पटनाः राजद के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का मुद्दा गहराता जा रहा है. लालू यादव की लगातार बीमारी और दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के हाथ में पार्टी की अघोषित बागडोर को लेकर यह कयास पहले से ही लग रहे हैं कि तेजस्वी यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगे (Tejashwi Yadav Controversy in RJD). लेकिन जैसे ही तेजस्वी का नाम सामने आया, उनके बड़े भाई तेजप्रताप ने साफ कर दिया कि लालू यादव ही पहले अध्यक्ष थे, वर्तमान में हैं और आगे भी वही रहेंगे. ऐसे में लालू यादव और उनकी पार्टी बैकफुट पर है और फिलहाल तेजस्वी की ताजपोशी ठंडे बस्ते में चली गई है.
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राजद के लिए वर्ष 2022 सांगठनिक चुनाव का वर्ष है. पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है. इससे पहले 10 फरवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (RJD National Executive Meeting) होने वाली है. पिछले कुछ समय से जिस तरह से पार्टी की कमान अघोषित रूप से तेजस्वी यादव ने संभाल रखी है, उससे इस वर्ष उनकी पार्टी की बागडोर संभालने का पूरा खाका तैयार था. लेकिन राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले जैसे ही तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की चर्चा ने जोर पकड़ा, तेज प्रताप यादव ने अपना वीटो कर दिया.
सूत्रों के मुताबिक तेजप्रताप यादव ने लालू यादव को फोन कर अपनी नाराजगी भी बयां कर दी थी, जिसके बाद लालू यादव को मीडिया के सामने यह स्पष्ट करना पड़ा कि ऐसी कोई बात नहीं है. पार्टी के नेता भी लालू यादव के बयान को लेकर यह कह रहे हैं कि फिलहाल लालू यादव ही अध्यक्ष हैं. प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि, सांगठनिक चुनाव के बाद यह फैसला होगा कि कौन अगला अध्यक्ष होगा. यह सब बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है. पार्टी पूरी तरह एकजुट है और कहीं कोई परेशानी नहीं है.
इधर तेजप्रताप यादव ने आज एक बार फिर लालू यादव के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस चर्चा का कोई मतलब नहीं है क्योंकि लालू यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि क्या होने वाला है. उनके बयान से साफ है कि वह लालू यादव के अलावा किसी और के नाम पर सहमत नहीं होंगे.
'लालू यादव का स्वास्थ्य इस बात की इजाजत नहीं देता कि वे लंबे समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभाल सकें. जाहिर तौर पर तेजस्वी यादव ही उनके उत्तराधिकारी के तौर पर पार्टी के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं. लेकिन लालू के सामने यह चुनौती है कि वे किस तरह पार्टी और परिवार को एकजुट रखें और ऐसे में फिलहाल तेजप्रताप के रुख को देखते हुए लालू यादव ने तेजस्वी की ताजपोशी की संभावना से इनकार कर दिया है.' -डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
आपको बताएं कि लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और छोटे बेटे तेजस्वी यादव के बीच पिछले कुछ समय से चुनाव में टिकट और कई अन्य मुद्दों को लेकर विवाद हो चुका है. पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से विवाद के बाद उन्होंने छात्र राजद से नाता तोड़ लिया और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर वे लालू यादव के अलावा किसी और के नाम पर सहमत नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इस वर्ष भी अगर बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव पार्टी की बागडोर संभालते हैं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. हालांकि अभी इस में लंबा वक्त है और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अक्टूबर तक कई नई बातें भी सामने आ सकती हैं.
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