पटना: आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह अपनी साफ-सुथरी छवी और बेबाकी से बोलने के लिए जाने जाते हैं. वो लालू प्रसाद के बेहद करीबी और विश्वसनीय भी माने जाते हैं. उन्हें पार्टी की कमान वैसे वक्त में दी गई है, जब लालू प्रसाद का परिवार आंतरिक कलह से जूझ रहा है. वहीं, प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. बतौर प्रदेश अध्यक्ष उनकी चुनौतियों और चुनाव की तैयारियों के बारे में ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने खास बातचीत की. पेश है प्रमुख अंश.
सवाल: जगदानंद सिंह, जिस तरह से आरजेडी लोगों का भरोसा खोने लगी है, ऐसे में अब जबकि आप प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, किस तरह से आप लोगों के भरोसे को जीत पाएंगे?
जवाब: जगदानंद सिंह ने जवाब देते हुए कहा, 'देखिये, राष्ट्रीय जनता दल ने कभी भी लोगों का विश्वास नहीं खोया. हमारी पार्टी समाजवादी आंदोलन की उपज है. कर्पूरी ठाकुर अंतिम नेता थे और इसके बाद पूरे अपने दल, जिसका निर्माण उन्होंने कमजोर गरीब, शोषित के लिए किया था, उसी में से एक व्यक्ति को विश्वास करके नेतृत्व सौंपा था. सत्ता में रहना ही केवल जनता का विश्वास नहीं होता. आरजेडी को भी लगातार लोगों का भरोसा मिला है. ये बात सच है कि कुछ कुप्रचार के कारण हम सत्ता से हट गए लेकिन समाजवादी सोच वाली हमारी पार्टी या तो सत्ता में रही या विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी रही.'
सवाल: आरजेडी फिर से सत्ता में आए, इसके लिए आप क्या प्रयास करेंगे?
जवाब: निश्चित रुप से हम अपनी नीतियों को लागू ही करते हैं सत्ता को पाने के लिए. कभी कोई जब मजाक भी करता है कि लोग राज्य के लिए लड़ते हैं, तो शायद उनको मैं बेवकूफ के सिवा कुछ नहीं समझता हूं. जब तक लोगों के हाथ में दायित्व न हो, तब तक कोई अपनी नीतियों को निचले स्तर तक लागू नहीं कर सकता.
सवाल: तो आपको लगता है कि आरजेडी फिर से सत्ता में आ सकता है?
जवाब: देखिये, धोखेबाजों की धोखाधड़ी खत्म हो गई है. देश से भी खत्म हो गया और प्रदेश से भी करीब-करीब खत्म हो रहा है. एक बड़ा भ्रम लोगों ने फैलाया और इसमें मीडिया का भी रोल बहुत बड़ा रहा. बार-बार जंगल राज की बात कही गई.
प्रश्न: जंगल राज तो पटना हाइकोर्ट ने कहा था.
जवाब: मैं माननीय न्यायालय के बारे में कुछ कहना नहीं चाहत, लेकिन एक बात जान लीजिए कभी-कभी अपराध बढ़ते हैं और विपक्ष उसका फायदा उठाता. जिस समय को जंगल राज कहा गया और आज जिसे सुशासन कहा जाए, उसमें सच्चाई ये है कि उस समय के हिसाब से तमाम तरह के अपराध दोगुनी संख्या में बढ़ी हैं.
सवाल: अपराध को आपकी पार्टी मुद्दा बनाने में विफल रही है. कभी बढ़ते अपराध को लेकर आरजेडी ने लंबा आंदोलन नहीं किया.
जवाब: मुद्दा तो मीडिया बनाता है. विधानसभा में हमने कितनी मर्तबे अपराध को लेकर सवाल उठाए हैं. क्राइम इंडिया की रिपोर्ट में आज बिहार टॉप पर है, जबकि हमारे समय में नीचे से तीन नंबर पर थे. सच तो ये है कि मीडिया सरकार की खामियों को सही तरह से उजागर नहीं करता. जबकि उस समय जितने अपराध होते थे, उससे कहीं ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता था. लेकिन ऐसा नहीं है कि राज्य बेचैन नहीं है. किसी चीज को बहुत दिनों तक छुपाया नहीं जा सकता. कभी हमने आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज नहीं किया, लोगों से बात की, उन्हें उनका अधिकार दिलाया. सभी समाज को साथ लेकर चलने की कोशिश की.
सवाल: अगर आपकी सरकार ने इतने अच्छे काम किए तो जनता ने सत्ता से बेदखल क्यों किया?
जवाब: विरोधियों ने जब देख लिया कि चुनाव से लालू प्रसाद नहीं हारेंगे तो कुप्रचार किया. झूठमूठ के जातिवादी बातों का इल्जाम लगाया. लालू जी ने कभी भी भूरा बाल साफ करो जैसी बातें नहीं की थी. लेकिन लोगों के बीच हम लोगों की गलत छवि बना दी गई. उन्होंने कहा कि जनता के मन में भ्रम बैठाया गया. इस में मीडिया ने भी भूमिका निभाई है. लेकिन अब जनता के मन से भ्रम टूट चुका है.
सवाल: उस छवि को बदलने के लिए क्या आप लोगों ने कोई रणनीति तैयार की है?
जवाब: उस छवि को बदलने के लिए जनता ही रणनीति तैयार कर रही है. लोग ये जान चुके हैं कि लालू प्रसाद ने कभी किसी में भ्रम नहीं फैलाया. उन्होंने सभी को मान्यता दी. जनता भ्रम फैलाने वालों को पहचान चुकी है. जनता उन्हें सबक भी सिखाएगी.