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आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, अवैध खनन में कई अफसर संलिप्त

बिहार में बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई बिहार (Economic Offenses Unit Bihar) को सौंपी गई थी. जांच में बड़े पैमाने पर पुलिस (Police) और प्रशासनिक (Administrative) अधिकारी की संलिप्तता पाई गई है. देखें रिपोर्ट..

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Published : Jul 12, 2021, 7:30 PM IST

पटना: बिहार में बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) में बड़े पैमाने पर पुलिस (Police) और प्रशासनिक (Administrative) अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है. दरअसल, बालू के अवैध खनन की जांच आर्थिक अपराध इकाई बिहार (Economic Offenses Unit Bihar) से कराई गई थी. सूत्रों के मुताबिक अवैध खनन वाले जिलों को चिन्हित करने के बाद वहां तैनात अधिकारियों की भूमिका की जांच की गई, जिसमें बड़े पैमाने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी की संलिप्तता पाई गई है.

ये भी पढ़ें- बालू का अवैध खनन: घाटों पर बढ़ाई गई पुलिस की सख्ती, हर जिले में बनेगा छापेमारी दल

जानकारी के अनुसार बालू के अवैध खनन को लेकर 2 जिलों के एसपी समेत ढाई दर्जन से अधिक अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की जा सकती है. बालू के अवैध खनन को लेकर पिछले कुछ दिनों में सोन नदी में सिपाही और फौजी गैंग के बीच गोलीबारी भी हुई थी, जिसमें दोनों तरफ से कई लोग घायल भी हुए थे.

घटना के बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर बालू घाटों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है. कई जिलों में अवैध बालू खनन में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ अवैध खनन में लगे वाहनों को भी जब्त किया गया है, उसके बावजूद भी बालू का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

बालू के अवैध खनन मामले में आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट से खुलासा होने के बाद गृह विभाग ने पुलिस अफसरों के साथ-साथ खनन विभाग के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है. दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की गई जांच में बालू के अवैध खनन में 2 आईपीएस अधिकारी, दो एसडीओ, 4 डीएसपी रैंक के अफसर, 18 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के अलावा राजस्व, परिवहन और खनन विभाग के अफसर की संलिप्तता पाई गई है.

बालू के लगातार हो रहे अवैध खनन के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से बालू घाटों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती भी की गई है. इसके साथ-साथ अभियान चलाकर कई बालू तस्करों की गिरफ्तारी के साथ-साथ अवैध बालू खनन में लगे वाहनों की जब्ती भी की गई है. उसके बावजूद भी पूर्ण रूप से अवैध बालू खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से दी गई रिपोर्ट और गृह विभाग के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने बालू के अवैध खनन में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिराना शुरू कर दिया है. दो दिन पहले पुलिस मुख्यालय की तरफ से करीब डेढ़ दर्जन दारोगा और इंस्पेक्टर का तबादला किया गया था. तबादले का कारण प्रशासनिक दृष्टिकोण बताया गया था. बता दें कि पहले भी खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव ने बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बालू के अवैध खनन में पुलिस की संलिप्तता को लेकर पत्र भी लिखा था.

ये भी पढ़ें- खान एवं भूतत्व विभाग ने पत्र लिखकर खोली पुलिस की पोल, ADG ने सफाई में कहा- हो रही है कार्रवाई

आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना, औरंगाबाद, भोजपुर, रोहतास और सारण में पदस्थापित पुलिसकर्मी और अन्य विभाग के पदाधिकारी की मिलीभगत सामने आई है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर राजस्व, खनन और परिवहन विभाग के अधिकारियों समेत एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ पर कार्रवाई की सिफारिश संबंधित विभागों से की है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

पटना: बिहार में बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) में बड़े पैमाने पर पुलिस (Police) और प्रशासनिक (Administrative) अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है. दरअसल, बालू के अवैध खनन की जांच आर्थिक अपराध इकाई बिहार (Economic Offenses Unit Bihar) से कराई गई थी. सूत्रों के मुताबिक अवैध खनन वाले जिलों को चिन्हित करने के बाद वहां तैनात अधिकारियों की भूमिका की जांच की गई, जिसमें बड़े पैमाने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी की संलिप्तता पाई गई है.

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जानकारी के अनुसार बालू के अवैध खनन को लेकर 2 जिलों के एसपी समेत ढाई दर्जन से अधिक अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की जा सकती है. बालू के अवैध खनन को लेकर पिछले कुछ दिनों में सोन नदी में सिपाही और फौजी गैंग के बीच गोलीबारी भी हुई थी, जिसमें दोनों तरफ से कई लोग घायल भी हुए थे.

घटना के बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर बालू घाटों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है. कई जिलों में अवैध बालू खनन में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ अवैध खनन में लगे वाहनों को भी जब्त किया गया है, उसके बावजूद भी बालू का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

बालू के अवैध खनन मामले में आर्थिक अपराध इकाई की रिपोर्ट से खुलासा होने के बाद गृह विभाग ने पुलिस अफसरों के साथ-साथ खनन विभाग के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है. दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की गई जांच में बालू के अवैध खनन में 2 आईपीएस अधिकारी, दो एसडीओ, 4 डीएसपी रैंक के अफसर, 18 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के अलावा राजस्व, परिवहन और खनन विभाग के अफसर की संलिप्तता पाई गई है.

बालू के लगातार हो रहे अवैध खनन के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से बालू घाटों पर अतिरिक्त फोर्स की तैनाती भी की गई है. इसके साथ-साथ अभियान चलाकर कई बालू तस्करों की गिरफ्तारी के साथ-साथ अवैध बालू खनन में लगे वाहनों की जब्ती भी की गई है. उसके बावजूद भी पूर्ण रूप से अवैध बालू खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है.

दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से दी गई रिपोर्ट और गृह विभाग के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने बालू के अवैध खनन में संलिप्त पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिराना शुरू कर दिया है. दो दिन पहले पुलिस मुख्यालय की तरफ से करीब डेढ़ दर्जन दारोगा और इंस्पेक्टर का तबादला किया गया था. तबादले का कारण प्रशासनिक दृष्टिकोण बताया गया था. बता दें कि पहले भी खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव ने बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बालू के अवैध खनन में पुलिस की संलिप्तता को लेकर पत्र भी लिखा था.

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आर्थिक अपराध इकाई के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना, औरंगाबाद, भोजपुर, रोहतास और सारण में पदस्थापित पुलिसकर्मी और अन्य विभाग के पदाधिकारी की मिलीभगत सामने आई है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर राजस्व, खनन और परिवहन विभाग के अधिकारियों समेत एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ पर कार्रवाई की सिफारिश संबंधित विभागों से की है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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