पटना: राजधानी पटना में प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (Shehnai Maestro Ustad Bismillah Khan) के नाम पर जल्द ही एक संस्था का नाम रखा जाएगा. इस बात का ऐलान राज्य के कला संस्कृति और युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने शुक्रवार को विधान परिषद में किया. दरअसल सदन के वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर गुलाम गौस ने यह प्रश्न पूछा था कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान शहनाई वादक थे, वो बिहार की माटी के लाल थे. भारत सरकार द्वारा उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, क्या यह सच है कि राज्य सरकार पटना में उनके नाम पर किसी संस्था का नाम रख कर उनको सम्मानित करना चाहती है? अगर ऐसा है तो सरकार कब तक पटना में किसी संस्था का नाम उनके नाम पर रखेगी.
पढ़ें-पुण्यतिथि विशेष: DM अमन समीर ने कहा- बक्सर के विशेष रत्न थे भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान
बिस्मिल्लाह खान पर एकमत नजर आया सदन: प्रोफेसर गुलाम गौस के सवाल पर पूरा सदन एकमत नजर आया.वहीं इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने भी कहा कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम पर भवन होना चाहिए. पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने भी इस बात पर अपनी सहमति जताई है. इस प्रश्न पर पूरे सदन की भावना को देखते हुए मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि जल्द ही उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम पर संस्था का नाम रखा जायेगा. इस पर फिलहाल काम किया जा रहा है.
"सरकार बिहार के मूल निवासी भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम पर किसी भी अकादमी या संस्थान का नाम रखने की योजना बना रही है, जिन्होंने कला के क्षेत्र में महान योगदान दिया था."-जितेंद्र कुमार राय, मंत्री, कला संस्कृति और युवा विभाग
कौन थे उस्ताद बिस्मिल्लाह खान: बता दें कि भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का असली नाम कमरुद्दीन खान था. जिनका जन्म 21 मार्च 1916 में बक्सर के डुमरांव में हुआ था. उनका रिशता पारंपरिक मुस्लिम संगीतकारों के परिवार से था. उनके पिता पैगंबर बख्श खान और मां मिट्ठन बाई था, वह परिवार के दूसरे पुत्र थे. उनका नाम "बिस्मिल्लाह" उनके दादा रसूल बक्श खान ने रखा था. साल 2001 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया था. वहीं 21 अगस्त, 2006 में वाराणसी में उन्होंने आखिरी सांस ली.