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पटना जंक्शन पर कोरोना जांच में लापरवाही, हजारों लोगों की हो रही वापसी, ज्यादातर की नहीं हो रही जांच

सवाल उठ रहा है कि क्या पटना जंक्शन पर कोरोना जांच में लापरवाही बरती जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि रोज हजारों की संख्या में लोगों की वापसी हो रही है लेकिन कुछ ही लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है.

irresponsibility in corona testing at patna junction
irresponsibility in corona testing at patna junction
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Published : Apr 21, 2021, 11:03 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन जहां इसको लेकर पूरी तरह से अलर्ट है, वहीं पटना रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. यहां रोज हजारों लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन कुछ ही लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. लिहाजा जांच की प्रक्रिया में लापरवाही का आरोप लग रहा है.

ये भी पढ़ें- बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 18 साल से ज्यादा की उम्र वालों को मुफ्त में लगेगी वैक्सीन

बता दें कि पटना जंक्शन पर होली के तुरंत बाद ही कोरोना जांच केंद्र बनाया गया था. यहां पर यात्रियों की जांच की प्रक्रिया भी शुरू की गई लेकिन जांच में तेजी नहीं लाई जा रही है. 8 जांच केंद्रों पर रोज लगभग 2 से ढाई सौ लोगों की ही जांच हो रही है. हालांकि बुधवार को पटना जंक्शन पर 456 लोगों की जांच की गई. इसमें से 4 लोग संक्रमित पाए गए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

माइकिंग कर लोगों को किया जाता है जागरूक
बताया जा रहा है कि पटना जंक्शन पर रोज स्पेशल ट्रेन और मेल एक्सप्रेस ट्रेन से हजारों यात्री पहुंचते हैं और शहर में प्रवेश करते हैं. साथ ही यहां से दूसरे जगह भी जाते हैं. लेकिन पटना जंक्शन पर कोरोना जांच में कोताही बरती जा रही है. सैंपल जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन मनोज कुमार ने कहा कि हमारा काम जांच करना है. यात्री जो भी आते हैं उनकी जांच की जाती है. जबरदस्ती किसी की भी जांच नहीं की जाती है. ट्रेन आने के समय में रेलवे पुलिस की मदद ली जाती है. ताकि लोगों की जांच की जा सके. साथ ही समय-समय पर माइकिंग कर लोगों को गाइडलाइन के बारे में जागरूक किया जाता है.

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन जहां इसको लेकर पूरी तरह से अलर्ट है, वहीं पटना रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्रशासन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है. यहां रोज हजारों लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन कुछ ही लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है. लिहाजा जांच की प्रक्रिया में लापरवाही का आरोप लग रहा है.

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बता दें कि पटना जंक्शन पर होली के तुरंत बाद ही कोरोना जांच केंद्र बनाया गया था. यहां पर यात्रियों की जांच की प्रक्रिया भी शुरू की गई लेकिन जांच में तेजी नहीं लाई जा रही है. 8 जांच केंद्रों पर रोज लगभग 2 से ढाई सौ लोगों की ही जांच हो रही है. हालांकि बुधवार को पटना जंक्शन पर 456 लोगों की जांच की गई. इसमें से 4 लोग संक्रमित पाए गए.

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माइकिंग कर लोगों को किया जाता है जागरूक
बताया जा रहा है कि पटना जंक्शन पर रोज स्पेशल ट्रेन और मेल एक्सप्रेस ट्रेन से हजारों यात्री पहुंचते हैं और शहर में प्रवेश करते हैं. साथ ही यहां से दूसरे जगह भी जाते हैं. लेकिन पटना जंक्शन पर कोरोना जांच में कोताही बरती जा रही है. सैंपल जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन मनोज कुमार ने कहा कि हमारा काम जांच करना है. यात्री जो भी आते हैं उनकी जांच की जाती है. जबरदस्ती किसी की भी जांच नहीं की जाती है. ट्रेन आने के समय में रेलवे पुलिस की मदद ली जाती है. ताकि लोगों की जांच की जा सके. साथ ही समय-समय पर माइकिंग कर लोगों को गाइडलाइन के बारे में जागरूक किया जाता है.

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