदेश दौरे पर चले गए थे. गुरुवार को विधानसभा में नगर विकास विभाग के बजट के दौरान विपक्षी सदस्यों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
'सरकार क्यो बचा रही है आनंद किशोर को?'
पटना में हुए जलजमाव की जांच कराई गई और रिपोर्ट में दोषी पाए गए अधिकारियों पर कार्रवाई की गई. लेकिन सरकार की इस कार्रवाई से विपक्ष संतुष्ट नहीं है. विपक्ष का कहना है कि सरकार छोटे अधिकारियों को दंडित कर बड़े अधिकारियों को बचा रही है. आरजेडी विधायक भाई विरेंद्र ने कहा कि पटना में हुए जलजमाव के लिए सिर्फ और सिर्फ तत्कालीन कमिश्नर आनंद किशोर दोषी हैं. सरकार उन्हें सस्पेंड करे.
भाई विरेंद्र ने उपमुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा उस बाढ़ की पानी में हांफ पैंट पहने कर भागने वाले सुशील मोदी भी उनके बचाव में दिख रहे है. इस दोषी अफसर को बचाने में इस सकार की इतनी रुची क्यों है, यह समझ से परे है.
'प्रमाण दे विपक्ष'
संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्ष अगर प्रमाण देगी तो जरूर कार्रवाई की जाएगी. इस तरह आरोप लगा देने से किसी को सस्पेंड नहीं कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग है कि विकास आयुक्त ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसे सदन के पटल पर रखा जाए. सरकार रिपोर्ट दिखाने के लिए तैयार है.